जल्दी प्रेग्नेंट होने के उपाय – Fast Pregnancy Tips in Hindi
परिवार में किसी नए सदस्य का आना सबसे ज्यादा खुशी का पल होता है। खासतौर पर एक महिला के लिए दुनिया का सबसे प्यारा अहसास होता है जब वह मां बनती है। लेकिन अधिकतर महिलाओं की जिंदगी में इस खुशी में खलल आ जाती हैं। आजकल की महिलाएं Fast Pregnancy के लिए कितने जतन करती है। लेकिन कोई भी सफलता नहीं मिल रही है। प्रेग्नेंसी का प्रयास करने वाली महिलाओं के नमन में अक्सर जल्दी प्रेग्नेंट होने के उपाय को लेकर कई सवाल रहते हैं। महिलाओं को इसकी पूरी जानकारी ना होेने के कारण तनाव होने लगता है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 15 प्रतिशत जोड़े जो बच्चे के लिए प्रयास करते हैं उन्हें प्रजनन समस्याओं का अनुभव हो सकता हैं और उनके लिए जल्दी प्रेग्नेंट होने के उपाय की जानकरी बेहद महत्वपूर्ण है। जब कोई कपल बच्चे की चाहत रखते हुए एक साल तक असुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाता है लेकिन फिर भी कन्सीव नहीं कर पाता है तो उस स्थिति को इनफर्टिलिटी मान लिया जाता है और फिर आपको किसी अच्छे डॉक्टर से सम्पर्क करके अपनी कंडीशन अच्छे से बेझिझक होकर डिसकस करना चाहिए ताकि डॉक्टर कारण को समझकर आपका सही तरीके से ट्रीटमेंट कर सके जिससे आप जल्दी प्रेग्नेंट होने के उपाय कर सकें। गर्भावस्था (प्रेगनेंसी) के बिना महीने दर महीने बीत जाते हैं, तो निराशा के कारण तनाव पैदा हो सकता है और रिश्ते में समस्याएं आना शुरु हो जाती है।
गर्भवती होने में परेशानी ओव्यूलेशन, अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब, एंडोमेट्रियोसिस, पीसीओएस, समय से पहले रजोनिवृत्ति, फाइब्रॉएड, थायरॉयड जैसी समस्याओं के कारण हो सकता हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे असान प्रेगनेंसी टिप्स (Pregnancy tips in hindi) बताने वाले जो आपको जल्दी प्रेग्नेंट होने के उपाय करने में मदद करेंगे।
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मां बनने के लिए क्या है जरूरी
गर्भवती होने के लिए महिलाओं का यूटरस और फैलोपियन ट्यूब नॉर्मल होना चाहिए और ओवरी में अंडा सही तरह से बनना चाहिए। अगर एक महिला के शरीर में ये तीनों चीजें सामान्य हैं, तो आप जल्दी कंसीव कर सकती है। इसके अलावा पुरुष का स्पर्म हेल्दी हो, तो जल्दी गर्भधारण हो सकता है।
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जल्दी गर्भवती होने का सही समय
हर शादी शुदा जोड़े के लिए पैरेंटस बनना एक सपना होता है। हर किसी के मन में यही सवाल आता कि जल्दी प्रेग्नेंट होने के उपाय क्या हैं और प्रेगनेंसी के लिए कब सम्बन्ध बनाए (Pregnancy ke liye kab relation banaye)?
जल्दी गर्भधारण के लिए सही समय की बात करें तो ओवुलेशन का समय गर्भधारण करने के लिए सबसे सही समय होता है। कभी-कभी ओवुलेशन में ब्लीडिंग को गलती से पीरियड्स समझ बैठती हैं लेकिन इस दौरान असुरक्षित यौन संबंध बनाने से गर्भवती होने की संभावना बढ़ सकती है। इस तरह आप गर्भधारण कर सकती हैं।
महिलाओं का ओवुलेशन चक्र 28 से 30 दिनों का होता है। इसका मतलब है कि आप मासिक चक्र के दौरान सेक्स करती हैं तो इसके कई दिनों बाद तक आपके ओव्युलेट होने की संभावना नहीं है।
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पीरियड्स पर नजर रखें
अगर आप गर्भवती होना चाहती है तो निम्नलिखित जानकारी पर ध्यान दें:
- अपने पीरियड्स की पूरी डिटेल अपने पास रखें और इनमें हो रहे बदलावों की भी पूरी जानकारी एकत्र करें. जैसे, आपका पीरियड साइकिल कितने दिन का है।
- आपको पीरियड्स कितने दिन तक होते हैं, 3 दिन या 5 दिन या इससे कम और ज्यादा भी हो सकता है।
- पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग कैसी होती है?
