पेशाब में रुकावट के लक्षण, कारण और आयुर्वेदिक उपचार – Urinary Tract Blockage in Hindi
आजकल पेशाब में रुकावट यानी यूटीआई (UTI) एक आम बिमारी है। यह समस्या पुरुषों और महिलाओं दोनों में ही देखी जाती है लेकिन महिलाओं में इसका असर ज्यादा देखा जाता है। यूटीआई आपके यूरिनरी सिस्टम (Urinary System) के किसी भी हिस्से में होने वाला इन्फेक्शन है, जिसमें आपके किडनी (Kidney), ब्लैडर (Bladder), यूट्रस (Uterus) और यूरेथ्रा (Urethra) शामिल हैं। वैसे तो यह बीमारी आम है लेकिन ध्यान ना देने पर इसका इंफेक्शन किडनी में भी फैल सकता है और किसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है |
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यूटीआई के लक्षण – Symptoms of UTI in Hindi
- पेशाब करते समय जलन महसूस होना।
- बार बार पेशाब का आना या रुक रुक कर पेशाब आना।
- पेशाब में झाग रहना, काला रंंग, खून, या अजीब-सी महक आना।
- थका हुआ या अस्थिर महसूस करना |
- बुखार या ठंड लगना एक संकेत है कि संक्रमण आपके गुर्दे तक पहुंच गया है।
- आपकी पीठ या पेट के निचले हिस्से में दर्द या दबाव रहना।
- मूत्रमार्ग या मूत्राशय की परत में सूजन आना।
(मूत्र नली) पेशाब में रुकावट रुकावट से दिक्कतें – Urinary Track blockage Problem in Hindi
अगर यूटीआई या पेशाब में रुकावट का सही समय पर इलाज ना किया जाए तो इन निम्नलिखित दिक्कतों का समना कर सकते है-
- ब्लैडर से एक या दो किडनी फैल हो सकती है।
- किडनी में पहुंचकर बेक्टीरिया उसके कर्याक्षमता को नुकसान पहुंचाता है।
- जिन लोगों को पहले से ही किडनी दिक्कत है, इससे उनकी किडनी फैल होने का बढ़ सकता है।
- यूटीआई खून के जरीए दूसरे अंगों में फैल सकते है।
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मूत्र नली / पेशाब में रुकावट का आयुर्वेदिक उपचार – Ayurvedic Treatment for Urinary Tract in Hindi
यूरीन के इंफेक्शन में मूत्र नली का आयुर्वेदिक उपचार इन निम्नलिखित तरीके से किया जाता है-
- बस्ती (Basti)
इस चिकित्सा में हर्बल काढ़े और तेलों से तैयार आयुर्वेदिक एनीमा को संदर्भ करती है। यह थेरेपी बड़ी आंत और मलाशय को साफ करने में फायदेमंद होती है। बस्ती करने के लिए उपयोग किए जाने वाले औषधीय काढ़े आमतौर पर तेलों को मिलाकर दिए जाते हैं। और यह कभी अकेले नहीं दिए जाते हैं। खाली करने वाले एनीमा वसा को कम करने में मदद करते हैं, जबकि एनीमा को शुद्ध करने से शरीर से विषाक्त पदार्थों को खत्म किया जाता है। निरुह बस्ती (Niruha basti) में दशमूल (10 जड़ें) क्वाथा (काढ़ा), अनुवासन बस्ती का उपयोग करके तिल का तेल और उत्तर बस्ती यूटीआई के लिए उपचार की एक सामान्य रेखा बनाती हैं। यह उपचार डिसुरिया (dysuria) और रुकावट से राहत प्रदान करते हैं।
- स्वेदन (Swedana)
स्वेदन या सूडेशन थेरेपी में विभिन्न तकनीकों का उपयोग करके पसीने का निकलना शामिल है। यह थेरेपी शरीर के विभिन्न हिस्सों में फैले विषाक्त पदार्थों के द्रवीकरण को बढ़ावा देती है। ये विषाक्त पदार्थ को बहार निकालने के लिए आहार नाल की ओर बढ़ते हैं। स्वेदन शरीर में भारीपन और अकड़न को कम करता है। यह उन लोगों के लिए भी मददगार है जिन्हें लगातार ठंड लगती है। बस्ती में सिट्ज बाथ और तप स्वेड (सेंक) UTI के इलाज के लिए फायदेमंद होते हैं। यूटीआई वाले लोगों में भोजन करने से पहले घृत (मक्खन) का सेवन करने के साथ कटी (कमर), पार्श्व (फ्लैंक), उदर (पेट) और वंक्षण (कमर) क्षेत्रों पर तेलों का उपयोग करके स्नेहन (तेल) से वतनुलोमाना (वात का नियमन) में सुधार होता है।
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- लेप (Lepas)
इस उपचार में औषधीय जड़ी-बूटियों और तेलों से बने गाढ़े लेप का इस्तेमाल सूजन को कम करने के लिए पूरे शरीर पर लगाए जाते हैं। लेप विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने, दोषों को साफ करने में उपयोगी हो सकता है। मूत्र नली में रुकावट का इलाज के लिए नरसारा (अमोनियम क्लोराइड) पाउडर को ब्लैडर वाले हिस्से पर लगाया जाता है। फिर उसके ऊपर समुद्री जल या शैवाल में भिगोया हुआ कपड़ा रखा जाता है। यूटीआई के इलाज के लिए यवक्षरा या सूर्याक्षरा पाउडर (जड़ी बूटियों की राख से बना एल्कलाइन मिश्रण) को मूत्राशय पर भी लगाया जाता है। इसके बाद इस जगह ऊपर एक गीला कपड़ा रखा जाता है।
मूत्र नली में रुकावट ऐसे करें बचाव- How to prevent urinary tract blockage in Hindi
यूटीआई इंफेक्शन या मूत्र नली (पेशाब) में रुकावट से बचने के लिए तरीकों में शामिल है –
- खूब सारा पानी पिएं।
- सेक्स करने के बाद और पहले पेशाब जरूर जाएं।
- अपने प्राइवेट पार्ट की अच्छे से सफाई करें।
- किसी भी तरह के स्प्रे का कम इस्तेमाल करें।
- पेशाब को देर तक नहीं रोकना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और डायबिटीज वालों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
- चावाल के पानी का सेवन मूत्र नली (पेशाब) रुकावट में होने वाले डिस्चार्ज, पीठ दर्द, खुजली और पेट में दर्द में राहात पहुंचाता है।
- आंवले का रस का सेवन करें। इसमें विटामिन-सी शामिल होता है, यूटीआई को कम करने मदद करता है।
- सौंफ का पानी या नारियल पानी के सेवन से सुपर कूलिंग तरीके से जलन को कम करता है।
- ढीले और सूती अंडरगारमेंट्स और कपड़े पहने।
- साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी पीया करें।
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