अस्थानोजोस्पर्मिया का योग द्वारा उपचार – Yoga For Asthenospermia Treatment
मन की शांति तथा मन और शरीर के बीच संबंध स्थापित करने के लिए योग सबसे अच्छा माध्यम है। योग की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह मन को शांत करके तनाव को दूर करता है जिससे पुरुष शुक्राणु उत्पादन में मदद मिलती है। Yoga For Asthenospermia – अस्थानोजोस्पर्मिया एक प्रकार का पुरुष के वीर्य का विकार है, जो पुरुष बांझपन के लिए जिम्मेदार माना जाता है। अस्थानोजोस्पर्मिया से समस्या से परेशान पुरुषों को पुरुष प्रजनन संबंधी कई परिस्थितियाँ होती है। अस्थानोजोस्पर्मिया का निदान योग नियमित योगासन के द्वारा किया जा सकता है।
अस्थानोजोस्पर्मिया पुरुष जननांगों से संबंधित विकार है। अस्थानोजोस्पर्मिया खराब शुक्राणु गतिशीलता को दर्शाता है। अस्थानोजोस्पर्मिया शुक्राणु की गुणवत्ता को कम करके पुरुष बांझपन का कारण बनता है। यह स्खलित वीर्य में शुक्राणु कोशिकाओं की कम गतिशीलता को दर्शाता है। पुरुष प्रजनन क्षमता के लिए शुक्राणु की गति महत्वपूर्ण होती है।
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यदि स्वाभाविक रूप से गर्भ धारण करने की कोशिश कर रहें है तो सबसे पहले अस्थानोजोस्पर्मिया का निवारण करना बहुत ही आवश्यक है। शुक्राणु को योनि के माध्यम से और फैलोपियन ट्यूब में एक लंबी यात्रा पूरी करनी होती है।
यदि शुक्राणु की गतिशीलता कम है, तो वे एक अंडा कोशिका तक पहुंचने और निषेचित होने की संभावना कम हो जाती हैं और बांझपन का कारण बन सकते हैं। अस्थानोजोस्पर्मिया की समस्या के बात करें तो यह आनुवंशिक हो सकता है । इसके अतिरिक्त अधिक उम्र, स्वास्थ्य और खराब जीवन शैली के कारण भी अस्थानोजोस्पर्मिया की समस्या हो सकती है।
यदि आप अस्थानोजोस्पर्मिया की समस्या से परेशान है तो ऐसे में योग आपके लिए मददगार शाबित हो सकता है। यदि आपको वीर्य से संबंधिक कोई भी समस्या तो आपको शर्मिंदा होने की बिल्कुल भी आवश्यकता नही है। यह एक प्रकार का विकार है और इस बारें में आपको खुलकर बात करना चाहिए। योग शास्त्र में कई प्रकार के आसन एवं मुद्राए है जो पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर में सुधार करती हैं। योग पेल्विक एरिया में रक्त का संचार ठीक प्रकार से करता है जिससे अस्थानोजोस्पर्मिया जैसे विकारों को रोका जा सकता है।
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निम्नलिखित योग आसनों पर एक नज़र डालें जो अस्थानोजोस्पर्मिया दोष को दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैं –
कुंभक आसन – इस आसन को प्लैंक पोज़ भी कहा जाता है और यह आपके वीर्य में सुधार और गतिशशीलता को बेहतर करने में मदद करता है। यदि यह आसन नियमित रूप से किया जाता है, तो आप सेक्स के दौरान सहनशक्ति और ताकत में अच्छा अनुभव कर सकते हैं।
नौकासना – इसे बोट पोज़ भी कहा जाता है और यह यौन हार्मोन को उत्तेजित करता है। यदि आप यौन ऊर्जा महसूस नहीं करते हैं तो यह मुद्रा ऊर्जा को सुचारू रूप से प्रवाहित करने में मदद करेगी। यह आसन कूल्हों और जांघ की मांसपेशियों को मजबूत करता है। यह पेल्विक की मांसपेशियों को भी मजबूत करता है जो आपको बिस्तर पर लंबे समय तक रहने में मदद कर सकता है।
धनुरासन – यह आसन शीघ्रपतन, स्तंभन दोष और संभोग सुख प्राप्त करने में मदद करता है।
उपरोक्त सभी अभ्यासों के लिए, एक अच्छे योग शिक्षक की सलाह जरुर लें। यदि आप किसी भी आसन को करने में असहज हैं, तो इससे बचें और परामर्श लें।
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