महिलाओं में सफेद पानी आने का आयुर्वेदिक उपचार – White Discharge Treatment in Ayurveda
आयुर्वेद महिलाओं की समस्याओं के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी इलाज प्रदान करता है। बांझपन से लेकर अनियमित मासिक धर्म तक, महिलाओं के मुद्दों की बात करें तो आयुर्वेद सबसे अच्छा विकल्प है। वैसे तो सभी महिलाओं की योनि से स्राव (white Discharge) होता है परंतु सामान्य स्त्राव और बदबूदार डिस्चार्ज में बहुत बड़ा अंतर होता है।
महिलाओं में सफेद पानी (white Discharge) आने की समस्या को मेडिकल की भाषा में लिकोरिया के नाम से जाना जाता है और आयुर्वेद में महिलाओं की इस तरह की समस्या को श्वेद प्रदर कहता है। सफेद पानी आने की समस्या अक्सर ठीक तरह से साफ सफाई का ध्यान न देने एवं किसी संक्रमण की वजह से होती है। अक्सर महिलाएं शर्म एवं लज्जा के चलते इस समस्या के बारें में किसी से बात करने में शर्म खाती है और धीरे धीरे यह समस्या बढ़ती ही जाती है। अंत में यह समस्या एक बड़ी बीमारी का रुप धारण कर लेती है और फिर इसको ठीक होने में काफी वक्त लगता है। इसलिए शुरुआत में ही यदि किसी महिलाओं को श्वेत प्रदर जैसे कोई भी लक्षण दिखाई देते है तो तुरंत चिकित्सा परामर्श करना चाहिए।
महिलाओं के प्रजनन अंगों में होने वाली यह एक प्रकार की सामान्य बीमारी है जिसमें महिलाओं की योनि से बदबूदार चिपचिपा द्रव्य निकलता है। यदि कोई महिला किसी कारणवश यौन संक्रमित हो जाती है तो भी इस तरह के लक्षण हो सकते है।
आयुर्वेद के अनुसार श्वेत प्रदार मुख्य रूप से दो प्रकार के होते है – White discharge treatment in ayurveda
- सामान्य योनि स्राव – स्वाभाविक योनि स्राव मासिक धर्म के दौरान बिना गंध वाला चिपचिपा पतला पानी महिलाओं की योनि से निकलता है। जब महिला ओव्युलेट करती है उस दौरान योनि स्राव अधिक होने लगता है। यह महिला के शरीर के तापमान पर निर्भर करता है और यह एक सामान्य प्रक्रिया है। सामान्य योनि स्राव में किसी प्रकार के उपचार की जरुरत नही होती है।
- असामान्य य़ोनि स्त्राव – इस प्रकार का योनि स्त्राव किसी संक्रमण के कारण होता है। इस स्त्राव का रंग अधिक पीला तथा दुर्गंध युक्त होता है। इस प्रकार के स्राव में यीस्ट इंफेक्शन होने का भी खतरा रहता है।
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ल्यूकोरिया (श्वेत प्रदर) के कारण – White Discharge Causes
महिलाओं में यदि मासिक धर्म के पहले या फिर मासिक धर्म के बाद ऐसी समस्या होती है तो यह एक सामान्य बात है। परंतु यदि अधिक मात्रा में लगातार ऐसा देखना को मिलता रहता है तो इसका उपचार जरुर करवाना चाहिए।
- पोषण की कमी
- योनि की नियमित साफ सफाई का ध्यान न देना।
- खून की कमी
- बार-बार गर्भपात होना।
- डायबिटीज की समस्या के कारण।
- कमजोर इम्यूनिटी
- तनाव एवं अधिक परिश्रम वाला कार्य
- कॉपर टी लगाने पर भी हो सकता है।
- अधिक दवाओं का सेवन
- बैक्टीरियल संक्रमण के कारण इत्यादि।w
ल्यूकोरिया (श्वेत प्रदर) के लक्षण – White discharge symptoms in Hindi
यदि आप ल्यूकोरिया के लक्षणों की पहचान करना चाहते है तो इन लक्षणों के आधार पर आप इसकी पहचान कर सकते है –
- योनिमार्ग में अधिक खुजली और चुनचुनाहट महसूस करना।
- कमर में दर्द बना रहना।
- कमजोरी महसूस होना एवं चक्कर की समस्या होना।
- भूख कम न लगना एवं जी मिचलाना की समस्या बार-बार होना।
- आंखों के नीचे डार्क सर्कल होना।
- मेहनत वाले काम करने के बाद आंखों के सामने अंधेरा सा छा जाना।
- पिंडलियों में दर्द बना रहना।
- स्वभाव में चिडचिड़ा पन रहना।
श्वेद प्रदर का आयुर्वेदिक उपचार – White Discharge Treatment in Ayurveda
श्वेत प्रदर का सबसे कारगर और स्थाई इलाज आयुर्वेद में उपलब्ध है। आयुर्वेद श्वेत प्रदर की समस्या को दूर करने के लिए सबसे पहले साफ-सफाई, दिनचर्या एवं पौष्टिक भोजन की सिफारिश करता है। क्योंकि यदि किसी रोग या बीमारी को जड़ से समाप्त करना हो तो सबसे पहले उसकी जड़ पर वार करना पड़ता है और आयुर्वेद भी ऐसा ही करता है।
आंवले का चूर्ण – आंवला का चूर्ण या आंवले का नियमित सेवन किसी भी रुप में जैसे मुरब्बा, पाग, आचार इत्यादि में करते है तो इस तरह की समस्या को कम किया जाता है।
अंजीर का सेवन – अंजीर को रात में भिगोकर उसका सेवन करने से सफेद पानी आने की समस्या कम हो जाती है।
त्रिफला चूर्ण – रात्रि में 2 चम्मच त्रिफला चूर्ण भिगो दें और सुबह उसके पानी को छान कर नियमित 3 माह तक सेवन करने से सफेद पानी आने की समस्या जड़ से समाप्त हो जाती है।
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श्वेत प्रदर में क्या क्या परहेज करना चाहिए – What should be avoided in white Leucorrhoea –
यदि आपके अंदर श्वेत प्रदर जैसी समस्या के लक्षण है तो आपको कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन बहुत कम मात्रा में करना चाहिए ।
- अधिक नमक एवं तला भूना नही खाना चाहिए।
- जंक फूड एवं बासी भोजन नही करना चाहिए।
- धूम्रपान न करें तथा शराब से दूरी बनाएं।
- तनाव को स्थान न दें।
- मन में नकारात्मक विचार न लाएं ।
जीवन शैली में कैसे करें बदलाव ताकि श्वेत प्रदर की समस्या पर पायें काबू – White Discharge Control
जीवन शैली में बदलाव करके भी आप इस तरह की समस्या से निजात पा सकते है।
- नियमित रुप से योग एवं व्यायाम करें।
- पौष्टिक भोजन एवं संतुलित आहार को शामिल करें।
- अंडर गारमेंट का चयन करते समय सूती कपड़ों को शामिल करें।
- मासिक धर्म के दौरान साफ सफाई का ध्यान दें।
- नियमित रूप से पैदल चलने की आदत डालें।
- पैड्स का उपयोग करें।
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