ovulation period tips in hindi

ओवुलेशन पीरियड के लक्षण – Ovulation Period Kab Hota Hai

ओवुलेशन एक महिला के मासिक चक्र में होने वाली नियमित प्रक्रिया है। इस दौरान महिला सबसे ज्यादा फर्टाइल होती है क्यूंकि उनका अंडा ओवरी से निकल के Fallopian Tube में चला जाता है। फॉलोपियन ट्यूब में पहुँचने के बाद अगर वह स्पर्म के संपर्क में आ जाता है तो Egg Fertile हो जाता है और महिला गर्भवती हो जाती है। वैसे तो हर महिला का मेंस्ट्रुअल साइकिल अलग अलग दिनों का होता है, उसी के अनुसार उनके ओवुलेशन के दिनों का भी पता चलता है।

ओवुलेशन कैलकुलेटर (Ovulation kab hota h): अगर किसी महिला का मेंस्ट्रुअल साइकिल 28 दिनों का है तो उसका ओवुलेशन पीरियड 14वें दिन के आस पास शुरू हो जाता है। ओवुलेशन के दिनों की गणना करने के लिए आप अपने पीरियड्स के पहले दिन से अगले पीरियड्स में पहले दिन के बीच की काउंटिंग करें। जिन महिलाओं का मेंस्ट्रुअल साइकिल 21 दिनों का होता उनका ओवुलेशन पीरियड 7वे दिन से शुरु होता है। ओवुलेशन के दौरान महिलाओं के स्वास्थ्य पर भी इसका असर देखा जा सकता है। यह जरुरी तो नहीं है कि सभी महिलाओं में यह लक्षण समान रूप से दिखाई दे लेकिन सामान्यतः इस टाइम पीरियड में उनके पेट में दर्द रहता है। 

जिस तरह ओवुलेशन पीरियड अलग अलग होता है उसी तरह उसके दौरान होने वाले लक्षण भी। कुछ महिलाओं के पेट का दर्द कुछ घंटों में ठीक हो जाता है तो कुछ महिलाओं में यह दर्द कुछ दिनों तक बना रहता है। जिससे उनका कामकाज भी प्रभावित होता है। इसलिए आवश्यक है कि महिलाएं ओवुलेशन के दौरान इस तरह रखें खुद का ख्याल। यहाँ कुछ टिप्स दिए जायेंगे जो आपके लिए मददगार साबित होंगे। 

ओवुलेशन पीरियड के लक्षण क्या होते हैं? 

ओवुलेशन के दिनों में महिलाओं में कुछ ऐसे लक्षण देखे जाते हैं जिससे आप आसानी से उन दिनों को पहचान सकते हैं और अपना ख्याल रख सकती हैं। ओवुलेशन पीरियड के लक्षण इस प्रकार हैं :

  • पेट के निचले हिस्से में दर्द होना ओवुलेशन पीरियड के लक्षण हो सकते हैं।
  • ओवुलेशन पीरियड के दौरान महिलाओं में सेक्स की इच्छा सामान्य से अधिक हो जाती है।
  • इस दौरान आपके ब्रैस्ट की सेंसिटिविटी बढ़ जाती है।
  • ओवुलेशन पीरियड के लक्षण में सर्वाइकल म्यूकस का सफेद, और चिकना होना शामिल है।
  • इस दौरान आपकी सर्विक्स कोमल होकर खुल जाती है।
  • सिर में दर्द होना और जी मिचलाना भी ओवुलेशन पीरियड के लक्षण हो सकते हैं।

महिलाएं ओवुलेशन के दौरान किस तरह रखें खुद का ख्याल? 

अपने आहार में हेल्दी फैट और विटामिन बी6 को शामिल करे:

ओवुलेशन के दिनों में महिलाओं के शरीर में कुछ हार्मोनल बदलाव भी होते हैं जिसके कारण उनमे एस्ट्रोजेन का स्तर बढ़ जाता है और उसके लिए आपको अपने आहार में ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए जो आपके लिवर को सपोर्ट कर सके। इससे महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजेन का बढ़ा हुआ स्तर नियंत्रित हो जाता है। आप अपनी डाइट में ऐसे खाद्य पदार्थों को भी शामिल कर सकती हैं जिनमे एंटी इन्फ्लामेट्री गुण पाए जाते हैं। इसके लिए आप जामुन, लहसुन, डार्क चॉकलेट, बादाम आदि खा सकते हैं। यह समय उन महिलाओं के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है जो कन्सीव करना चाहती हैं क्यूंकि इस दौरान महिलाएं सबसे ज्यादा फर्टाइल होती है। आप अगर माँ बनना चाहती हैं तो मटर, राजमा और हरी पत्तेदार सब्जियां।

अच्छी नींद लें:

ओवुलेशन के दिनों में महिलाओं के अंदर जो भी चेंजेज होते हैं उसकी वजह से पेट के निचले हिस्से में दर्द रहता है और किसी भी काम को करने में असहजता महसूस होती है। ऐसे समय में आपको आवश्यकता अनुसार आराम लेना चाहिए। आप रात को कम से कम 7-8 घंटे की अच्छी नींद लें और अगर जरुरत महसूस हो तो दिन में भी शरीर को आराम दे। इससे आपका स्वास्थ्य अच्छा बना रहेगा। 

नियमित व्यायाम करें:

ओवुलेशन पीरियड लगभग 3 से 5 दिनों तक चलता है। इस दौरान महिलों को सलाह दी जाती है कि वो एक्टिव रहे क्यूंकि ल्युटिनाइज़िंग हॉर्मोन का स्तर ओवुलेशन के समय बढ़ा हुआ होता है और अंडाशय से अंडा निकलकर फैलोपियन ट्यूब में चला जाता है जहाँ वह 24 घंटों तक जीवित रहता है और अगर इस दौरान स्पर्म के संपर्क में आता है तो फर्टिलाइज़ हो जाता है और महिला गर्भवती हो जाती है लेकिन अगर वह स्पर्म के संपर्क में नहीं आता है तो वह टूट जाता है जिसकी वजह से बहुत तेज दर्द भी हो सकता है। ऐसे समय में अगर आपको असहनीय दर्द महसूस हो तो कोई भी एक्सरसाइज करने से पहले स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श लें। और अगर दर्द न हो तो व्यायाम, रनिंग, जॉगिंग आदि जरूर करें। 

नशीली पदार्थों का सेवन ना करें:

ओवुलेशन के दौरान महिलाओं को हमेशा पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए इससे आपका स्वास्थ्य बेहतर बना रहेगा। डाइट के साथ आप इस बात का भी ख्याल रखें कि नशीली पदर्थों का सेवन ना करें। जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं वो उससे परहेज करें और शराब आदि का प्रयोग ना करें। 

विशेषज्ञ से सालाह लें :

जिन महिलाओं को ओवुलेशन के दिनों में बहुत ज्यादा दर्द होता है उन्हें इस दर्द को नजरअंदाज करने की बजाये किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेनी चाहिए। कई बार यह दर्द किसी खतरे का संकेत भी हो सकता है जिसकी जांच करने के बाद डॉक्टर आपको सही सलाह देंगे। 

इस लेख की जानकारी हमें डॉक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है। इस विषय से जुड़ी या अन्य पीसीओएस, ट्यूब ब्लॉकेज, हाइड्रोसालपिनक्स उपचार पर ज्यादा जानकारी चाहते हैं। हमारे डॉक्टर चंचल शर्मा की वेबसाइट www.drchanchalsharma.com पर जाए या हमसे 9811773770 संपर्क करें।

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