मोटापा एक वैश्विक स्वास्थ्य समस्या है, जिसकी वजह से पुरुषों की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है। प्रजनन आयु के पुरुषों में मोटापा पिछले कुछ वर्षों में तेजी के साथ बढ़ा है और इसी कारण से दुनिया पुरुष इनफर्टिलिटी का शिकार हो रहे है। अब इस बात के उभरते प्रमाण हैं कि मोटापा पुरुष न केवल प्रजनन क्षमता पर बल्कि शुक्राणु की गुणवत्ता को भी कम करता है । इसके अवाला यह विशेष रूप से वृषण और अंततः परिपक्व शुक्राणु (testes and eventually mature sperm) में रोगाणु कोशिकाओं (germ cells) की भौतिक और आणविक संरचना (molecular structure) को बदल देता है।
हाल के आंकड़ों से पता चला है कि पुरुष में मोटापा पाचनतंत्र और प्रजनन स्वास्थ्य (metabolic and reproductive health) को प्रभावित करता है। इस बारे में Asha Ayurveda की Infertility specialist Dr Chanchal Sharma का कहना है कि पितृ स्वास्थ्य संकेत अगली पीढ़ी को प्रेषित होते हैं, जो कि शुक्राणु के माध्यम से होने की संभावना है।
क्या है बढ़ते मोटापे का कारण – What is the reason for increasing obesity –
आज के समय में मोटापे के लिए बहुत सारी चीजें जिम्मेदार है। जीवन में बदलाव के कारण व्यायायम एवं एकसरसाइज की बहुत ज्यादा कमी होती जा रही है। जल्दबाजी के चक्कर में लोग संतुलित भोजन को लेकर बिल्कुल भी जागरुक नही है। ऐसे में वह फैटी डाइट को अपना लेते है। जिससे मोटापे की समस्या होती है। मोपाटा होने से पुरुषों में इनफर्टिलिटी का समस्या उत्पन्न हो रही है। जोकि एक चिंता का विषय बना हुआ है।
आंकड़ों की बात की जाये तो देश की राजधानी दिल्ली समेत अन्य शहरों के पुरुष मोटापे की वजह से इनफर्टिलिटी का शिकार होते जा रहे है। देश की 70 प्रतिशत शहरी आबादी मोटापे की समस्या का सामना कर रही है। मोटे तौर पर देखा जाये दो बड़े शहरो में हर दूसरा व्यक्ति मोटापे की वजह से परेशान है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 20 करोड से अधिक लोग पूरी दुनिया में मोपाटे की वजह से दिक्कतों का सामना कर रहें है।
मोटापे की वजह से पूरे देश में इनफर्लिटिली के केश बहुत ज्यादा तेजी के साथ बढ़ रहे है। इसका परिणाम यह निकला है । शादी के बाद 10 प्रतिशत कपल को बांझपन का सामना कर पड़ रहा है।
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मोटे की वजह से कैसे पुरुषों की फर्टिलिटी प्रभावित होती है – How obesity affects men’s fertility
अधिक वजन वाले पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या कम होने की संभावना 11 प्रतिशत अधिक होती है। मोटे पुरुषों के स्खलन में शुक्राणु नहीं होने की संभावना 39 प्रतिशत अधिक होती है। मोटे पुरुषों में उनके सामान्य वजन वाले साथियों की तुलना में कम शुक्राणुओं की संख्या 42 प्रतिशत अधिक होती है। इस प्रकार मोटाप पुरुषों के शुक्राणुओं को गतिशीलता, आकार, गुणवत्ता को प्रभावित करता है।
एक स्वस्थ पुरुष का बीएमआई कितना होना चाहिए – What should be a healthy man’s bmi
18.5 से कम बीएमआई का मतलब है कि एक व्यक्ति का वजन कम है। 18.5 और 24.9 के बीच बीएमआई आदर्श है। 25 और 29.9 के बीच का बीएमआई अधिक वजन वाला होता है। 30 से अधिक बीएमआई मोटापे का संकेत देता है।
अधिक वजन: 26-37%
स्वीकार्य: 18-25%
गतिविधि स्तर: पुरुष शरीर का प्रकार
मोटापा: 38% या अधिक
मोटापा कैसे दूर करें – How to avoid obesity
वजन कम करने वाले बहुत सारे ऐसे उपाय है। जिनको अपना कर आप एक आदर्श वजन की श्रेणी का प्राप्त कर सकते है।
- वजन को नियंत्रित करने से लिए सर्व प्रथम अपना सुबह जल्दी जागना चाहिए और उसके बाद आपको नियमित रुप से व्यायाम करना चाहिेए।
- फैटी एवं जंक फूड से बहुत दूर रहना चाहिए।
- अपने भोजन में हरी सब्जियाँ, प्रोटीन, मिनिरल, कार्बोहाइड्रेट इत्यादि का जरुर शामिल करना चाहिए।
- भोजन में सलाद जरुर लेना चाहिए जिससे कम खाना खा सके और पेट जल्दी से भर जाये।
- फलों का सेवन करें और मेवे भी खा सकते है जो आपकी भूख को नियंत्रित करने में अच्छी भूमिका निभाते है।
- मीठा खाने से बचने की कोशिश करें।
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यदि आप इन सभी चीजों को अपना लेते है तो आपको वजन कम करने में बहुत आसानी मिलेगी और आप वजन कर करने में सफल होगें । जिससे आपकी इनफर्टिलिटी की समस्या दूर हो जायेगी।