जानिए क्या और क्यों होता है महिलाओं को पीसीओडी – PCOD in Hindi आजकल के समय में पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOD in Hindi) की समस्या बहुत अधिक बढ़ रही है। पहले ये समस्या 30 से 35 साल की महिलाओं को होती थी, अब 18 से 25 साल की उम्र में पीसीओडी (PCOD) की समस्या देखी जाती है। इस समस्या को पीसीओएस (PCOS) के नाम से भी जाना जाता है। करीबन 70 प्रतिशत महिलााओं को पता ही नहीं होता की वो पीसीओडी से पीड़ित हैं। पीसीओडी क्या होता है?- What is PCOD in Hindi? पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम एक प्रकार का हॉर्मोनल…
बाँझपन (Infertility) में मदद करने वाले योग आसान – Yoga for Infertility in Hindi महिलाओं में होने वाली फर्टिलिटी की समस्या में योगासन बहुत हद तक बेहतर परिणाम देते हैं। यदि इन आसन के साथ साथ आप आयुर्वेदिक चिकित्सा की मदद लेते है। तो ऐसे में आपको बहुत ही कम समय में आराम मिलना शुरु हो जाता है। यहां पर कुछ योगासन दिये गये है । जो निम्नलिखित है। यह योग आसन मुख्य रुप से महिलाओं और पुरुषों दोनों की फर्टिलिटी बढ़ाने में मदद करते हैं। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) एक सामान्य हार्मोनल विकार है जो महिला प्रजनन प्रणाली के…
डॉ चंचल शर्मा से जानिए PCOS / PCOD को आयुर्वेदिक उपचार से कैसे ठीक करें आशा आयुर्वेदा की निःसंतानता विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा कहती है कि आज के समय में महिलाओं एवं युवतियों की जीवनशैलीऔर और खानपान बहुत ज्यादा प्रभावित हो चुका है। जिसके कारण उनके शरीर के हार्मोन इम्बैलेंस होने लगे है। हार्मोन असंतुलन हो जाने के कारण पीसीओडी जैसी बीमारी होना एक आम बात हो चुकी है। कुछ समय पहले पीसीओडी की समस्या अधिक उम्र अर्थात जिन महिलाओं की उम्र 35 से 40 वर्ष के बीच होती है उनमें देखने को मिलती थी परंतु अब तो यह है…
पीसीओडी या पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज एक ऐसी समस्या है जिसका सामना आज ज्यादातर महिलाएं करती हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि पीसीओडी 70% महिलाओं में बांझपन का कारण है। पीसीओडी वाले लोगों को अनियमित मासिक धर्म हो सकता है। महिलाओं में पीसीओडी का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। यदि महिलाएं वर्कआउट से दूरी बनाती है और जंकफूड को अपनाती है । तो पीसीओडी की समस्या गंभीर हो सकती है। पीसीओडी में गर्धधारण की कितनी संभावना होती है ? यदि किसी महिला को पीसीओडी की समस्या होती है और ऐसे वह गर्भधारण करने की कोशिस करती है। तो ऐसी…
मोटापा नई पीढ़ी की प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। यह हम सभी जानते हैं। इसका मुख्य कारण बदलती जीवनशैली, अनियमित खान-पान और व्यायाम की कमी है। तो हम परिणाम जानते हैं। इस तरह के गलत खान-पान से डायबिटीज, बीपी, डायबिटीज और इनफर्टिलिटी जैस अन्य बीमारियां होती हैं। आज के खान-पान से कैंसर भी हो सकता है। सामान्यतः महिलाओं के नाभि के आसपास की आकृति है 80 सेमी और पुरुषों की 90 सेमी से अधिक नहीं होना चाहिए। हम जानते है कि PCOD की बहुत सारी महिलाएं और लड़कियां है, जिसको पीसीओडी की परेशानी है। हम आपकी समस्या को…
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम एक है जो महिला प्रजनन स्वास्थ्य संबंधी समस्या है । यह हल्के मोटापे, अनियमित मासिक धर्म या एमेनोरिया और एण्ड्रोजन की अधिकता (जैसे, हिर्सुटिज़्म, मुँहासे) के लक्षणों को दर्शाता है। अधिकांश महिलाओं के अंडाशय में कई सिस्ट होते हैं। जो पीसीओडी बीमारी का कारण बनते है। पीसीओडी एक हार्मोनल स्थिति है जो 10 में से एक महिला को उसके प्रजनन काल के वर्षों में प्रभावित करती है। पीसीओएस वाली महिलाओं में अन्य महिलाओं की तुलना में इंसुलिन और एण्ड्रोजन (पुरुष-प्रकार के हार्मोन) का स्तर अधिक होता है। यह हार्मोनल असंतुलन कई लक्षणों का कारण बन सकता है…
प्रजनन क्षमता एक ऐसी चीज होती है जिस पर महिला एवं पुरुष तब तक विचार नहीं करते जब तक कि वे सक्रिय रूप से परिवार शुरू करने की कोशिश नहीं कर रहे होते हैं, या कई मामलों में गर्भधारण करने में परेशानी होने के बाद बहुत से दंपति यह नहीं जानते हैं कि सामान्य कामकाजी प्रजनन प्रणाली वाले 29-33 वर्ष की आयु के जोड़ों के पास किसी भी महीने में गर्भधारण करने की केवल 20-25% संभावना होती है। किसी भी लिंग से किसी भी संख्या में बांझपन कारक जोड़ें और उन संभावनाओं में काफी कमी आ सकती है। अगर आपको…
अनियमित पीरियड्स को लेकर हुए बहुत सारे अध्ययन से संकेत मिलता है कि किशोर लड़कियों में अनियमित पीरियड्स मोटापे से जुड़े होते हैं, और अनियमित पीरियड्स से पीड़ित लड़कियों में मधुमेह, प्रजनन संबंधी मुद्दों और हृदय रोग के शुरुआती चेतावनी लक्षण भी हो सकते हैं। अनियमित पीरियड्स पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) का भी संकेत हो सकता है, जो प्रजनन समस्याओं का कारण बनने की क्षमता रखता है। लेकिन किशोरावस्था में इसका सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है। क्या है पीरियड्स अनियमित होने की पहचान ? माहवारी मासिक धर्म चक्र का एक हिस्सा है जिस दौरान गर्भाशय की परत गिरती है…
पीसीओडी की समस्या से बचने के लिए क्या उपाय करे | PCOD कैसे ठीक करें? वर्तमान समय की जीवनशैली ने हमें इनता ज्यादा रोग दिये है जिसकी कल्पना भी नही की जा सकती है। हमारे खानपान और दिनचर्या इतनी ज्यादा बदल चुकी है कि आय दिन नई-नई बीमारियों का जन्म हो रहा है। इन्हीं बीमारियों में से है पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) या पीसीओडी। जो महिलाओं के गर्भाशय में एंड्रोजन नाम से हार्मोन का स्तर इतना अधिक बढ़ा देती है कि महिला की ओवरी में पेस्ट जैसी संरचना बनने लगती है। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) होने से कई चुनौतियाँ सामने…