जानिए क्या और क्यों होता है महिलाओं को पीसीओडी – PCOD in Hindi
आजकल के समय में पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOD in Hindi) की समस्या बहुत अधिक बढ़ रही है। पहले ये समस्या 30 से 35 साल की महिलाओं को होती थी, अब 18 से 25 साल की उम्र में पीसीओडी (PCOD) की समस्या देखी जाती है।
इस समस्या को पीसीओएस (PCOS) के नाम से भी जाना जाता है। करीबन 70 प्रतिशत महिलााओं को पता ही नहीं होता की वो पीसीओडी से पीड़ित हैं।
पीसीओडी क्या होता है?- What is PCOD in Hindi?
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम एक प्रकार का हॉर्मोनल डिसऑर्डर होता है। यह समस्या आपकी प्रजनन आयु के समय प्रभावित करता है। इस डिसऑर्डर में अंडेदानी में छोटी छोटी गंठ बन जाती है। इससे हर्मोनल परेशानियां होने लगती हैं और मासिक धर्म में अनियमिता होने के साथ वजन भी बढ़ने लगता है।
इसमें पुरुष हार्मोन जो एंड्रोजन (androgen) का स्तर बढ़ने लगता है। अंडाशय तरल पदार्थ (follicles) के कई छोटे संग्रह विकसित कर सकते हैं और नियमित रूप से अंडे रिलीज करने में विफल होते हैं।
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पीसीओडी क्यों होता है?- Why does PCOD happen in Hindi?
अभी तक इस बीमारी की कोई मुख्य वजह तो सामने नहीं आई है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि आजकल के समय में बदलते जीवन शैली जैसे कि
- लाइफ में तेजी से बढ़ता स्ट्रेस
- देर रात तक जागना और फिर दिन में देर तक सोना
- खान-पान में सहीं ध्यान ना देना
- स्मोकिंग और ड्रिकिंग करना
लाइफस्टाइल में यह सब पीसीओडी का मुख्य कारण हो सकते हैं। क्योंकि इन सब से महिलाओं के हॉर्मोन्स का स्तर गड़बड़ा जाता है।
पीसीओडी के लक्षण क्या है?- What are the symptoms of PCOD in Hindi?
इस बीमारी के लक्षण दिखें तो अलर्ट हो जाए-
- अनियमित पीरियड्स: इस बीमारी में ओव्यूलेशन की कमी हर महीने गर्भाशय (Uterus) की परत को बहने से रोकती है। पीसीओएस वाली कुछ महिलाओं को साल में आठ बार से कम पीरियड्स आते हैं या बिल्कुल भी नहीं आते है।
- भारी रक्तस्राव: इस स्थिति में गर्भाशय की परत लंबे समय तक बनी रहती है, इसलिए आपके मासिक धर्म सामान्य से अधिक हो सकते हैं।
- चेहरे पर मुंहासे: पीसीओडी में पुरुष हार्मोन त्वचा को सामान्य से अधिक तैलीय बना सकते हैं और चेहरे, छाती और पीठ के ऊपरी हिस्से पर मुंहासे होने लगते है।
- शरीर या चेहरे पर बालों का आना: इस स्थिति में अधिक महिलाएं अपने चेहरे और शरीर पर बाल आते हैं। जिसमें उनकी पीठ, पेट और छाती शामिल हैं। अत्यधिक बाल बढ़ने की समस्या को हिर्सुटिज़्म कहा जाता है।
- वजन बढ़ना: ज्यादातर मामलों में पीसीओएस वाली महिलाएं अधिक वजन या मोटापे से परेशान होती हैं।
- त्वचा पर काले धब्बे पढ़ना: त्वचा के काले धब्बे शरीर की सिलवटों के तरह होते है जैसे कि गर्दन पर, कमर में और स्तनों के नीचे आ सकते हैं।
- बालों का पतला होना: इस स्थिति में सर से बाल कम होने लगते हैं या बिल्कुल गिरने लगते हैं।
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पीसीओडी का कारण क्या है?- What are the Causes of PCOD in Hindi?
वैसे तो पीसीओडी का कोई सही कारण तो नहीं पता चला, पर विशेषज्ञों के अनुसार कुछ कारक इसमें अहम भूमिका निभाते हैं. जैसे कि-
- इनसुलिन की बड़ी हुई मात्रा: इंसान के शरीर में इंसुलिन (Insulin) की मात्रा तय करती हैं कि एण्ड्रोजन का उत्पादन कितना होगा। अधिक इंसुलिन की मात्रा होने का मतलब हैं कि एण्ड्रोजन का उत्पादन भी ज्यादा होगा। और अतिरिक्त एण्ड्रोजन के उत्पादन से ओव्यूलेशन में कठिनाई हो सकती है।
- निम्न-श्रेणी में सुजन: हमारे शरीर में वाइट ब्लड सेल्स का उत्पादन इंफेक्शन से लड़ने के लिए होता हैं। और इस समस्या में वइट ब्लड सेल्स का उत्पादन करने में असमर्थ होता हैं। जिससे निम्न-श्रेणी में सुजन होने लगती है, जो अधिक एण्ड्रोजन के उत्पादन भी कारण होता है।
- जीन: विशेषज्ञों का मानना है कि महिलाओं को पीसीओडी उनके परिवार से भी मिल सकता है।
पीसीओडी में होने वाली जटिलताएं क्या है?- What are the Complications in PCOD in Hindi?
