अक्सर ऐसे मामले सामने आते हैं कि महिला में हर महीने अंडे बनने की प्रक्रिया तो हो रही है। लेकिन तब भी वह मां नहीं बन पाती है। लाख कोशिशों के बाद भी गर्भधारण कर पाने में उन्हें सपलता नहीं मिलती हैं। इसका एक मात्र कारण फैलोपियन ट्यूब में रुकावट या खराबी माना गया है जो ट्यूबल ब्लॉकेज के नाम से जाना जाता है।
इनफर्टिलिटी से पीड़ित 20 महिलाओं में से 12 को इस ट्यूब की समस्या से जुझना पड़ रहा है। ज्यादातर महिलाओं को पता ही नहीं चलता उनकी फैलोपियन ट्यूब या गर्भाशय की नली में किसी भी तरह की परेशानी है। ये ट्यूब कही से भी ब्लॉक हो सकती है जिससे शुक्राणु अंडे से नहीं मिल पाता और निषेचन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाती है। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक (Tube Block Treatment in Ayurveda) के बारे में विस्तार से बात करेंगे।
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फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक क्या है?- Fallopian Tube Block Kya Hai
एक महिला के शरीर में हर महीने अंडे बनते है जिसे ओवरी फैलोपियन ट्यूब में भेज देती है। इसी ट्यूब में स्पर्म और अंडे की निषेचन (Fertilization) की प्रक्रिया पूरी होती है और भ्रूण (Embryo) बनता है। इसके बाद ये भ्रूण इम्प्लांट होने के लिए गर्भाशय में जाता है। जंहा बच्चे का विकास होता है। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान फैलोपियन ट्यूब का महत्ता क्या होता है अब आपको समझ आ गया होगा। हर महिला के शरीर में दो ट्यूब होेते है। अगर किसी कारणवश महिला की एक ट्यूब ब्लॉक हो जाती है तो फिर उसकी नेचुरल कंसीव करने के चंसीस 50 प्रतिशत होते हैं। लेकिन अगर दोनों ट्यूब ही ब्लॉक हो जाएं तो महिला नेचुरल तरीके से गर्भधारण करने में असक्षम होती है।
फैलोपियन ट्यूब कहा से ब्लॉक होती है?- Fallopian Tube Kahan Se Block Hoti Hai
फैलोपियन ट्यूब में रुकावट कई जगह और कई प्रकार की हो सकती है। मुख्य रुप से फैलोपियन ट्यूब में रुकावट तीन प्रकार से होते है जो ट्यूब के अलग-अलग भागों में कवर करती है। जैसे कि:
- प्रोक्सिमल फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज: इस स्थिति में फैलोपियन ट्यूब शुरुवाती हिस्से से बंद होती है जंहा वह गर्भाशय से जुड़ा होता है। यह ब्लॉकेज का कारण गर्भपात (Abortion), सीजेरियन सेक्शन (Cesarean Section) या पीआईडी (Pelvic Inflammatory Disease) से जुड़ी समस्या हो सकतीी है।
- मिडसेगमेंट फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज: इस स्थिति में फैलोपियन ट्यूब मध्यम भाग से ब्लॉक होती जिसे मिडिल फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज भी कहा जाता है।
- डिस्टल फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज: इस स्थिति में फैलोपियन ट्यूब अंतीम भाग से ब्लॉक है जंहा वह अंडशय (फिमब्रिया के पास) से जुड़ी होती है।
फैलोपियन ट्यूब जो लगभग बंद हो चुकी हैं, पारंपरिक और प्रचीन उपचार (ayurvedic infertility clinic near me) के साथ खोलने के लिए उच्चतम सफलता दर है।
फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक होने के लक्षण- Fallopian Tube Block Hone Ke Lakshan
फैलोपियन ट्यूब बंद होने के लक्षण महिलाओं में नजर नहीं आते है। लेकिन कुछ स्थिति में सामान्य लक्षण आते हैं, जिसके कारण वे इस बारे में समझ नहीं पातीं है। ट्यूब ब्लॉक होने के लक्षण इस प्रकार से होते है:
- पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना
- पीरियड्स के दौरान दर्द होना
