रागिनी की सक्सेस स्टोरी – Ragini Success Story in Hindi
आजकल कितनी ही महिलाएं गर्भवती होने की कोशिश करती है लेकिन इसमें सफल नहीं हो पा रही है। अक्सर तनाव रहता है और Pregnancy करने के लिए मन में कई सवाल भी रहते है। इसकी सही और पूरी जानकारी ना होने के कारण तनाव की स्थिति दंपति में बनी रहती है। अगर सही समय पर लक्षणों का पता चले तो इसका इलाज किया जा सकता है। गर्भधारण करने में असमर्थ महिलाओं में Tubal Blockage आजकल सबसे आम हो गया है।
30 प्रतिशत माहिलाओं को जांच के समय पता चलता है कि उनकी ट्यूब ब्लॉक हैं या डेमेज हो गई है। पहले यह समस्या 30 से 40 साल की महिलाओं में देखने को मिलता था। लेकिन अब यह समसया 21 से 25 साल महिलाओं में भी ट्यूब ब्लॉकेज की समस्या देखी जाती है। ऐसी ही एक कहानी नई दिल्ली की रहने वाली रागिनी की है जिसकी उम्र 24 साल की है। जिन्हें शादी के दो साल बाद भी गर्भधारण नहीं हुआ।
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बांझपन की समस्या से जुझ रही रागिनी शादी के बाद दो साल से संबंध बनाने के बाद भी कंसीव नहीं कर पाई। जिसके चलते हर समय वो तनाव में रहने लगी थी। कई डॉक्टरों से कंस्लट किया इलाज भी करवाया मंहगी दवाइयां भी खाई लेकिन गर्भधारण की समस्या का निवारण नहीं मिला।
जब डॉक्टर ने जांच करवाने के लिए कहा तब पता चला की दोनों ट्यूब ही ब्लॉक है। डॉक्टर का कहना था की एक फैलोपियन ट्यूब भी खुली होती तो गर्भधारण के लिए प्रयास कर सकती थी। लेकिन दोनों ट्यूब बंद होने के कारण नेचुरल गर्भधारण करना असंभव है। आपको आईवीएफ और लैकोस्कोपी ही करवानी पड़ेगी जिसमें लाखों रुपयें खर्च होने के बाद भी कोई सही परिणाम नहीं मिलेगा।
ये खबर सुनकर रागिनी मायूस हो जाती है जब हर संभव इलाज के बाद पता चलता है की फैलोपियन ट्यूब ही ब्लॉक है। इतना परेशान होने के बाद एक बार रागिनी ने दूसरे विकल्पों के इलाज के बारे में रिसर्च किया तो मालूम हुआ बिना सर्जरी के आयुर्वेद में मेरी परेशानी का इलाज मौजूद है।
तुरंत मैंने आशा आयुर्वेदा से अपॉइंटमेंट लेकर डॉक्टर से मिली। डॉक्टर ने मेरी रिपोर्ट देख के मुझे आशवासन दिया की मुझे धैर्य से काम लेना चाहिए। हम पर विशवास रखें आपकी स्थिती गंभीर है लेकिन ऐसी भी नहीं है की इलाज ना हो सकें। थोड़ा समय लगेगा पर आपको रिजल्ट खुद ही दिखने लगेंगे। डॉक्टर ने आयुर्वेद दवाइंयों के साथ मेरे लिए डाइट चार्ट भी तैयार करके दिया साथ ही मुझे कुछ योगासन भी बताएं जिसे अपना के कुछ महीनों में ही मैंने नेचुरल तरीके से कंसीव कर लिया। रागिनी और उनके पति के लिए खुशी का ठिकाना नहीं है जब उन्हे पता चला की आयुर्वेद से कुछ महिने में केंसीव कर लिया और अब मां बनने का सुख मिला। ना जाने रागिनी जैसी कितनी महिलाएं है जिन्होनें आयुर्वेद को चुना और अब मां बनने के सुख प्राप्त किया है। आयुर्वेद उन महिलाओं एक नई आशा की किरण हो जो इस सुख से वंच्छित है। आशा आयुर्वेदा के जरिए निसंतान रागिनी ने अपने जीवन में संतान सुख पा सकी हैं।
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