एंडोमेट्रियोसिस का घरेलू उपचार – Home remedies for Endometriosis एंडोमेट्रियोसिस अनिवार्य रूप से कई महिलाओं द्वारा सामना किया जाने वाला एक विकार है जो उनके प्रजनन अंगों को प्रभावित करता है। विकार के परिणामस्वरूप ऊतकों की वृद्धि होती है जो शरीर के विभिन्न अन्य स्थानों में गर्भाशय के अस्तर के समान होती हैं। एंडोमेट्रियल ऊतक कहा जाता है, वे आंतों, मूत्राशय और यहां तक कि फैलोपियन ट्यूब और अंडाशय में भी विकसित और विकसित होते हैं। जब एक महिला का मासिक धर्म शुरू होता है, तो गर्भाशय के अंदर मौजूद ऊतक मोटे हो जाते हैं और जैसे-जैसे पीरियड्स आने शुरु…
एंडोमेट्रियोसिस ठीक करने के लिए योग – Yoga for Endometriosis Treatment in Hindi “स्वस्थ शरीर से ही स्वस्थ मन और अंत में स्वस्थ आत्मा का निर्माण होता है।” एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय के अंदर की परत के समान ऊतक – जिसे एंडोमेट्रियम कहा जाता है – गर्भाशय के बाहर बढ़ता है। एंडोमेट्रियोसिस होने के सामान्य स्थान अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब, आंत्र और श्रोणि की दीवारें हैं। कुछ महिलाओं को इस स्थिति में बहुत कम या बिल्कुल भी दर्द का अनुभव नहीं होता है, जबकि अन्य महिलाओं के लिए यह बहुत ही कष्टकारी हो सकता है। एंडोमेट्रियोसिस एक पुरानी…
क्या एंडोमेट्रियोसिस ओवुलेशन में बन सकता है समस्या और कैसे एंडोमेट्रियोसिस को आयुर्वेदिक इलाज से ठीक किया जाता है? आज की जीवन शैली एवं खराब खानपान की वजह से भारत में महिलाओं को इनफर्टिलिटी से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में देश में लाखों जोड़ो को निःसंतानता का शिकार होना पड़ रहा है। ऐसी ही एक इनफर्टिलिटी से जुड़ी समस्या है, जिसका नाम है एंडोमेट्रियोसिस । महिलाओं में एंडोमेट्रियोसिस की परेशान तब होती है। जब महिलाओं के अंडाशय, बाउल और पेल्विक की बच्चेदानी के ऊतको पर एंडोमेट्रियल टिश्यू वृद्धि करने लगते हैं। एंडोमेट्रियल टिश्यू जब फैलोपियन…
आयुर्वेद में है: एंड़ोमेट्रियोसिस का इलाज – ENDOMETRIOSIS TREATMENT IN AYURVEDA पूरे विश्व में करीब 90 मिलियन ऐसी महिलाएं है जो एंड़ोमेट्रियोसिस की बीमारी से परेशान है। जिन महिलाओं को एंड़ोमेट्रियोसिस होता है उनकी बच्चेदानी के अंदर लाइनिंग जैसा कुछ बन जाता है जो माहवारी के समय बाहर निकलता है। ENDOMETRIOSIS उन महिलाओं में होता है जो Reproductive Age (15-40 वर्ष) में होती है। अर्थात जिस उम्र में उनको पीरियड आ रहे होते है। एंड़ोमेट्रियोसिस की बीमारी हो जाने के बाद महिला का मासिक चक्र बुरी तरीके से प्रभावित होता है। एंड़ोमेट्रियोसिस से महिला का पूरा प्रजनन तंत्र बिगड़ सकता…
अब संतान सुख में एंड़ोमेट्रियोसिस नही बनेगा रुकावट जानें इसका आयुर्वेदिक उपचार शादी के कुछ समय बात हर किसी के घर परिवार एवं रिस्तेदार नव दंपति से अक्सर एक ही सवाल पूछते है कि दो से तीन कब हो रहे हो? या फिर बोलते है कि खुश खबरी कब तक मिलेगी? और इसके अलावा यहां तक भी पूछते है कि लड्डू कब तक खिला रहे है? ऐसी सारी तमाम बातें होती है और हो भी क्यों न क्योंकि समाज और घर परिवार के यहीं नियम होते है। आज से कुछ वर्षों पहले बच्चा पैदा करना जितना आसान होता था परंतु…
एंड्रियोमेट्रियोसिस का संभव इलाज – एंड्रियोमेट्रियोसिस Treatment आज से कुछ वर्ष पूर्व तक एंड्रियोमेट्रियोसिस को एक अभिशाप के रुप में देखा जाता था परंतु अब एंड्रियोमेट्रियोसिस अभिशाष नही है बल्कि इसका इलाज आयुर्वेदिक चिकित्सा में पूरी तरह संभव है। आंकड़ों के आधार पर यदि बात की जायें तो एंड्रियोमेट्रियोसिस संतानहीनता का मुख्य कारण माना जाता है। एंड्रियोमेट्रियोसिस (Treatment) – एंड्रियोमेट्रियोसिस एक प्रकार का प्रजनन विकार है जिसका उपचार आयुर्वेद में अब पूरी तरह से संभव है। यदि किसी महिला को एंड्रियोमेट्रियोसिस की समस्या होती है तो इससे महिला की प्रजनन क्षमता पर बहुत ही बुरा असर पड़ता है। इसके अलावा…
अब माँ बनने में रुकावट नही बनेगा एंडोमेट्रियोसिस – Endometriosis Disease in Hindi आजकल की बिगड़ती जीवनशैली एवं चिंता से भारी जिन्दगी के कारण न जानें महिलाओं में कितनी बीमारियों घर बनती जाती है जिसका सीधा प्रभाव उनकी प्रजनन क्षमता पर पड़ता है और निःसंतानता की संभावना बढ़ने लगती है। जब कोई भी महिला एंडोमेट्रियोसिस की बीमारी (Endometriosis Disease) की गिरिप्त में आ जाती है तो उसके पेट में लगातार दर्द बना रहता है एवं कंसीव करने में समस्या आती है। एंडोमेट्रियोसिस की समस्या के कारण गर्भाशय के नजदीक छोटे-छोटे टिश्यूज निर्मित होने लगते है जिसके कारण माहवारी के समय…
एंडोमेट्रियोसिस का आयुर्वेदिक उपचार – Endometriosis Ayurvedic Treatment in Hindi एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis Treatment) महिलाओं के गर्भाशय में होने वाली एक ऐसी बीमारी है जिससे हर 10 में से 1 महिला ग्रसित है। एंडोमेट्रियोसिस की बीमारी अधिकतर 18 वर्ष से 35 वर्ष की महिलाओं में होती है। एंडोमेट्रियोसिस की बीमारी तब उत्पन्न होती है जब एंडोमेट्रियम टिश्यू (Endometrium tissue) गर्भाशय के अंदर एक परत का निर्माण करते है। यह परत धीरे-धीरे बढ़ने लगती है और गर्भाशय के बाहर आ जाती है। इस बढ़ी हुई परत के कारण अंडाशय एवं महिला के अन्य प्रजनन अंग प्रभावित होने लगते है। इसे ही एंडोमेट्रियोसिस…