पीसीओडी इन दिनों किशोर महिलाओं में तेजी से बढ़ रहा है। पीसीओडी की उपस्थिति का पता निम्नलिखित प्रमुख लक्षणों से लगाया जा सकता है –
- मासिक धर्म संबंधी विकार
- अनचाहे स्थानों पर बाल उगना
- मुँहासे की उपस्थिति
- मोटापा
- एक और लक्षण है। गर्दन के पिछले हिस्से पर, खोपड़ी जैसे क्षेत्र त्वचा पर काली धारियों के रूप में दिखाई देते हैं। इसे एसेंथोसिस निगरिकन्स कहते हैं। यह इंसुलिन प्रतिरोध की अभिव्यक्ति है।
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माना जाता है कि चेहरे पर अनचाहे बालों के बढ़ने के कारण फेमिनिन लुक होता है। हालांकि, अध्ययनों से पता चलता है कि 10 में से एक महिला इससे पीड़ित है।
महिला चिकित्सा से जुड़े डॉक्टरों का कहना है कि ऐसा महिलाओं के शरीर में हार्मोनल असंतुलन के कारण होता है। इसका मतलब यह है कि चेहरे पर अनचाहे बालों का विकास तब होता है। जब शरीर टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का बहुत अधिक स्राव करता है। कुछ लोगों के बाल आनुवंशिक रूप से बढ़ते हैं। यदि बालों का विकास अचानक होता है । तो इसका कारण पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की समस्या है।
हालांकि, अगर यह बालों का विकास बढ़ता है, अगर ऊपर बताई गई कोई भी स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर से सलाह लें और बालों के विकास के लिए उचित उपचार की तलाश करें।
बालों की ग्रोथ को कंट्रोल करने के लिए घर पर हल्दी दूध मिलाएं और इसे घने बालों पर पेस्ट की तरह लगाएं। 15 मिनट बाद धो लें। ऐसा हफ्ते में तीन बार करने से बालों की ग्रोथ नहीं होगी।
कुछ महिलाओं के बाल हार्मोन की वजह से बढ़ जाते हैं। कुछ मूछों की तरह भी दिखते हैं। इसलिए होंठ के ऊपरी हिस्से का रंग गहरा होता है। PCOD को ठीक करने के लिए घर पर प्राकृतिक उपचार हैं –
क्या आपको भी आ रही है लड़को के जैसी मुछें?
लड़को की तरह लड़कियों में बाल होना आजकल अक्सर देखने को मिल जाते है। कुछ महिलाएं और लड़कियां ऐसी भी होती है। जिसकी दाढ़ी और मुछ बिल्कुल लड़को की तरह होती है।
इस बारें में आशा आयुर्वेदा की निःसंतानता विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा का कहना है कि 11 से 13 वर्ष के बीच लड़कियों के शरीर में बहुत बड़े बदलाव होते है। इन बदलाव में सेक्स ग्रेन्थी का विकास शामिल होता है। जब लड़कियों के शरीर में पुरुष हार्मोन का विकास होने लगता है । तो उसमें मुछें और चेहरे पर बाल निकलने लगते है। जो पीसीओडी का कारण भी बनते है।
महिलाओं में मुछ निकलने के सबसे बड़ा कारण होता है , हार्मोनल डिस्ऑर्डर । इसकी वजह से महिलाओं की ओवरी में मजबूती कम हो जाती है। जिससे अंडाशय से ठीक प्रकार से अंडो का निकलना संभव नही हो पाता है। जब ओवरी से अंडे नही निकल पाते है तो वह सिस्ट का रुप धारण करके गांठ में परिवर्तित हो जाते है।
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इसी समस्या को चिकित्सीय भाषा में हर्सुटिज्म कहा जाता है। इसके मुख्य तीन कारण है –
- जेनेटीकल – यदि यह बीमारी परिवार में पहले से किसी को है । तो आने वाली पीढ़ी में भी इसके होने की संभावना होती है।
- होर्मोनल – यह शरीर में हार्मोन का लेवल संतुलित नही रह पाता है । अर्थात महिलाओं के शरीर में पुरुष हार्मोन की अधिकता बढ़ जाताी है। तो पीसीओडी, थायराइड, मोटापा इत्यादि होने लगते है।
- दवाओं का अधिक सेवन – आजकल क्या होता है कि , जब आपको कोई बीमारी होती है तो उसको ठीक करने के लिए आप बहुत सारी दवाओं का सेवन करती है। परंतु उसी दौरान यह दवाएं आपके शरीर के हार्मोन को डिस्बैलेंस कर देती है। जिससे पीसीओडी जैसे बहुत सारी स्वास्थ्य समस्याएं हो जाती है।
मुछों से छुटकारा पानें के लिए करें घरेलू उपाय –
यदि आप एक महिला है और आपके चेहरे पर भी बहुत सारे बाल है । तो परेशान होने कि जरुरत नही है। कुछ घरेलू उपाय है जिनको अपनाकर आप इस समस्या से छुटकार पा सकती है।
- शहद और नींबू – यह बहुत अच्छा घरेलू उपाय है। इसमें आप शहद और नीबू के रस की कुछ बूंदे एक साथ मिलाकर कुछ देर के लिए रख दें। इसके बाद इस मिश्रण को चेहरे पर तथा जहां पर अनचाहे बाल है । वहां पर लगा लें । कुछ दिनों तक इस प्रयोग को नियमित रुप से करें।
- जौ का दलिया खाएं – जौ का दलिया खाने से शरीर में होने वाले अवांछनीय बालों से छुटकार मिलता है। जौ के दलिया में ऐसे पोषक तत्व होते है । जो शरीर के हार्मोन को नियंत्रति करते है।
- शहद और दही – यह घरेलू उपाय भी काफी अच्छा है । दही और शहद के पेस्ट को तैयार कर लें । इसके बाद इसको चेहरे पर लगाकर चीनी से हल्के हाथों से रगड कर निकाल दें। ऐसे करने से बाल हट जायेंगे और वहां पर दूबरा बाल नहीं उगेंगे।
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