अगर इस बीमारी को ऐसे ही छोड़ दिया जाता है, तो इससे कई तरीके की नई बीमारियां जन्म ले सकती है। पीसीओडी में होने वाली जटिलताएं शामिल हैं-
- डायबिटीज की समस्या पैदा हो सकती है।
- अंडेदानी से कैेसर का रिस्क बढ़ता है।
- ओवरी एग को रिलीज करने में सक्षम नहीं होता, जिसे गर्भपात का खतरा होता है।
- प्रजानन क्षमता की कमी होना।
- सोते समय सांस लेने में परेशानी होना।
- ब्रेस्ट केंसर (Breast Cancer) का रिस्क होना।
- गर्भवधि डायबिटीज (Gestational Diabetes) का खतरा बढ़ना।
लक्षणों को देखकर उसे अनदेखा ना करें और तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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पीसीओडी का आयुर्वेदिक इलाज कैैसे होता है?- What is the ayurvedic treatment of PCOD in Hindi?
इस बीमारी का इलाज अभी तक निर्धारित नहीं किया है। हंलाकि, इसको कम करने के लिए उचित उपचार और जीवन शैली में बदलाव करने से आप छुटकारा पा सकते हैं। अगर आप पीसीओडी या पीसीओएस से पीड़ित हैं और नेचुरल ट्रीटमेंट से अपना इलाज करवाना चाहते है। इसका इलाज आयुर्वेद से बिना आपरेशन के हो सकता है।
पीसीओडी में पुदीना है फायदेमंद
पुदीना सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसमें मेंथॉल, प्रोटिन, कॉपर, विटामीन-ए और आयरन जैसे तत्व मौजूद है। तो एक बर्तन में एक गिलास पानी करें, और 7-8 पुदीने की पत्तियों को डालकर दस मिनट तक उबालें। फिर छानकर इसे चाय की तरह पीएं। कुछ हफ्तों तक इसका सेवन करने से टेस्टोस्टेरोन हार्मोन कम होता है। साथ ही शरीर में बालों का बढ़ना भी कम हो जाता है।
दालचीनी का सेवन करें
दालचीनी का स्वाद थोड़ा मीठा और तीखा होता हैै। इसमें भरपूर मात्रा में थाइमीन, फॉस्फोरस, प्रोटीन, सोडियम, विटामिन, कैल्शियम, मैंग्नीज, पोटेशियम, निआसीन, कार्बोहाइडे्ट आदि होता हैं। इससे वजन को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। आपको एक गिलास में गर्म पानी में एक चम्मच दालचीनी का सेवन करना है।
मेथी से भी मिल छुटकारा
इस समस्या में वजन तेजी से बढ़ता है इसलिए आप मेथी का सेवन करें। इसमें पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन, सेलेनियम, मैग्नीशियम, विटामिन बी 6, फोलिक एसिड, राइबोफ्लेविन, विटामिन ए और विटामिन सी भी शामिल हैं। इंसुलन को बढ़ने से रोकता है और ग्लूकोज के चयापचय को बढ़ाता है। मेथी को आप भीगो के भी ले सकते है या शहद के साथ लें।
तुलसी गुणों से भरा
तुलसी एक आयुर्वेद औषधी है जो गुणों से भरा है। यह ना सिर्फ इम्यूनिटी को मजबूत करती है बल्कि कई बीमारियों का इलाज भी करती है।
इसमेें एंटी-एन्ड्रोजेनिक गुुण है जो टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के स्तर को कम करता है। आप 8 से 10 तुलसी के पत्तियों का काढ़ा बनाकर पी सकते है।
अगर आप पीसीओडी या पीसीओएस से पीड़ित हैं और नेचुरल ट्रीटमेंट से अपना इलाज करवाना चाहते है। तो दिल्ली के स्वश्रेत्र इनफर्टिलिटी क्लिनिक (Aasha Ayurveda) में डॉक्टर चंचल शर्मा से संपर्क करके अपना इलाज करवा सकते है । डॉक्टर चंचल की ऑफिशियल वेबसाइट पर पर जाए या हमसे +91 9811773770 संपर्क करें। हमारी टीम आपके सभी सवालों का जवाब देने और परेशानी से संबंधित ज्यादा जानकारी देने के लिए हमेशा तैयार हैं।
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