मातृ दिवस, Mother's Day

मदर्स डे – एक माँ है जो मुझसे ख़फ़ा नहीं होती

हमको सुख देने की खातिर , न जाने कितने त्याग वो करती है । 

सारे जग का प्यार देकर, माँ संस्कार हम में भरती है।। 

माँ की ममता को जितना भी ज्यादा सराहा जाये उतना कम है। क्योंकि आज तक कोई भी माँ की ममता का कर्ज नही चुका सका है। आज 8 मई है और आज मदर्स डे है , जिसके संदर्भ में आज हम माँ से जुड़ी कुछ बातों का उल्लेख करते हैं। वैसे तो हर दिन हमें माता-पिता का ध्यान रखना चाहिए। परंतु 8 मई स्पेशल डे है। जिस जो विशेष रुप से विश्व भर की माताओं को समर्पित है।

इस दिन को हर कोई अपनी माँ को याद करता है। मातृत्व सुख के संदर्भ में कुछ विद्वानों ने लिखा है। कि स्त्री तभी पूर्ण होती है जब उसकी गोद भर जाती है। परंतु आज के समय में ऐसी बहुत सारी महिलाओं आपको अपने घर परिवार व समाज में देखने को मिल जाएंगी ।

जो अभी तक माँ नही बनी परंतु ऐसा बिल्कुल नही है । कि उनके ह्रदय में मातृत्व नही हैं। आज के वातावरण ने हर महिला और पुरुष दोनों को बहुत ज्यादा प्रभावित किया है। जो मातृत्व व पितृत्व सुख से दूर हो रहे हैं। 

आज इस खास दिन पर मदर्स डे (मातृदिवस) पर बात कर रहें है। माँ की ममता की और माँ ने अपने जीवन में जिन बाधाओं का सामना किया है उन बातों को भी याद करने का भी सही अवसर है। एक महिला का माँ होना उसके लिए बहुत बड़ी खुशी है।

हमारी आपकी सभी कि माताएं हर लम्हें में अपने ममता के आंचल से अपनी ममता को छलकाती हैं। परंतु आज हम उन महिलाओं को भी याद कर लेते है। तो अभी तक माँ नही बन पाई है। उनके जीवन पर क्या गुजरती होगी। जो मातृत्व सुख से वंचित रह गई हैं। तो आशा आयुर्वेदा आज मदर्स डे के इस मौके पर उन महिलाओं के बारे में भी चर्चा करता है। जो संतान सुख के लिए लालायित है। 

हर शादीशुदा महिला का यह सुखद स्वप्न होता है। कि वह भी माँ बने और मातृत्व सुख का आनंद उसे भी भोगने का अधिकार है। माँ होने का सुखद अहसास बहुत ही आनंदमय होता है। यह स्त्री के जीवन को खुशियों के दमन से भर देता है।

परंतु जब किसी महिला को इस बारे में पता चलता है। कि वह माँ नही बन सकती है। तो ऐसे में उसकी दुनिया सी रुक जाती जाती है। आप कल्पना कर सकते होगे। कि आज के दिन न जाने ऐसी कितनी विवाहित महिलाएं होगी। जो अभी भी संतान सुख से वंचित है। और उनके जीवन में आज का दिन कितना गुजरा होगा। 

महिलाओं की इसी पीड़ा को ध्यान में रखते हुए आज यानि मदर्स डे के अवसर पर आशा आयुर्वेदा उन सभी महिलाओं को मातृत्व सुख दिलाने की पूरी कोशिश करेगा। जो अभी तक संतान सुख से दूर है। मातृत्व सुख के सफर में आशा आयुर्वेदा और उसकी टीम निःसंतान महिलाओं और पुरुषो को संतान सुख दिलाने के लिए आयुर्वेदिक उपचार के द्वारा अथक प्रयास करीब एक दशक से ज्यादा समय से कर रहा है। 

आज का युवा Couple अपने सपनों को पूरा करने के लिए जीवन की कई अहम चीजों को अनदेखा कर देता है। जिसके परिणाम स्वरुप वह कोई स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार हो जाता है। कैरियर के आगे माँ बाप बनने की जिम्मेदारी आज के समय में पीछे छूट जाती है। जिसके कारण आज पूरी देश दुनिया में इनफर्टिलिटी के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। निःसंतानता वृद्धि में ऑफिस की तनाव पूर्ण दिनचर्या, खराब लाइफस्टाइल , नशा, धूम्रपान इत्यादि सभी के कारण संतान सुख से वंचित कर रहे हैं। 

आशा आयुर्वेदा बन रहा है निःसंतान दंपतियों का सहारा 

ऐसे में बढ़ती हुई  निःसंतानता की समस्या पर आशा आयुर्वेदा ने सफलता पाई है। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धित व पंचकर्म ने निःसंतान दंपतियों के लिए संतान सुख प्राप्त का एक अच्छा विकल्प बनी है। इस आयर्वेदिक चिकित्सा से आज उन सभी दंपतियों के घर में कुलकारियों गुंज रही है। जो संतान सुख की आस को खो चुके थे।

अगर आपको भी माता-पिता बनने का सुख प्राप्त नहीं होता है तो आप बिना किसी संकोच के हमसे संपर्क करे – 9811773770

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