Sweta Bharti Success Story : मां बनने की खुशी से श्वेता भारती की शादीशुदा जिंदगी में आए नए रंग
यूँ तो मां बनना हर महिला के लिए खुशी और सौभाग्या का पल होता है वो चाहे पहले बच्चे का हो या दूसरे बच्चे का हो। लेकिन इस खुशी में खलल आ जाती है जब एक साल से ज्यादा समय तक असुरक्षित सेक्ससुल इंटरकोर्स करने के बाद भी कंसीव नहीं कर पाती है। जिसके चलते हर समय महिला तनाव में रहती है।
बांझपन महिलाओं में एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। ऐसे में प्रजनन क्षमता की कमी होने के कारण कपल्स को कंसीव करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
प्रेग्नेंसी का प्रयास करने वाली महिलाओं को अक्सर प्रेग्नेंट होने के लिए मन कई तरह के सवाल रहते है। महिलाओं को इसकी पूरी जानकारी ना होेने के कारण तनाव होने लगता है और लगता है कि उनकी सारी दुनिया ही उजर गई। ऐसी ही कहानी श्वेता भारती की है जिसकी उम्र 27 साल है। शादी के 3 साल बाद भी कंसीव करने में असमर्थ रही थी।
कैसे श्वेता भारती औलाद की चाह में लगाती रही अस्पतालों के चक्कर
इनफर्टिलिटी की समस्या से जुझ रही श्वेता भारती औलाद की चाह में अस्पतालों के चक्कर लगवा चुकी थी। इलाज के दौरान ना जाने कितनी दवाइयां खाई, लेकिन इन सब के बावजूद कोई परिणाम नहीं मिला। तब डॉक्टर ने एचएसजी टेस्ट करवाने के लिए बोला था।
टेस्ट में आए परिणाम के बाद तब श्वेता को पता चला की दोनों ट्यूब ही ब्लॉक है। डॉक्टर ने सर्जरी करने के लिए बोला जिसके सफल होने के चांस भी कम थे। श्वेता और ज्यादा स्ट्रेस में आने लगी जिससे भूलने की बीमारी, थकान, और बार-बार मूड बदलने लगा था। डॉक्टर ने आईवीएफ करवाने के लिए भी जोर डाला। लेकिन उससे भी कोई हल नहीं निकला।
जैसे जैेसे समय बीत रहा थी वैसे वैसे निसंतानता की समस्या से जुझ रही श्वेता भारती की उम्मीद भी टूटती जा रही थी। आलम ये था की उनके घर टूटने की नौबत तक आ गई थी। क्योंकि इस समस्या के चलते दोनों मे शादियों में जाना बंद कर दिया।
Sweta Bharti Success Story : श्वेता भारती के माँ बनने का सफर
किसी भी रिश्तेदार से मिलते तो उनका एक ही सवाल रहता है कि खुशखबरी कब दे रहे हो या बच्चे को कब गोद में खिलाओगे। लोगों के एक ही सवाल से तंग आकर सबसे मिलना ही बंद कर दिया था। हर संभव कोशिश और दरबदर की ठोकर खाने के बाद उनके पास एक ही विकल्प नजर आया और वो था आयुर्वेद इलाज।
एक दिन यूट्यूब पर कोई वीडियों देख रही थी तब आशा आयुर्वेदा के बारें में श्वेता ने जाना। उन्होंने तुरंत फोन करके बिहार से दिल्ली के क्लीनिक में अपना इलाज करवाया। आशा आयुर्वेदा के इलाज के साथ श्वेता भारती ने शादी के तीन साल बाद कंसीव करने में सफल रही है।
आयुर्वेद में कुछ ऐसे आसान तरीके सेे श्वेता की फैलोपियन ट्यूब खुली और जिनसे निसंतान दंपत्तियों को संतान का सुख मिला। श्वेता और उनके पति के लिए खुशी का ठिकाना नहीं है जब उन्हे पता चला की आयुर्वेद से कुछ महीनों में ही मां बनने का सुख मिला। ना जाने श्वेता ने कितने दिनों से इस पल का इंतजार कर रही थी। आयुर्वेद के इलाज से उनका घर बरबाद होने से बच गया। आशा आयुर्वेदा के ज़रिये निसंतान श्वेता भारती अपने जीवन में संतान सुख पा सकी हैं।
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