- क्या पीरियड्स के दौरान खून के थक्के बहुत अधिक आते है?
- पीरियड्स के दौरान क्रैंप्स आते हैं या नहीं।
- क्या हर बार एक ही तरह के लक्षण होते हैं?
ये सभी बातें डॉक्टर से बातचीत के दौरान आपके बहुत काम आएंगी और आपकी पीरियड साइकल समझने से लेकर आपकी हेल्थ से जुड़ी सभी जरूरी बातें समझने में मदद मिलेगी।
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ऑव्युलेशन के दिनों पर नजर रखें
एक महिला के पीरियड्स के दिनों के अनुसार उसके ऑव्युलेटिंग दिनों का पता लगाया जा सकता है। ये वो दिन होते हैं जिसमे कोई भी महिला सबसे ज्यादा फर्टाइल होती है और उस दौरान सम्बन्ध बनाये जाने पर उसके कन्सीव करने की सम्भावना बढ़ जाती है। आपके पीरियड्स साइकल जिस दिन खत्म होते हैं, उसके 11 दिन बाद से आपकी ओवरी एग रिलीज करने लगती है। यह प्रक्रिया 11 से 21 दिन तक चलती है। यानी पीरियड्स पूरे होने के 11 दिन से लेकर 21 दिन के बीच का समय प्रेग्नेंट होने के लिहाज से सबसे सही समय होता है।
आप अपने ऑव्युलेशन के दिनों की जांच करने के लिए यह फार्मूला इस्तेमाल कर सकते हैं :
½ आपके पीरियड्स साईकल के कुल दिनों की संख्या -3
आपके गर्भ में अंडा बनने की प्रक्रिया और ऑवल्यूशन के दिनों को इस तरह भी गिन सकती हैं कि आपके अगले पीरिड्स शुरू होने से 12 से 14 दिन पहले एग सबसे सही क्वालिटी में रिलीज होता है। यानी इन दिनों में सेक्स किया जाए तो प्रेग्नेंसी की संभावना सौ प्रतिशत तक बढ़ जाती है।
अगर आप अपने शरीर के द्वारा दिए जा रहे संकेतों को पहचानकर यह जान लें कि गर्भधारण करने का यही सही समय है तो मां बनने की आपकी इच्छा जल्दी पूरी हो सकती है। ऑवल्यूशन के दौरान शरीर में ये लक्षण नजर आते हैं –
- ब्रेस्ट काफी कोमल होने लगते हैं।
- पेट के किसी एक साइड में बहुत हल्का दर्द अनुभव हो सकता है।
- पेट कुछ बढ़ा हुआ और फूला हुआ अनुभव होता है।
- सेक्स करने की इच्छा बढ़ जाती है।
- हल्के निशान आने लगते हैं और निकलने वाले फ्लूइड का रंग और टेक्सचर हमेशा से थोड़ा अधिक चिकना और लाइट होता है।
- स्वाद और गंध को लेकर आपकी संवेदनशीलता अधिक बढ़ जाती है।
ये कुछ ऐसे आम लक्षण हैं, जिन्हें कोई भी महिला आसानी से पहचान सकती है और गर्भधारण करने के बेस्ट दिनों के बारे में जान सकती है।
जानें जल्दी गर्भधारण करने का तरीका
अगर महिला गर्भधारण की कोशिशें कर रही है और फिर भी गर्भधारण नहीं हो रहा है तो कुछ आदतों में बदलाव करें या जल्दी प्रेग्नेंट होने के उपाय (Tips of pregnancy in hindi) कर सकते हैं। इन निम्नलिखित में जल्दी प्रेग्नेंट होने के लिए घरेलू उपाय शामिल हैं-
- गर्भधारण सही उम्र में करें (Get Pregnant at the Right Age)
हर महिला के लिए मां बनना सौभाग्य की बात होती हैं। परंतु गर्भवती होने के लिए सही कौन सी उम्र सही है यह एक समसया बनी रहती है। गर्भधारण (प्रेगनेंसी कन्सीव) करने के लिए डॉक्टर की माने तो सही उम्र 18 से 28 तक होती है। इस उम्र में महिला को गर्भधारण की संभावना ज्यादा होती है। 18 से 28 साल की महिला की तुलना में 35 साल की महिला को प्रेग्नेंट होने के चांस 50% कम होते हैं।
- पहली प्रेगनेंसी में अबॉर्शन न करें- (Do not have Abortion in first Pregnancy)
जल्दी प्रेग्नेंट होने के लिए फर्टिलिटी होना बहुत जरूरी है। माहवारी समय पर होती हो और फर्टिलाइजेशन भी समय पर होता हो, इसके लिए जरूरी है कि आप डाक्टर से फर्टिलिटी की जांच कराएं। गर्भपात करवाने से दूसरी बार गर्भधारण करने में परेशानी हो सकती है। अत्यधिक रक्तस्राव के अलावा संक्रमण होने का भी खतरा बना रहता है।
