Menopause in hindi, Menopause causes, symptoms and treatment

Menopause क्या होता है? Menopause के कारण, लक्षण,निदान एवं उपचार – Causes, Sign, Symptoms, Diagnosis, Treatment

आज हम आपको इन्हीं सभी प्रश्नों के जबाव देंगे और Menopause से संबंधित पूरी जानकारी आपको तक पहुचाने की भरपूर कोशिश करेंगे। क्योंकि यह एक ऐसा विषय है जिसके बारें मे चर्चा करने में हिचकिचाते है। इसके बारे में खुलकर महिलाएं बात नही करती है।


Menopause के बारें में विस्तार से की गई चर्चा उन महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है खासकर उन महिलाओं के लिए जो Menopause की अवस्था से गुजर चुकी है या फिर फिर Menopause stage से गुजर रही है। यह टॉपिक उन बच्चियों के लिए भी बहुत ही अच्छा है जिनकी माँओं को Menopause हो रहा है या फिर वह इस स्थित को पार कर चुकी है।


इस Menopause की सबसे बड़ी यह समस्या होती है कि जो माताएं होती है वह इस विषय पर बात करना उचित नही समझती है। वह यह समझते है कि इस टॉपिक पर बात करना बिल्कुल भी जरुरी नही है। यह माँताएं अपनी समस्या को अपने अंदर ही छुपा कर रख लेती है। ऐसी स्थिति में लड़कियों का भी फर्ज बनता है कि वह अपनी माँओं की पूरी देखभाल करें।
एक सर्वें में यह बात निकल कर सामने आई है कि बहुत सारी महिलाएं इस टॉपिक पर बात करने में डरती है। यह एक बहुत बड़ी समस्या है और इसका समाधान बहुत ही जरुरी है ।

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Menopause के कारण क्या-क्या होते है?

अब हम अपना पहला प्रश्न लेते है कि Menopause क्या है, तो Menopause तभी होता है जब किसी महिला के पीरियड्स परमानेंटली रुक जाते है। या फिर महिलाओं के पीरियड्स धीरे-धीरे बंद होने शरु हो जाते है। इसके अलावा जब महिलाओं के Egg Realize होने बंद हो जाते है तो स्वाभाविक सी बात ही पीरियड्स आने भी बंद हो जाते है। इस स्थिति में जब एक स्त्री पहुच जाती है तो उस अवस्था को Menopause Age कहा जाता है। इस अवस्था में महिलाएं फिर काफी गर्भवती नही हो पाती है।

आकड़ो के अनुसार प्रतिवर्ष लगभग 1 करोड़ या इससे भी अधिक महिलाएं रजोनिवृत्ति की स्थिति को पार करती है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें 50 वर्ष की आयु की महिलाएं होती है तथा इसको कंट्रोल करना बहुत ही मुश्किल होता है।
यह आवश्यक नही माना जाता है कि अचानक से Menopause हो जाए पर यह धीर-धीर एक उम्र के बाद होना शुरु हो जाता है। इसके बंद होने में लगभग एक वर्ष का भी समय लग सकता है या फिर इससे अधिक भी समय लग सकता है। इसके अतिरिक्त कुछ महीनों में ही यह सीमट सकता है।

इस संबंध में अधिकतकर डॉक्टरों कहना है कि जब एक महिला लास्ट 12 महिनों में नियमित रुप से पीरियड्स नही आते है तो कहा जाता है इस महिला को Menopause हो गया है अर्थात अब वह कभी भी माँ नही बन सकती है। इसके अतिरिक्त Menopause होने से पहले Pre Menopause stage होती है, जिसमें अनियमित रुप से पीरियड्स होते रहते है जैसे कि कभी किसी महीने पीरियड्स होये तो अगले महीने नही हुए इस प्रकार का क्रम कुछ महीनों या फिर एक दो वर्ष तक चलता रहता है।

यदि किसी महिला के मासिक धर्म में एक प्रकार की चीजें होने लगे और आपकी उम्र 45 से 50 वर्ष के बीच हो तो समझ जाना चाहिए कि आपको Pre Menopause हो रहे है और यहीं इसके लक्षण होते है और आपका शरीर बहुत जल्द Menopause की अवस्था को ग्रहण करने वाला है।

Pre Menopause और Menopause stage में महिलाओं का शरीर बहुत सारें हार्मोन चेंज करता है। इसके कारण आपके शरीर में में हैवी पीरियड्स या फिर लो पीरियड्स हो सकते है। इसके अलावा भी Menopause काफी परेशानियों को पैदा कर सकता है। जिसके बारे में महिलाएं बात करने से बचती है और खुद उनका सामना करती रहती है। इन महिलाओं को इस Menopause की समस्या का समाधान भी पता नही होता है।

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Menopause के लक्षण क्या होते हैं ?