- सेक्स करते वक्त दर्द या जलन होना
- वजाइना से डिस्चार्ज होना
फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक होने के कारण- Fallopian Tube Block Hone Ke Karan
फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक होने के कई कारण हो सकते हैं। इसमें मुख्य रूप से निम्न शामिल हैं:-
- पेट की सर्जरी
- पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (Pelvic Inflammatory Disease)
- यौन संचारित संक्रमण के कारण (STD)
- टी.बी
- यूट्राइन इंफेक्शन
- यौन संचारिक रोग के संक्रमण
- मिसकैरेज
- एंडामेट्रियोसिस
फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक होने का आयुर्वेदिक इलाज – Fallopian Tube Block Hone Ka Ayurvedic Ilaj
फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक बंद होने के बाद बिना सर्जरी के इलाज संभव है। tubal blockage ayurvedic clinic
में आयुर्वेद पद्धति में इलाज पुरी तरह से प्रभावी भी है। आयुर्वेद के अनुसार, ट्यूबल ब्लॉकेज मुख्य रूप से वात और कफ दोष के कारण होता है। ट्यूबल ब्लॉकेज का आयुर्वेदिक उपचार समसया को दूर कर सकता हैं साथ ही फैलोपियन ट्यूब और गर्भाशय के कार्य को भी सामान्य कर सकता हैं। आयुर्वेद में प्रचीन पंचकर्म पद्धती पूर्ण रुप से ट्यूब ब्लॉकेज का इलाज करने में सक्षम है।
आयुर्वेद की सबसे प्रचीन पंचकर्म पद्धती में उत्तर बस्ती सबसे बेहतरीन चिकित्सा है। उत्तर बस्ती एक ऐसी तकनीक है जिसमें मासिक चक्र के 6, 7, 8वें दिन गर्भाशय में औषधीय तेल डाला जाता है और 3 दिन के अंतराल के बाद जरुरत के अनुसार दोहराया जा सकता है। यह तकनीक फैलोपियन ट्यूब में आसंजन (Adhesions), सूजन आदि को कम करने में मदद करती है और इस प्रकार ट्यूब को खोलती है। इसको करने में मात्रा 15 से 20 मिनट तक का समय लगता है। ये थेरेपी हाइड्रोसाल्पिनक्स, एंडोमेट्रिओसिस, पीसीओएस और पीसीओडी के इलाज में भी उपयोगी है।
नलियों के खुलने की लगभग 90% संभावना है। इसके अलावा, बंद फैलोपियन ट्यूब के उपचार में आयुर्वेदिक दवाओं के साथ रोगी की आवश्यकता के अनुसार वामन, विरेचन, नस्य जैसे पंचकर्म उपचार भी शामिल हैं। यह पद्धती प्राकृतिक तरीके से गर्भाधारण की संभावना को बढ़ाता है। यह पद्धति बिना कोई चीर-फाड़ के फैलोपियन ट्यूब को नेचुरल तरीके से खोलने में मदद करती है। Tubal blockage clinic in delhi में इलाज के दौरान आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का सेवन कराया जाता है।
इसके साथ आयुर्वेद हमारे आहार पर भी ध्यान देता है। पोषक से भरपूर आहार लें जो निशानों को ठीक करता है और इस प्रकार ट्यूबल रुकावट को दूर करता है। विटामिन-सी, विटामिन-डी, ओमेगा-3 युक्त आहार ले जिससे फर्टिलिटी रेट बूस्ट होती है।
खानपान के अलावा आप दिन में एक बार योगा जरुर करे जो फर्टिलिटी रेट को बूस्ट करने में मदद करता है।
सुर्य नमस्कार, भुजंगासन, अनुलोम-विलोम, तितली आसन, कपालभाती, नौकासन, भ्रमारी प्राणायाम और 30 मिनट तक पैदल चले। अगर आप ऐसी समस्या से जुझ रहे है तो कृपया उसे बिल्कुल भी नजरअंदाज ना करें, क्योंकि ऐसा करना आपके जीवन के लिए खतरनाक होता है।
इस लेख की जानकारी हमें डॉक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है। इस विषय से जुड़ी या अन्य पीसीओएस, ट्यूब ब्लॉकेज, एंडोमेट्रिओसिस, हाइड्रोसालपिनक्स उपचार पर ज्यादा जानकारी चाहते हैं। हमारे डॉक्टर चंचल की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाए या हमसे 9811773770 संपर्क करें।
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