- पीरियड्स चक्र को नियमित करें (Regularize the Menstrual Cycle)
जल्दी प्रेग्नेंट होने का तरीका यह है कि अपने पीरियड्स चक्र को नियमित करें। अगर आपका चक्र सही समय पर नहीं आता है तो तुंरत डॉक्टर को दिखाएं। प्रेग्नेंसी के लिए आपके पीरियड्स का नियमित होना जरुरी है।
- वजन कम या कंट्रोल करें (Lose or Control Weight)
प्रेग्नेंसी में बढ़े हुए वजन से कंसीव करने में काफी परेशानी आती है। मोटापे के चलते लाखों महिलाएं मां बनने का सुख नहीं भोग पाती क्योंकि ओवरवेट के चलते उनके फेलोपियन ट्यूब और ओवरी के बंद होने की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए जल्दी कंसीव करने के लिए वजन पर कंट्रोल करें।
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प्रेगनेंसी प्लानिंग टिप्स इन हिंदी
अपनी डाइट के बारे में सोचते है तो हम जो रोजमर्रा में खानपान में क्या बदलाव करने की जरुरत है। निम्नलिखित में डाइट और लाइफस्टाइल शामिल हैं-
- रोज तूवर की दाल का सेवन नहीं करना चाहिए। तूवर की दाल शरीर में पित्त को बढ़ाती है। उसके बजाए आप मूंग की दाल लें सकते हैं।
- चावल भी खा सकते है, लेकिन कूकर में बने चावल के सेवन से आपके शरीर में कफ की समस्या पैदा हो सकती है। उसकी जगह आप मांड निकालकर चावल खाएं।
- आप सारे मौसमी फल (Seasonal Fruits) ले सकते हो। इसमें अनार, अमरुद, अंजीर जैसे फल शामिल है जिसमें ज्यादा मात्रा में बीज होते है।
- अनानास और पपीता जैसे फलों का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए। इनकी तासीर बहुत गर्म होती है जो शरीर में पित्त को बढाएंगे और प्रेगेंनसी में मिसकैरिज का कारण बढ़ाएंगे।
- चना, राजमा और छोले जैसे बादी अनाज जो शरीर में वात की समस्या का कारण बन सकता है। इसलिए इनका सेवन ना ही करें तो आपके लिए अच्छा रहेगा।
- अगर आप ड्राइ फूर्टस लेना चाहती है तो बदाम, अखरोट, अंजीर, काली किशमिश लें सकते हैं। ये सारे ड्राई फ्रूट्स आपके शरीर में माइक्रो न्यूट्रिएंट्स जैसे मैग्निसियम, सल्फेट्स आदि की मात्रा को नियंत्रित रखने का काम करती है। इसकी तासीर गर्म होती है तो पानी में भीगोने के बाद ही खाएं। काजू और पिशता का सेवन ना करें। इससे पित्त की समस्या हो सकती है।
- प्रेगनेंसी के समय आप आंवला के किसी भी रुप को लें सकती हैं। जैसे की आंवले का मुरब्बा हो या आंवले का जूस का सेवन कर सकती हैं। इसमें विटामिन-सी पाया जाता है जो सूजन की समस्या को कम करता है।
- अचार, पापड़ और दही का सेवन करने से बचें। गरम मसाला, मैदा या ब्रेड, तीखें खाने का सेवन करने से बचें। इनसे पित्त की समस्या का कारण बनता है।
- आपको प्रेगनेंसी में 6 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। नींद लेना ही काफी नहीं है सही समय पर नींद लेना भी जरुरी है। दोपहर को सोना अच्छी बात नहीं है इससे कफ की समस्या बढाती है जो प्रेग्नेंसी में दिक्कत खड़ी कर सकता है।
- ज्यादा व्यायाम करने से बचें। तनाव से दूर रहे। और इसके लिए आप योग या मेडिटेशन का सहारा लें सकते हैं।
- धूम्रपान और शराब जैसे नशीले पदार्थों के सेवन से परहेज करें। यह किसी भी गर्भवती स्त्री के लिए हानिकारक है। इससे आपकी फर्टिलिटी कम होती है और कन्सीव करने में दिक्कत होती है। ज्यादा कैफीन का प्रयोग भी आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, इसलिए चाय और कॉफी के अत्यधिक सेवन से बचें।
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