एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाओं होता है, सबसे ज्यादा दर्द? जानें कारण और उपचार
एंडोमेट्रियोसिस के केश भारत में तेजी से बढ़ कर रहे हैं । इसके कारण अधिकांश महिलाओं को दर्दनाक माहवारी, पेट के निचले हिस्से में अधिक ऐंठन, संबंध के दौरान दर्द, कब्ज की समस्या, दस्त, पेल्विक पेन , पीठ में दर्द, पेशाब करते समय दर्द, मल पास करते समय दर्द इत्यादि की परेशानियां हो रही है।
सर्वे से पता चलता है, कि एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित 90 प्रतिशत महिलाओं को सबसे ज्यादा दर्द का सामना करना पड़ता है। परंतु 8-10 प्रतिशत ऐसी भी महिलाएं हैं जो बिना लक्षण के हैं, और कुछ जागरूकता की कमी के कारण अभी भी शांत रहती हैं। आज हर 10 में से एक महिला में एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण दिखाई देते है। जिसमें सबसे अधिक 18 से 35 वर्ष की महिलाएं और युवतियाँ शामिल है।
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आइये जानते है क्या होता है एंडोमेट्रियोसिस ?
एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसा विकार है जो प्रजनन आयु की युवतियों और महिलाओं को प्रभावित करता है। इसका संबंध प्रजनन से जुड़े अंगों से होता है। एंडोमेट्रियोसिस गर्भाशय की परत के बाहर ऊतक जैसा दिखाई देता है। और समय के साथ इसमें वृद्धि भी होती है। जिसके कारण तीव्र पैल्विक दर्द, इनफर्टिलिटी की समस्या, लंबे मासिक धर्म चक्र, मतली या उल्टी होती है।
अब एंडोमेट्रियोसिस काफी आम होता जा रहा है। फिर भी कई महिलाओं को इसके बारे में पूरी जानकारी नही है। यदि इस बीमारी पर ध्यान नहीं दिया गया है । तो यह महिलाएं मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक दर्द की और बांझपन की बन सकती हैं।
एंडोमेट्रियोसिस की परत (विकार , ऊतक) बढ़ जाने से प्रजनन अंग पूरी तरह से प्रभावित हो जाते है और पूरी तरह से कार्य करने में निष्क्रिय हो जाते है। एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी समस्या है, जिसके कारण महिलाओं में माहवारी के दौरान अधिक ब्लाडिंग होती है । और साथ में तेज दर्द भी सहन करना पड़ता है। इस एक प्रकार का पेल्विक एरिया संक्रमण भी कहा जा सकता है।
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क्या है एंडोमेट्रियोसिस के कारण ?
एंडोमेट्रियोसिस के समस्या के लिए कई सारे स्वास्थ्य कारण जिम्मेदार हो सकते है। जो कि इस प्रकार है –
- आयुर्वेद के विशेषज्ञों को मानना है, कि जब शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। तो प्रजनन से संबंधित संक्रमण होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है।
- यदि किसी महिला की सर्जरी (सी-सेक्शन) हुई है तो ऐसे में भी एंडोमेट्रियोसिस होने का डर रहता है।
- पीरियड्स के दौरान ब्लड के साथ कुछ टिश्यु बाहर जाने की वजह Fallopian tube में रिस्टोर हो जाती है । जो एंडोमेट्रियोसिस का कारण बन जाती है।
- किसी बीमारी के इलाज में ली जा रही दवाओं के कारण भी इस तरह के संक्रमण होना एक आम सी बात है।
- कुछ अनुवंशिक कारणों से भी एंडोमेट्रियोसिस की समस्या हो सकती है।
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एंडोमेट्रियोसिस का आयुर्वेदिक उपचार –
एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी समस्या है । जिसके द्वारा पेशेंट को इतना अधिक दर्द रहता है, कि वह चैन की सास तक नही ले सकती है। यह दर्द सबसे अधिक माहवारी के दौरान होता है और पूरी लाइफ स्टाइल को खराब करके रख देता है। यद बीमारी यदि किसी महिला को है, तो उसका किसी काम को करने में बिल्कुल भी नही लगता है। इस बीमारी के कारण प्रेगनेंसी तो होती ही नही है और साथ में उसका जीना दूभर हो जाता है। ऐसे में कुछ आयुर्वेदिक उपाय आपकी मदद कर सकते है।
यदि आप एंडोमेट्रियोसिस की समस्या से परेशान है । और बच्चा चाहती है तो इसके लिए आयुर्वेद में पंचकर्मा एवं उत्तर बस्ती थेरेपी मौजूद हैं। आयुर्वेदिक औषधियाँ गर्भाशय से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने और प्रजनन अंगों में स्फूर्ति भरने के लिए प्राचीन काल से जानी जाती है। गर्भाशय और ओवरी से जुड़े मामलो में आयुर्वेद सबसे बेहतर इलाज शाबित हुआ है।