अब हम यहां पर बात करते है कि Menopause के लक्षणों के बारें में कि कौन से वह लक्षण होते है जो सामान्यतः महिलाओं में देखने को मिलते है, तो जिन महिलाओं को Menopause हो जाता है या फिर वह इस अवस्था से गुजर रही होती है उन्हें नींद की सबसे बड़ी समस्या होती है ऐसी स्थिति में उन्हें नींद नही आती या फिर अगर आती है तो न के बराबर ही आती है। तो नींद न आना अपने आप में बहुत सारी बीमारियों की जड़ वैसे ही बन जाता है।

अक्सर अधिकतर महिलाओं की इस बात की जानकारी ही नही होती है कि उन्हें नींद क्यों नही आती है वह इसे एक सामान्य सी समस्या समझ कर इसे अनदेखा कर देती है जिससे भविष्य में बहुत सारी बीमीरियों के पैदा होने की शंका बन जाती है। जैसे नीद न आने कारण ब्लड प्रेशर की समस्या होना तथा अन्य शारीरिक समस्याएं भी पैदा हो जाती है।

नींद न आने का मुख्य कारण होता है महिलाओं के शरीर में बहुत सारे हार्मोनल का चेंज होना। इस अवस्था में महिलाओं का मुड बहुत ही जल्दी चेंज हो जाता है। इनका मुड इस समय स्थाई नही होता है यह अक्सर परिवर्तित होता रहता है। यह एक काफी बड़ा symptoms माना जाता है। इस समय यह चिड़चिडे स्वाभाव के हो जाते है। कुछ समय के लिए यह खुश हो जाते है और कुछ समय बाद इनमें गुस्सा भी देखने को मिल जाता है। कई महिलाओं को रजोनिवृत्ति के दौरान महसूस होने वाला primary symptom है hot flash होना।

इसमें शरीर में गर्माहट महसूस होने लगती है। ये आपको आपके शरीर के ऊपरी हिस्से या पूरे शरीर में महसूस हो सकती है। आप चेहरे और गर्दन पर लालिमा का अनुभव करते हैं और ऐसे में पसीना भी अधिक आता है।
hot flash की समस्या कभी-कभी इतनी ज्यादा होती है कि आपको नींद से भी जगा सकती है। अधिकतर महिलाओं ने रजोनिवृत्ति के बाद 1-2 सालों तक इस लक्षण का अनुभव किया है। अगर ये असहनीय हो तो आप डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।

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Menopause के समय में महिलाओं के Vaginal area होता है वह dry हो जाता है तथा पूरी तरह से सुख जाता है। यह ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर में हार्मोन चेंजस होते है, Vaginal area में ब्लड फ्लो के साथ नही पहुच पाता है और ब्लड फ्लो की कमी से यह area सुखने लगता है। इस अवस्था में शरीर में हार्मोन की काफी कमी हो जाती है जिससे इस प्रकार की समस्या का सामना महिलाओं का इस उम्र में करना पड़ता है। महिलाओं के शरीर में यदि इतनी ज्यादा मात्रा में हार्मोन कम हो जाते है तो health risk की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है।

Estrogen and progesterone का कम उत्पादन Vagina की Outer thin layer को प्रभावित करता है। महिलाओं में Vagina का सूखापन कभी भी अनुभव किया जा सकता है, लेकिन Menopause के दौरान ये विशेष समस्या होती है। इस समय आप Vagina के आसपास खुजली Prick, burning आदि का अनुभव कर सकते हैं। Vagina में सूखापन, के दौरान अत्यधिक दर्द का कारण बनता है और इसमें कभी कभी आपको जल्दी-जल्दी Urine भी आता है। इस Dryness से निपटने के लिए Vaginal moisturizer का उपयोग कर सकते है।

