नपुंसकता क्या है? इसका आयुर्वेदिक इलाज क्या है? – Napunsakta ke Lakshan or ilaj
आज हम हर बिमारी के बारे में जैसे खुलकर बात करते है वैसे ही गुप्तांगों से जुड़ी समस्या को लेकर शर्मिंदगी नहीं सतर्क रहना चाहिए। दुनियाभर के लोग नपुंसकता की समस्या से परेशान है। नपुंसकता ज़्यादा उम्र के लोगों में एक सामान्य समस्या है। हालांकि इस समस्या की चपेट में युवा भी आ जाते हैं। क्या आप जानते है कि पुरुषों में नपुंसकता के पीछे क्या कारण हैं? नपुंसकता के उपाय भी जाने –
आजकल की भागदौड़ में किसी के पास इतना भी समय नही है कि वह अपने खानपान तथा लाइफस्टाइल पर ध्यान दे सके। आयूर्वेद में इसे स्तंभन दोष के नाम से जाना जाता है। आम भाषा में इसे इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (Erectile Dysfunction) कहते है। कभी-कभी लिंग में उत्तेजना न आना सामान्य है। स्तंभन (Erect) होने या उसे बनाएं रखने में अगर कभी-कभी फेल हो जाए उसके बारे में चिंता ना करें, यह सामान्य होता है।
कई पुरुष तनाव में ऐसा अनुभव करते हैं। लेकिन ये समस्या बार-बार होने वाले स्तंभन दोष स्वास्थ समस्यों के संकेतों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। तो आज इस आर्टिकल की मदद से इस विषय को जानते है कि नपुंसकता क्या है?, नपुसंकता के लक्षण व नपुंसकता के उपाय कैसे होता है।
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नपुंसकता क्या है? – Napunsakta Kya Hai?
नपुंसकता को आज के समय में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन कहा जाता है। यह समस्या प्राइवेट पार्ट में पर्याप्त तनाव न आने या पर्याप्त तनाव आने के बाद भी सही तरीके से सहवास न कर पाने को नपुंसकता कहा जा सकता है। या यूं कह लो की पुरुष के लिंग में उत्तेजना पाने या उत्तेजना बनाएं रखने में असर्मथ होता है। यह समस्या कपल के लिए परेशानी पैदा कर सकती है।
नपुंसकता के भी दो प्रकार की होते हैं- Napunsakta ke Prakar
- प्राथमिक इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (Primary Erectile Dysfunction): इस समस्या में पुरुष को कभी स्तंभन प्राप्त नहीं कर पाता या उसे बनाए नहीं रख पाता है। प्राथमिक इरेक्टाइल डिस्फंक्शन एक दुर्लभ और हमेशा मानसिक कारकों को और किलीनकली एनाटोमिक असामान्यताएं के कारण होता है।
- द्वितीय इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (Secondary Erectile Dysfunction): इस स्मस्या में स्तंभन प्राप्त करने में सक्षम होते है। लेकिन बाद में असक्षम हो जाते है। द्वितीय इरेक्टाइल डिस्फंक्शन बहुत सामान्य है और 90 प्रतिशत मामलें ओरगेनिक एटिओलोजी के होते है। बहुत से पुरुष द्वीतीय इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से ग्रस्त होकर रिएक्टिव विकसित कर लेते है।
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नपुंसकता के लक्षण क्या है? – Napunsakta ke Lakshan
नपुंसकता या स्तंभन दोष के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
- लिंग में उत्तेजना ना ला पाने की समस्या होना।
- सेक्स करने की इच्छा में कमी आना।
- सेक्स के समय लिंग में उत्तेजना बनाए रखने असक्षण होना।
- समय से पहले स्खलन होना।
- स्खलन होने में देरी होना।
नपुंसकता के क्या कारण होते हैं?- Napunsakta ke Karan
पुरुष में नपुंसकता के कई कारण हो सकते हैं। इन निम्नलिखित समस्यों से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन प्रभावित हो सकता हैं-
- पुरुष में कामोत्तेजना एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें दिमाग, हार्मोन, भावनाएं, नर्व, मासपेशियां और रक्त कोशिकाएं का बहुत अहम काम रहता हैं।
- न्यूरोजिकल डिसऑडर के कारण भी यह समस्या हो सकती है। लिंग को संदेश भेजने वाली नर्व में स्ट्रोक, मधुमेह या अन्य कारणों से खराब होना।
- मनोवैज्ञानिक अवस्थाएं के कारण शामिल है जैसे कि तानव, डिपरेशन और दिमाग में ही उत्तेजना की कमी आना।
- हार्मोन की कमी के कारण भी हो सकता है।
