टेरैटोज़ोस्पर्मिया, Teratozoospermia का आयुर्वेदिक उपचार

पुरुषो में इनफर्टिलिटी (Male Infertility in Hindi) | टेरैटोज़ोस्पर्मिया

आज न जाने कितने ही ऐसे पुरुष है जो टेरैटोज़ोस्पर्मिया की बीमारी के कारण पिता बनने में असमर्थ है। इसके के कारण पुरुष बांझपन का शिकार होते जा रहे है और यह बांझपन की संख्या हर वर्ष बढ़ती है जा रही है। टेरैटोज़ोस्पर्मिया पुरुष बांझपन का एक विकार माना जाता है। आयुर्वेद में इसक कारण खराब जीवनशैली तथा खान-पान को बताता है।

Teratozoospermia टेरैटोज़ोस्पर्मिया के आयुर्वेदिक उपचार के लिए (Ayurvedic Treatment For teratozoospermia) आप किसी भी अच्छे पंचकर्म केन्द्र में जाकर इसका उपचार बिना किसी साइड इफैक्ट के करवा सकते है। जब किसी पुरुष को टेरैटोज़ोस्पर्मिया की बीमारी हो जाती है तो उसके शुक्राणु का आकार असामान्य हो जाता है जिसे आयुर्वेद में विरूपशुक्राणुता के नाम से जाना जाता है।

विरूपशुक्राणुता (teratozoospermia) के कारण शुक्राणु का आकार एक सामान्य शुक्राणु की तुलना में बहुत ही खराब होता है । इस शुक्राणु में निशेचन की गुणवत्ता नही पाती जाती है जिससे द्वारा स्त्री के अंडे निषेचित हो सके।

टेरैटोज़ोस्पर्मिया के लक्षण – Causes of Teratozoospermia in Hindi

(और पढ़ें :-पुरुष निःसंतानता का आयुर्वेदिक उपचार)

  1. पुरुष बांझपन      
  2. नपुंसकता  
  3. गर्भधारण करने में असमर्थता
  4. शीघ्र पतन


पुरुष में बांझपन – यह लक्षण, कारण, और आयुर्वेदिक उपचार

टेरैटोज़ोस्पर्मिया के कारण – Reason of Teratozoospermia in Hindi

  1. शुक्राणुओं की कमी
  2. वीर्य में शुक्राणु की उपस्थिति
  3. शुक्राणुओं की गतिशीलता में कमज़ोरी
  4. शुक्राणुओं की खराब गुणवत्ता 
  5. अंडकोष में संक्रमण
  6. वैरीकोसेल इत्यादि कारणों की वजह से टेरैटोज़ोस्पर्मिया के होने का खतरा बढ़ जाता है..

टेरैटोज़ोस्पर्मिया के निदान – Diagnose of Teratozoospermia in Hindi

Teratozoospermia की जाँच के लिए आज कल बहुत सारे टेस्ट उपलब्ध है जिसके आधार पर हम इसकी पुष्टि करके इसका उपचार शुरु कर देते है। और इसकी जाँच से उपचार में आसानी हो जाती है। 

  1. सीमन टेस्ट (semen test)
  2. सीमन एनालिसिस (Semen Analysis)
  3. स्पर्म काउंट टेस्ट (sperm count test)
  4. Seminal Fluid test 
  5. Semen volume test, sperm shape text इत्यादि।

टेरैटोज़ोस्पर्मिया का पंचकर्म उपचार – Panchakarma Treatment of Teratozoospermia in Hindi

पंचकर्म उपचार सबसे अच्छे उपचार में से एक उपचार माना जाता है। पंचकर्म के द्वारा खासकर पुरुष बांझपन से संबंधित समस्या में इस बीमारी उपचार पूरी तरह से संभव है। पंचकर्म में पांच पद्यतियों का समावेश किया गया है जिसके द्वारा बहुत ही जल्द Teratozoospermia की समस्या से निजात मिल जाता है। 

  1. वमन कर्म
  2. विरेचन कर्म
  3. नास्य कर्म
  4. बस्ती कर्म (उत्तर बस्ती)
  5. रक्तमोक्षण
टेरैटोज़ोस्पर्मिया की आयुर्वेदिक दवाएँ – Teratozoospermia ki ayurvedic medicine in Hindi
  1. अश्वगंधा
  2. अमलकी
  3. हरितिकी
  4. शीलाजीत
  5. शतावरी