Menopause के कारण क्या-क्या होते है- Menopause Causes in Hindi

महिलाओं में menopause का मुक्य कारण हॉर्मोन में परिवर्तन की वजह मानी जाती है, जिसके कारण Ovulation और Menstrual बहुत ही ज्यादा प्रभावित होते है।

जिस प्रकार महिलाओं की उम्र बढती जाती है उसी प्रकार उनके शरीर में develop होने वाले follicles की मात्रा कम होने लगती है, जिसके कारण Menopause आने से पहले ही कुछ आसामान्य मासिक धर्म के लक्षण दिखाई पड़न लगते है। follicles के द्वारा ovary से Egg Release होते है। जैसे ही महिलाओं की उम्र 40 के आस-पास आती है वैसे ही follicles का विकाश होना कम हो जाता है और फिर यह धीरे-धीरे कम होते चले जाते है और अंत में follicles का विकाश पूर्ण रुप से रुक जाता है जिसके कारण मासिक धर्म आना पूरी तरह से बंद हो जाता है।

Menopause का निदान एवं उपचार – Diagnosis and treatment of menopause

Menopause महिलाओं के शरीर के एक प्राकृतिक प्रक्रिया है इसलिए इससे घबराने की कोई भी आवश्यका नही है परंतु यह जब सही है जब इसकी उम्र उचित हो यदि यह कम उम्र में होती है तब यह परेशानी का विषय बन सकती है।

यदि Menopause सही उम्र में हो रहा है तो किसी भी treatment की आवश्यकता नही होती है परंतु यह असमय हो तो जरुर डॉक्टरों की सलाह लेनी चाहिए इसमें किसी भी प्रकार को कोई संकोच नही करना चाहिए। Menopause के treatment के लिए काफी उपचार है जो कि इस प्रकार प्रस्तुत किये गये है।

Hormone replacement therapy – यह थेरपी एक अच्छे इलाज का विकल्प है जिससे Menopause में काफी हद तक आराम मिलने की संभावना रहती है। इस थेरपी के माध्यम से Estrogen or estrogen and progestin इन सभी को मिलाकर टैबलेट के रुप में दी जाती है। परंतु इसके बहुत सारे side effect जैसे heart disease and breast cancer होने का खतरा भी रहता है क्योंकि जैसे ही महिलाएं यह थेरपी लेना बंद करती है वैसे ही यह दुबारा से उभर कर सामने आने लगते है ।

आयुर्वेद में इसके स्थाई इलाज है जिसके माध्यम से इसको काफी हद तक कम करने में मदद मिलती है और आयुर्वेद के कोई भी साईड इफैक्ट भी नही है। आयुर्वेद के पंचकर्म सिद्धांत में तथा पंचकर्म थेरपी के माध्यम से आप काफी हद तक इस समस्या से निजात पा सकते है।

Estrogen cream – यदि आपको Menopause के दौरान त्वाचा संबंधी किसी भी प्रकार की परेशानी हो रही है तो आप Estrogen cream का सहारा ले सकते है। जैसे आपके Vagina में यदि सुखापन महसूस कर रहीं है तो आप वहां पर भी इसका उपयोग कर सकती है। परंतु ऐसा करने के पूर्व डॉक्टर की सलाह जरुर लेना चाहिए।

Phytoestrogens and black cohosh फाइटोएस्ट्रोजेन में मौजूद food ingredient रजोनिवृत्ति के लक्षणों को कम करने में महिलाओं की काफी हद तक मदद करते है। इसके सेवन करने से Osteoporosis का भी खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। Phytoestrogens ज्यादातर फल और सब्जियों से बना होता है जो सूखापन और फ्लैशेस के डर को दूर करता है।

आयुर्वेद एवं जड़ी बूटियों के द्वारा – Menopause की समस्या को दूर करने के लिए आयुर्वेद में बहुत ही अच्छे उपाय सुझाए गये है जिनके नियमित रुप से करने से बहुत ज्यादा मदद मिलती है। आयुर्वेद तथा जड़ी बूटियों से महिलाओं के शरीर में कोई भी साइड इफैक्ट नही होता है।

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