- रीड़ की हड्डी या पेल्वित ऐरिया में चोट लगना है। इनमें चोट लगने से स्तंभन को उत्तेजित करने वाली नस कट सकती है।
- खराब दिनचर्या से भी पुरुषों में नपुंसकता के कारण देखा गया है।
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नपुंसकता के उपाय – Napunsakta ka Upay
आयुर्वेदिक उपचार में स्तंभन दोष को क्लैब्य कहा गया है। इस इलाज से पुरुष की स्तंभन दोष की समस्या जल्दी खत्म हो जाएगी। आयुर्वेद के अनुसार, अगर आप नपुंसकता की भेट चढ़ गये है तो आपको अपने भोजन में पौष्टिक खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। इसके साथ आयूर्वेदिक उपचार और औषधी से भी ठीक किया जाता है। नपुंसकता के उपाय में शामिल हैं-
विरेचन: इसमें औषधीय जड़ी बूटियों से व्यक्ति को दस्त करवाए जाते हैं। विरेचन में जड़ी बूटियों से मिश्रित तेल या घृत का सेवन किया जाता है। एक साथ लेने पर ये चिकित्साएं विभिन्न अंगों जैसे पित्ताशय, छोटी आंत और लिवर एवं ऊतकों से खराब पित्त तथा अमा को बाहर निकाल देती है। पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, आंत में दर्द, पेट में कीड़े और विषाक्तता (जहर) आदि के इलाज में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। स्तंभन दोष से ग्रस्त व्यक्ति में दस्त के लिए त्रिवृत अवलेह का इस्तेमाल कर सकते हैं।
उत्तरा बस्ती: इसमें तेल या घी में औषधीय गुणों से युक्त जड़ी बूटियों को मिलाया जाता है और फिर इन्हें औषधियों से तैयार एक पतली ट्यूब के जरिए मूत्राशय में लगाकर शरीर के अंदर दवा को पहुंचाया जाता है। इसके बाद 30 मिनट के लिए आराम करने के लिए कहा जाता है और ज्यादा मात्रा में तरल जैसे कि गर्म पानी या छाछ पीने की सलाह दी जाती है। उत्तरा बस्ती के बाद पहली बार किए पेशाब की मात्रा और समय से स्थिति में सुधार का पता कर सकते है। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन में उत्तरा बस्ती के लिए फल घृत का इस्तेमाल किया जा सकता है।
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नपुंसकता का आयुर्वेदिक औषधी में शामिल हैं –
अश्वगंधा: यह स्तंभन दोष या किसी भी यौन समस्या के लिए एक प्रभावी आयुर्वेदिक उपचार विकल्प है जिसका एक आदमी अपने जीवन में सामना करता है। यह जड़ी बूटी यौन विकारों के लिए अद्भुत काम करती है और प्राचीन काल से यौन इच्छाओं में सुधार के लिए इसका उपयोग किया जाता रहा है।
शतावरी: शतावरी को ‘जड़ी-बूटियों की रानी’ के रूप में जाना जाता है, जिसे वैज्ञानिक नाम शतावरी रेसमोसस से जाना जाता है। यह नर और मादा दोनों के यौन कार्य में सुधार के लिए एक बेहद फायदेमंद जड़ी बूटी है। नियमित रूप से लेने पर टिंचर या पाउडर रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है और मन में शांति लाता है।
गोक्षुरा: इसके चूर्ण का पुरुषों के यौन स्वास्थ्य में सुधार पर एक आशाजनक प्रभाव पड़ता है। चूर्ण में शक्तिशाली शुक्राणुजन्य गुण होते हैं जो हाइपोस्पर्मिया (Hypospermia), एस्थेनोज़ोस्पर्मिया (Asthenozoospermia), ओलिगोस्पर्मिया (Oligospermia) के इलाज में उच्च महत्व रखते हैं, और शुक्राणुजनन (Spermatogenesis) को बढ़ाते हैं। स्तंभन दोष और शीघ्रपतन जैसी स्थितियों का इलाज करने में मदद करता है।
तुलसी के बीज: इसमें कई औषधीय गुण मौजूद है जो पुरुष नपुंसकता के इलाज में बेहद फायदेमंद है। बीजों को नियमित रूप से लेने से शिश्न के ऊतकों (Penile Tissue) में रक्त का प्रवाह और शक्ति बढ़ जाती है। यह कामेच्छा और सामान्य दुर्बलता के नुकसान के सुधार के लिए भी फायदेमंद है।
इस लेख की जानकारी हमें डॉक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है। इस विषय से जुड़ी या अन्य कम शुक्राणु या स्पर्म बनना, असामान्य स्पर्म बनना या शीघ्रपतन, एंडोक्राइन डिसऑर्डर्स, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन उपचार पर ज्यादा जानकारी चाहते हैं। हमारे डॉक्टर चंचल की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाए या हमसे +91 9811773770 संपर्क करें।