ovarian cancer: causes, symptoms, and treatments

सामान्य पेट दर्द कहीं अंडेदानी का कैंसर तो नहीं – Ovarian cancer: Causes, symptoms, and Treatments in Hindi

अंडेदानी का कैंसर (Ovarian cancer) एक प्रकार का कैंसर है जो एक महिला के अंडाशय में शुरू होता है – महिला प्रजनन प्रणाली के छोटे अंग जो अंडे बनाते हैं। इस तरह के कैंसर का पता लगाना मुश्किल हो सकता है क्योंकि यह अक्सर बाद के चरणों तक कोई लक्षण पैदा नहीं करता है। एक बार पता चलने के बाद, किसी भी ट्यूमर को हटाने के लिए डिम्बग्रंथि के कैंसर का कीमोथेरेपी और सर्जरी से इलाज किया जा सकता है।

अंडेदानी का कैंसर क्या है? – What is Ovarian cancer in Hindi

कैंसर तब विकसित होता है जब शरीर में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं। यह शरीर के किसी भी क्षेत्र में हो सकता है। जब अंडाशय में यह असामान्य वृद्धि होती है, तो आप अंडेदानी के कैंसर (Ovarian cancer) का विकास करतr हैं। सभी कोशिकाएं अपने स्वयं के जीवन चक्र से गुजरती हैं – बढ़ती, विभाजित और प्रतिस्थापित की जा रही हैं। हालांकि, कोशिकाएं कभी-कभी तेजी से बढ़ने लगती हैं या जब उन्हें मरना चाहिए तब नहीं मरना चाहिए। कोशिकाओं की यह असामान्य वृद्धि समस्याएं पैदा कर सकती है, जो आमतौर पर ट्यूमर के गठन की ओर ले जाती है। एक ट्यूमर या तो कैंसरयुक्त (घातक) हो सकता है । 

अंडेदानी के कैंसर के शुरुआती लक्षण – Symptoms of Ovarian cancer

शुरुआती चरणों में, अंडेदानी के कैंसर के लक्षण आपको दिखाई नहीं दे सकते हैं। यहां तक ​​कि जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, संकेत अस्पष्ट हो सकते हैं। आप उन्हें कब्ज जैसी अन्य सामान्य समस्याओं से भ्रमित कर सकते हैं। कई सालों तक, अंडेदानी के कैंसर को “मूक” बीमारी के रूप में जाना जाता था। यदि आप लक्षणों को जानते हैं, तो आपके और आपके डॉक्टर के पास इसे जल्दी खोजने का बेहतर मौका होगा।

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अंडेदानी के कैंसर के सामान्य लक्षण

Ovarian cancer के चार मुख्य लक्षण हैं। हो सकता है कि आपको ये बीमारी के शुरुआती चरणों में भी हो। 

  1. सूजन
  2. आपकी श्रोणि या पेट में दर्द
  3. खाने में परेशानी या जल्दी महसूस होना कि आपका पेट भर गया है
  4. हमेशा ऐसा महसूस करना कि आपको पेशाब करने की ज़रूरत है (तत्काल) या ऐसा महसूस करना कि आपको बार-बार पेशाब करने की ज़रूरत है (आवृत्ति)

अंडेदानी के कैंसर के अलावा कई चीजें इन लक्षणों का कारण बन सकती हैं। इस बारे में सोचें कि क्या वे आपके लिए असामान्य हैं और क्या वे अधिक बार हो रहे हैं या बदतर हो रहे हैं।

अंडेदानी के कैंसर के अन्य लक्षण 

अन्य लक्षण जिनका मतलब हो सकता है कि आपको अंडेदानी का कैंसर है, जो इस प्रकार है – 

आसानी से थक जाना और बहुत थक जाना (थकान)

  1. सेक्स के दौरान दर्द
  2. पीठ दर्द
  3. पेट खराब या नाराज़गी
  4. कब्ज़
  5.  पेट में सूजन
  6. अस्पष्टीकृत वजन परिवर्तन – बिना कोशिश किए वजन कम करना, या सूजन जो वजन बढ़ने जैसा लगता है
  7. असामान्य योनि स्राव या रक्तस्राव, विशेष रूप से रजोनिवृत्ति के बाद

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बच्चेदानी के कैंसर के प्रकार – Types of Ovarian cancer in Hindi

बच्चेदानी के कैंसर (Ovarian cancer) मुख्य रुप से दो प्रकार के होते है। एक होता है एपिथेलियल ट्यूमर और दूसरा होता है जर्म सेल कार्सिनोमा ट्यूमर । 

  1. एपिथेलियल ट्यूमर – यह एक सामान्य प्रकार का कैंसर है जो महिला की ओवरी को प्रभावित करता है। यह महिला के गर्भाशय के बाहर टिश्यू बनाता है जो बाद में फिर कैंसर का रुप धारण कर लेते है। 
  2. जर्म सेल कार्सिनोमा ट्यूमर – यह बहुत ही अलग प्रकार का कैंसर है । इस प्रकार के कैंसर शुरुआती अवस्था में सेल में होते है। यह सेल अंडो का निर्माण करती है। यह कैंसर उस सेल में होता है जो महिलाओं के हार्मोन प्रोजेस्टेसोन और एस्ट्रोजन का उत्पादन करता है। 
अंडेदानी के कैंसर का आयुर्वेदिक उपचार – Ayurvedic Treatment of Ovarian cancer in Hindi

अंडेदानी के कैंसर का उपचार आयुर्वेदिक औषधियों एवं थेरेपी के द्वारा पूूरी तरह से किया जाता है। आयुर्वेदिक उपचार में उपयोग होने वाली हर्बल औषधि कैंसर को जड़ से खत्म करने में पूरी तरह से सक्षम है। इस बात की पुष्टि आयुर्वेद  शास्त्र ने कई सालों पहले ही कर चुका है। अंडेदानी के कैंसर को ठीक करने के लिए बहुत सारे आयुर्वेदिक तरीके है जो कैंसर के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 

योग, मेडीटेशन एवं पंचकर्मा थेरेपी आयुर्वेदा के पूरक अंग माने जाते है। आयुर्वेदिक चिकित्सा के साथ-साथ आयुर्वेद योग, ध्यान एवं पंचकर्म चिकित्सा की मदद लेता है जिससे बीमारी को जल्द से जल्द दूर किया जा सके । 

  1. आयुर्वेदिक चिकित्सा के साथ यदि आप योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाती है तो बच्चेदानी के कैंसर में आपको तुरंत राहत मिलेगी। 
  2. ध्यान और आयुर्वेदिक चिकित्सा कैंसर के ट्यूमर को पूरी हद तक काबू पाया जाता है। 
  3. पंचकर्म चिकित्सा आयुर्वेद का ही प्रमुख अंग है। इस चिकित्सा में तैल, क्वथ, एवं थेरेपी का प्रयोग किया जाता है। इससे दर्द एवं बीमारी में तुरंत आराम मिलता है।

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