PCOS/PCOD से ग्रसित महिलाओं के लिए गर्भावस्था मुश्किल हो सकती है। कुछ महिलाएं ऐसी भी है हैं जो प्रेग्नेंट नहीं हो पाती हैं, चाहे वे कितनी भी कोशिश कर लें। गर्भावस्था के कई पक्ष और विपक्ष हैं। इसके पीछे अच्छे खान-पान से लेकर स्ट्रेस फ्री मूड तक है। ये ऐसी चीजें हैं जो पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित और प्रभावित करती हैं।
गर्भावस्था तभी हो सकती है जब महिला को पीसीओडी या PCOS/PCOD से छुटकारा मिल जायें। एक स्वस्थ गर्भावस्था के लिए महिला एवं पुरुष शरीर का स्वस्थ होना बहुत जरुरी है। तभी आप गर्भधारण करने में सफल होगीं।
आमतौर पर मासिक धर्म के बाद 13-14 दिनों में अंडाशय से अंडे निकल जाते है। लेकिन पी.सी.ओ.डी. से परेशान महिलाओं का अंडा काफी देरी से रिलीज होता है या फिर होता ही नही है। जिसके कारण कम ब्लीडिंग, अधिक ब्लीडिंग, चेहरे के बालों का बढ़ना, बालों का झड़ना, वजन बढ़ना, गर्भावस्था की जटिलताएं पीसीओडी के सामान्य लक्षण हैं।
PCOS/PCOD के के लक्षण –
- पैल्विक दर्द जो सुस्त दर्द से लेकर तेज और गंभीर दर्द तक हो सकता है
- संभोग के दौरान दर्द
- पेट में सूजन या सूजन
- पीठ के निचले हिस्से या जांघों में दर्द
- दर्दनाक मल त्याग
- स्तनों में शिथिलता
- उलटी अथवा मितली
- बुखार
- चक्कर आना या बेहोशी
(ये भी पढ़े –कैसे पहचाने पीसीओडी के लक्षण – SYMPTOMS OF PCOD/PCOS)
आयुर्वेदिक दवाओं के सेवन से पीसीओडी के इन लक्षणों को कम करके आप गर्भधारण कर सकती है –
- दालचीनी प्रयोग – 1 कप गर्म पानी में 1 चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाएं। यह मासिक धर्म की ऐंठन को कम करता है और ovarian cyst को पिघला देता है। कोलंबिया विश्वविद्यालय में आयोजित यह एक शोध में पाया है। कि आयुर्वेद की दवाएं पीसीओडी को जड़ से समाप्त करने में पूरी तरह से प्रभावी है।
- अलसी के बीज – पुरुष हार्मोन के स्राव को कम करता है और पीसीओडी में हार्मोनल परिवर्तन को ठीक करता है। यह प्रभावी है यदि आप बीज (1-2 बड़े चम्मच) को मिलाकर पानी (1 कप) के साथ दिन में एक और दो बार (1 कप) लें। इससे वजन भी कम होता है।
- तुलसी की चाय – 1 कप पानी में 10-12 तुलसी के पत्ते डालकर अच्छी तरह उबाल लें। नियमित बार सेवन करना।
- एलोवेरा जूस – सुबह खाली पेट एलोवेरा जूस का सेवन करें। एक कप पानी में 1-2 चम्मच एलोवेरा की पत्ती का गूदा मिलाएं। इसमें 2 बड़े चम्मच आंवले का रस मिलाएं।
- सौंफ का काढ़ा – 1 कप पानी में 2 चम्मच सौंफ रात भर (2 मिनट तक उबालें) या गर्म पानी में भिगोकर रख सकते हैं। सुबह उठकर सौंफ का ठंडा पानी पिएं।
- जीरा – डेढ़ चम्मच जीरा पाउडर 1 कप गर्म पानी में मिलाएं। और प्रतिदिन सुबह इसका सेवन करें।
- कले तिल – काले तिल यौन संबंधी समस्याओं और पीसीओडी की से निजात दिलाने के लिए रामबाण का काम करते है। काले तिल का सेवन आप लड्डू में कर सकती है। बिस्किट और सलाद में भी इनका प्रयोग किया जाता है।
आयुर्वेद में अशोक चाल, शतावरी, अश्वगंधा, लोधरा, आंवला, हल्दी, मंजिष्ठा, नीम आदि कई अच्छी जड़ी-बूटियाँ हैं जो न केवल महिलाओं की आंतरिक चिकित्सा करती हैं बल्कि त्वचा और शरीर को पोषण और पोषक तत्व देकर उनकी सुंदरता को भी बढ़ाती हैं।
आयुर्वेद के अनुसार जीवन शैली में परिवर्तन, जैसे कि फलों, सब्जियों और साबुत अनाज की खपत बढ़ाना है । जबकि संतृप्त वसा, नमक और परिष्कृत चीनी की खपत को कम करके आप पीसीओडी की समस्या में आसानी से काबू पा सकती है।
(ये भी पढ़े – पीसीओएस/पीसीओडी का आयुर्वेदिक उपचार – PCOS/PCOD Ayurvedic Treatment in hindi)