मोटापा नई पीढ़ी की प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। यह हम सभी जानते हैं। इसका मुख्य कारण बदलती जीवनशैली, अनियमित खान-पान और व्यायाम की कमी है। तो हम परिणाम जानते हैं। इस तरह के गलत खान-पान से डायबिटीज, बीपी, डायबिटीज और इनफर्टिलिटी जैस अन्य बीमारियां होती हैं। आज के खान-पान से कैंसर भी हो सकता है। सामान्यतः महिलाओं के नाभि के आसपास की आकृति है 80 सेमी और पुरुषों की 90 सेमी से अधिक नहीं होना चाहिए।
हम जानते है कि PCOD की बहुत सारी महिलाएं और लड़कियां है, जिसको पीसीओडी की परेशानी है। हम आपकी समस्या को समझते है। क्योंकि आप अपनी तरफ से इन बीमारियों के लक्षणों को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश करती है। चाहे वह दवाइयों के माध्यम से हो या फिर अन्य कोई माध्यम, या फिर खाने-पीने का परहेज हो। पीसीओडी के बारे में आयुर्वेद का मत है कि, इसके केवल जीवनशैली में बदलाव करके ही ठीक किया जा सकता है।
यदि आप नेचर को अपने करीब रखेंगे, तो निश्चित रुप से आप बीमारियों से बहुत दूर रहेंगी। इसी नेचर को करीब लाने का काम जो कर रहा है । वह है आशा आयुर्वेदा। इसलिए वह महिलाएं जिनको पीसीओडी या पीसीओएस होती उन्हें पंचकर्म के द्वारा हार्मोन बैलेंस करनी की जरुरत है।
पीसीओडी के लक्षण –
पीसीओडी के बहुत सारे लक्षण है जो हमें पीसीओडी होने का संकेत देते है।
- पीरियड का अनियमित होना।
- चेहरे पर कील और मुंहासे होना।
- अधिक बालों का गिरना
- गर्भधारण करने में परेशानी होना।
वजन को कैसे नियंत्रित करें, जिससे पीसीओडी से निजात मिल सके ?
हमारी जीवनशैली और खानपान में अभूतपूर्व बदलाव हुए है, जिसके कारण मोटापा एक सामान्य समस्या बन चुकी है। मोटापा बहुत सारी बीमारियाें के लिए खतरा होता है । उन्हीं बीमारियों में से पीसीओडी एक है। महिलाओं में पीसीओडी की बीमारी हार्मोन असंतुलित होने पर होती है। महिलाओं में मोटापे का सीधा संबंध पीसीओडी से होता है। बहुत सारे अध्ययन और शोध इस ओर इशारा करते है कि अधिव वजन पीसीओडी की वजह बन जाता है। यदि महिलाओं योग , व्यायाम और आयुर्वेद से अपना वजन कम करने में सफल होती है तो 30 प्रतिशत तक पीसीओडी की समस्या को दूर किया जा सकता है।
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पीसीओडी का आयुर्वेदिक इलाज –
- पीसीओडी से जो महिलाएं या फिर लड़कियां परेशान होती है । वह अक्सर यही शिकायत करती है कि हम तो इतना ज्यादा खाते भी नही है फिर भी न हमारा वजन कम होता है । जबकि इसके विपरीत हमारा वजन बढ़ता ही है।
- यदि ऐसा है तो आपका इस बात का स्मरण रखना है कि, यह सब हार्मोने के कारण होता है। आपके खाननपान की वजह से नही होता है। तो ऐसे में ये कदम बिल्कुल न उठायें की खाना पीना छोड़े दें।
- पीसीओडी होने पर महिलाओं के शरीर में इंसुलिन की मात्रा बहुत अधिक बढ़ने लगती है । जिससे महिलाओं को भूख अधिक लगती है। ऐसे में हम सलाह देतेे है कि दिन में तीन बार की जगह दिन में पांच या फिर 6 बार खान खायें । परंतु इस बात की ध्यान दें कि जो खाने की मात्रा है वह कम होनी चाहिए। इससे यह लाभ होगा की यदि आप थोडा-थोडा खाना खाती है तो इंसुलिन हार्मोन की मात्रा है उसका बैलेंस बना रहेगा।
- रात्रि के 8 बजे के पहले ही आपना खाना जरुर खा लेना चाहिए। और खाने के तुरंत पहले और खाने के तुरंत बाद फलों का सेवन बिल्कुल न करें।
- मैदे से बनी सारी चीजें जैसे – पिज्जा, पस्ता, नुड्लस , मोमोज बिल्कुल भी न खायएं। और इसके अलावा बेकरी आइटम्स दैसे केक, पेस्ट्री, बिस्केट्स नही लेना है। कभी कभार छोड कर ।
- सफेद चावल का सेवन अधिक न करें । क्योंकि अधिकांश महिलाएं दोपाहर के भोजन में सफेद चावल खा लेती है और रात में भी सफेद चावल खाती है । ऐसी में पीसीओडी की समस्या और अधिक बढ़ सकती है। आप हफ्ते में दो बार चावल खा सकती है पर इससे ज्यादा नही।
पीसीओडी में यह जरुर खायें , जिससे आपको वजन कम करने में मदद मिलेगी –
- यदि आपको पीसीओडी है तो हर प्रकार की सब्जी और सारे फलों का सेवन कर सकती है। इसमें आपको किसी भी प्रकार की परहेज नही करनी है।
- गेहूं और बाजरे से बनी रोटी का सेवन करें।
- ब्राउन राइस का भी सेवन कर सकती है । क्योंकि ब्राउन राइस आपके इंसुलिन लेवन का इतना अधिक नही बढ़ने देता है जितना की सफेद चावल ।
- यदि आप ब्रेड खाने की शौकीन है तो आप सफेद ब्रेड की जगह मल्टीग्रेन ब्रेड या फिर आटे से बनी ब्रेड खा सकती है। इससे आपका वजन भी नही बढ़ेगा।
- आप दालों का सेवन कर सकती है। चने और मटर की दाल का सेवन सीमित मात्रा में करें।
- खाने में अलसी के बीजों का भी शामिल कर सकती है।
- दालचीनी एक आयुर्वेदिक औषधि की तरह है। जिसको आप चाय या फिर पानी में डाल भी ले सकती है। यह पीसीओडी की बीमारी और मोटापा दोना कम करने में आपकी मदद करता है।
- मेथी के दाने बहुत ही लाभकारी होते है । यह सेहत के लिए बहुत अच्छे माने जाते है।
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