टेरैटोज़ोस्पर्मिया का आयुर्वेदिक उपचार – Ayurvedic Treatment of Teratozoospermia in Hindi

आयुर्वेद चिकित्सा के द्वारा पुरुष बांझपन से संबंधित समस्या जैसे कि विरूपशुक्राणुता (teratozoospermia)  की समस्या को दूर किया जाता है। आयुर्वेदिक हर्बल औषधियाँ – अश्वगंधा, अमलकी, हरितिकी, शतावरी जैसे प्राचीन लाभकारी जड़ी बूटियों के सेवन से होर्मोनल बैलेंस करने में मदद मिलती है।

इन औषधियों के अतिरिक्त कायाकल्प चिकित्सा भी उपलब्ध है जिसके प्रयोग से शरीर की ऊर्जा को पुनः जीवित किया जाता है। यह शरीर को आंतरिक तथा बाह्य रुप से पुष्ट (मजबूत) करती है और पुरुष शरीर में स्वस्थ शुक्राणु बनने में मदद करती है। कायाकल्प चिकित्सा में मुसलीपाक, स्वर्णभस्म, यस्तिमाधु, आंवलापाक इत्यादि औषधियों का प्रयोग किया जाता है।

टेरैटोज़ोस्पर्मिया का घरेलू उपाय – Home Remedies Treatment of Teratozoospermia in Hindi

आजकल, बांझपन केवल एक महिला का मुद्दा नहीं है, कुछ मामलों में, गर्भ धारण करने में समस्या आदमी की तरफ से भी आती है। पुरुष बांझपन, शुक्राणु गुणवत्ता, शुक्राणुओं की संख्या या शुक्राणु गतिशीलता इत्यादि की खराबी के कारण होता है। Teratozoospermia या टेराटोज़ोस्पर्मिया ये दोनो एक ही है, इस बीमारी के कारण पुरुष का शुक्राणु असामान्य  आकृति (आकार) के रूप में प्रदर्शित होता है।

Teratozoospermia के कारणों को स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं किया जा सकता है।  पुरुष की आयु जैसे-जैसे बढ़ती है, उसके शरीर में अच्छी गुणवत्ता वाले शुक्राणु पैदा करने की क्षमता कम हो जाती है। परंतु आजकल को कम उम्र के पुरुषों में भी इस समस्या देखने को मिल रही है जिसका कारण दूषित भोजन तथा लाइफस्टाइल को माना जाता है।

1. आयुर्वेदिक उपचार तथा घरेलू उपाय में यह सकारात्मक खबर यह है कि Teratozoospermia की बीमारी इलाज योग्य है।

2. जीवन शैली यदि आप अस्वास्थ्यकर जीवन शैली जी रहे है, तो इसमें सुधार करके इस बीमारी को दूर किया जा सकता है।

3. धूम्रपान और शराब छोड़कर भी आप  स्वास्थ्य लाभ पा सकते है।

4. व्यायाम – व्यायाम करना एक अच्छा विकल्प है और आप व्यायाम करके शुक्राणु की गुणवत्ता को बेहतर बना सकते है।

5. डार्क चॉकलेट – वीर्य बढ़ाने का तथा वीर्य के आकार में सुधार करने का सबसे अच्छा उपाय डार्क चाकलेक का सेवन करना है। डार्क चॉकलेट में एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होते है और साथ ही डार्क चॉकलेट में एल-आर्जिनिन एंजाइम के गुण भी पाये जाते है जोकि शुक्राणु उत्पादन में काफी मददगार सिद्ध होते है।

6. जिंक युक्त खाद्य पदार्थ – जिंक को शुक्राणु उत्पादन का सबसे अच्छा स्त्रोत माना गया है। यह शरीर में जिंक की कमी को पूरा करते है और स्पर्म काउंट में वृद्धि करते है।

7. चिया के बीज – बेहतर प्रजनन क्षमता के लिए चिया के बीज बहुत  महत्वपूर्ण  है।

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