पुरुष निःसंतानता – Male Infertility in Hindi
भारत या दुनिया में पुरुष प्रजनन स्वास्थ्य बहुत कम ही चर्चा होती है। पुरुष निःसंतानता पर चर्चा करना अभी भी समाज में अच्छा नही माना जाता है। निःसंतानता की पहचान होने पर भी पुरुष इसे निराशा और अपमान के साथ स्वीकार करते हैं।
विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि पुरुष प्रजनन क्षमता बॉडी मास इंडेक्स पर निर्भर करती है, क्योंकि मोटापा पुरुष शुक्राणु की गुणवत्ता को कम कर सकता है। हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि अधिक वजन वाले या मोटे पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या कम होने की संभावना 11 प्रतिशत अधिक होती है। ऐसे में पुरुष निःसंतानता को अनदेखा करना परेशानी में डाल सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पुरुषों के वीर्य के गुणवत्ता के बारे में आंकडे जारी करते हुए कहां है। कि 30 से 50 प्रतिशत पुरुषों का वीर्य मानकों से कम हैै । इसके पीछे कारण मोटापा, व्यायाम की कमी, अधिक तनाव, स्मोकिंग और तंबाकू का सेवन हैं। जिससे अधिकांश पुरुषों के पिता बनने की संभावना को कम हो रही है। कुछ चौकाने वाले आंकडे भी सामने आये है। जिसमें बताया गया है। कि 10 में से 9 पुरुषों में पर्याप्त मात्रा में शुक्राणु नही बन पा रहे हैं। (और पढ़े – गर्भ ठहरने के लिए स्पर्म कितना होना चाहिए?)
पुरुष निःसंतानता के मुख्य कारण आज की जीवन शैली और स्मोकिंग (धूम्रपान) है। जो पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या और उनकी गति तथा गुणवत्ता को बुरी तरह से प्रभावित करता है। पुुरुष निःसंतानता का सबसे बड़ा संकेत दिखाई देता है। जब गर्भधारण करने में असफलता मिलती है। क्योंकि यदि गर्भ में बच्चा कंसीव नही हो पाता है। तो इसमें 40 प्रतिशत पुरुष निःसंतानता होती है। जब पुरुष महिला साथी को गर्भवती करने में असफल हो जाते है। इन लक्षणों के आधार पर पुरुष निःसंतानता की पुष्टि की जाती है। क्योंकि यदी महिला में किसी भी प्रकार का विकार या फिर इनफर्टिलिटी से संबंधिक कोई भी समस्या नही है। तो ऐसे में पुरुष साथी को निःसंतानकी की परेशानी होती है।
पुरुष निःसंतानता के लक्षण – Symptoms of Male Infertility in Hindi
पुरुषों के जननांग में यदि कुछ इस तरह से संकेत देखाई देते है। तो वह पुरुष बांझपन के लक्षण हो सकते है। जो निम्नलिखित है –
1. यदि पुरुषों के अंडकोष में सूजन , गांठ या फिर दर्द की शिकायत रहती है। तो ऐसे में वह मेल इनफर्टिलिटी की समस्या से ग्रसित हो सकते है।
2. यदि पुरुषों की सूंघने की शाक्ति कमजोर हो जाये अर्थात वह सुंघने में समर्थ न हो तो ऐसी स्थिति में भी पुरुष बांझपन का शिकार हो सकते हैं।
3. आपने अक्सर देखा होगा कि यदि पुरुषों के स्तन (छाती) में अधिक विकास हो गया हो तो ऐसे में पुरुष निःसंतानता हो जाती है।
4. बार-बार गुप्तांगों में संक्रमण होना।
5. शरीर के बालों में कमी होना भी इसके लक्षण हो सकते है।
6. शुक्राणुओं की संख्या में कमी आना।
7. स्खलन में परेशानी होना, यौनइच्छा का मन न होना, गुप्तांग में शिथिलता आना और यौन क्रियाओं में समस्या होना पुरुष निःसंतानता की निशानी हो सकती है।
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पुरुष निःसंतानता के कारण – Causes of Male Infertility in Hindi
वर्तमान समय में ऐसे बहुत से कारण है। जो पुरुष निःसंतानता के लिए जिम्मेदार है।
- धूम्रपान की वजह से पुरुषों में शुक्राणु कम मात्रा में बनते हैं।
- शुक्राणु सही से कार्य करने में सक्षम नही होते है। क्योंकि उनमें बहुत कम गति या फिर वह गतिहीन होते हैं।
- शुक्राणु वाहनी में रुकावट के कारण पुरुष संतान हीनता का शिकार हो जाते हैं।
- गुप्तांग में यदि किसी प्रकार की चोट लगी है। तो भी पुरुष निःसंतान हो सकता है। यह चोट पुरानी भी हो सकती है।
- यदि आप किसी लंबी बीमारी से परेशान हैंं। तो ऐसे में भी आपको पिता बनने में दिक्कतों का सामना करना पडेगा।
पुरुष निःसंतानता का आयुर्वेदिक इलाज – Ayurvedic Treatment of Male Infertility in Hindi
पुरुष निःसंतानता को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार आपको पिता बनने में सफल बनाएंगे। आयुर्वेदिक उपचार से बेहतर परिणाम मिलते हैं।
आयुर्वेद में पुरुषों की निःसंतानता को दूर करने के लिए जीवनशैली और डाइट में सुधार करने के साथ-साथ आयुर्वेदिक दवाओं की सिफारिस की जाती है।
आयुर्वेदिक जड़ी बुटियों के सेवन से इनफर्टिलिटी की कई तरह की परेशानियां दूर की जाती है। यह आयुर्वेदिक हर्बल शुक्राणुओं की कमी को दूर करके इनफर्टिलिटी की समस्या से निजाता दिलाते हैं। इन औषधिय़ों में अश्वगंधा, शतावर, सफेद मूसली, नागपुंकेशर, शीलजीत, मकरध्वज इत्यादि है। यह सभी पौरुष दुर्बलता को दूर करते है और पौरष बल के अच्छी वृद्धि करते हैं।
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