कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को कैसे बचाएं – Third Wave of Corona
भारतीय चिकित्सक समुदाय द्वारा आशंका जाहिर की है कि कोविड -19 महामारी कोरोना की तीसरी लहर कुछ महीनों में आने की संभावना है। यह तीसरी ऐसी संभावना लगभग-लगभग सभी डॉक्टरों ने व्यक्त की है। ऐसे में भारतीय स्वास्थ्य संस्थानों ने चुनौती का सामना करने के लिए अग्रिम योजना शुरू करने के लिए कमर कसने की तैयारी शुरु कर दी है परंतु इससे घबराने की जरुरत नही है बस कोरोना के प्रोटोकॉल पूरी सावधानी के साथ फॉलो करें।
आशा आयुर्वेदा की निःसंतानता विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा कहती है कि विशेष रूप से तीसरी लहर में बच्चों को प्रभावित करने वाले वायरस की आशंका के साथ, जिसके लिए कुछ नए उपायों की आवश्यकता हो सकती है। डॉ चंचल शर्मा का मानना है कि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में बच्चे संक्रमित होने के लिए अति संवेदनशील हो सकते हैं क्योंकि वायरस के कुछ नए प्रकार तीसरी लहर का हिस्सा हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में बाल चिकित्सा वार्ड है, लेकिन जरूरत पड़ने पर बिस्तरों में वृद्धि की उम्मीद जताई है।
“बच्चों के वायरस के शिकार होने के मामले में, कई अन्य मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता होगी जैसे कि उनके माता-पिता या परिचारकों को कोविड वार्ड में कैसे रहने दिया जाए। मां के दूध पर निर्भर बच्चों को विशेष देखभाल की जरूरत होगी। कोविड की तीसरी लहर बच्चों के लिए अधिक खतरनाक होने की भविष्यवाणी के साथ, डॉक्टरों ने सुझाव दिया है कि बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए माता-पिता और दादा-दादी को जल्द से जल्द टीका लगवाना चाहिए।
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“18 से 44” आयु वर्ग के लोग आमतौर पर काम और अन्य आवश्यक चीजों के लिए बाहर जाते हैं, इसलिए उनके संक्रमित होने की संभावना अधिक होती है। इस आयु वर्ग के लोगो को भी कामकाजी पेशेवर हैं। कई परिवार आर्थिक रूप से उन पर निर्भर हैं। ऐसे मामलों में, उन्हें वैक्सीन की प्राथमिकता दी जानी चाहिए। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक भारत में सितंबर तक कोविड की तीसरी लहर शुरू हो सकती है, जो बच्चों को अपना निशाना बना सकती है। योग और आयुर्वेद से उनकी रक्षा कैसे करें इसके बारें में आगे डॉ. चंचल शर्मा बताती है।
डॉ चंचल शर्मा कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर के साथ देश में तबाही और संभावित तीसरी लहर के बारे में चिंता व्यक्त कर रही है और साथ ही सावधान करती है कि अगर लोग कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करते हैं और आबादी का एक बड़ा हिस्सा टीका लगाया जाता है तो तीसरी लहर से बच्चों को आसानी से बचाया जा सकता है।
कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को कैसे बचाएं ? – How to Save Children from Covid-19 Third wave Risk
बच्चों को हर कोई बीमारी या संक्रमण बहुत ही जल्दी से अपनी चपेट में ले लेता है । ऐसे में सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली है की इस कोरोना महामारी के काल में कैसे सबसे पहले अपने बच्चों को सुरक्षित किया जाए।
- बच्चों में साफ सफाई को पूरा ध्यान रखना चाहिए।
- बच्चों को एक दूसरे से मिलने से रोकें।
- बाहर से आने के बाद तुरंत बच्चों से न मिलें। बाहर से आने के बाद स्नान करें और खुद को सेनेटाइज करें ।
- बच्चों की आउटडोर एक्टिविटी को बंद कर दें उन्हें घर में खेलने के लिए कहें ।
- सोसाइटी के बच्चों से अपने बच्चों को बचा कर रखें उन्हें किसी दूसरे बच्चे से मिलने न दें।
- घर के सभी सदस्य मास्क पहनें, जरुर न हो तो घर के बाहर न जाए और कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती के साथ पालन करें तथा घर के सदस्यों को भी यही सलाह दें।
- फिजिकल डिस्टेंसिंग को बनाएं रखें।
- यदि बच्चों में कोविड -19 के कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें और इसमें बिल्कुल भी देरी न करें।
- ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन बच्चों को कराए जिससे उनकी इम्यूनिटी स्ट्रांग हो।
- बच्चों को हाइड्रेट करें अर्थात उनके खाने में थोड़ी सी तरह पदार्थों की मात्रा बढ़ा दें ।
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