पुरुष बांझपन का आयुर्वेदिक उपचार – Ayurvedic Treatment for Male Infertility in Hindi
पुरुष निःसंतानता (Male Infertility) – पति-पत्नी का जीवन बिना संतान के अधूरा माना जाता है। हर दम्पत्ति की चाहत होती है कि उनके घर में भी एक स्वस्थ और सुन्दर बच्चा हो, परंतु शादी के कई वर्ष बीत जाने के बाद भी वह संतान सुख से वंचित रह जाते है।
इस प्रकार की समस्या को बांझपन कहते है। यदि यह समस्या महिलाओं में होती है तो उसे महिला बांझपन या महिला निःसंतानता कहते है।
जब यह समस्या पुरुषों में देखने को मिलती है तो उसे पुरुष बांझपन या पुरुष निःसंतानता कहते है। भारत में बांझपन के दंपत्तियों की संख्या दिन व दिन बढ़ती ही जा रही है और देश में इनकी संख्या लगभग 10 प्रतिशत के करीब पहुँच चुकी है।
बांझपन की समस्या में 40 प्रतिशत तक पुरुष जिम्मेदार होते है। पुरुषों में बांझपन का मुख्य कारण शुक्राणुओं की कमी या फिर ठीक प्रकार से शुक्राणुओं का विकास न हो पाना । इसके अतिरिक्त भी कुछ अन्य कारण है जैसे कि पुरुषों की शारीरिक कमज़ोरी, पोषक तत्वों का न मिल पाना, इनफेक्सन, यौन रोग इत्यादि ।
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पुरुष बांझपन के लक्षण – Purush Banjhpan ke Lakshan
निःसंतानता विशेषज्ञों के अनुसार बाहरी लक्षण तो ऐसे नही होते है जिसके आधार पर कहा जा सके कि पुरुष बांझपन की समस्या का शिकार है। परंतु कुछ ऐसे भी कुछ लक्षण है जिसके आधार पर अनुमान लगाया जा सकता है कि पुरुष बांझपन हो सकता है। ये लक्षण निम्नलिखित है –
- संबंध बनाते समय परेशानी होना।
- पेशाब से संबंधित परेशानी या कोई संक्रमण ।
- शीघ्र पतन इत्यादि इसके लक्षण है ।
पुरुष बांझपन के कारण – Purush Banjhpan ke Kaaran
- शुक्राणुओं की संख्या में कमी
- शुक्राणुओं के आकार में खराबी
- वीर्य स्खलन की समस्या
- अंडकोष में संक्रमण
- स्तंभन दोष की समस्या
- हार्मोन में बदलाव
जब पुरुषों में शुक्राणुओं से संबंधित कोई समस्या होती है तो उसका सीधा प्रभाव उसकी प्रजनन क्षमता पड़ता है।
पुरुष बांझपन का आयुर्वेदिक उपचार – Purush Banjhpan ka ayurvedic Upchar
आयुर्वेद में पुरुष बांझपन का उपचार प्राकृतिक औषधियों ,हर्बल तैलो एवं जड़ी बुटियों के द्वारा सफल तरीके से किया जाता है। आयुर्वेदिक उपचार में पुरुष निःसंतानता की समस्या को जड़ से ठीक करने में सबसे अच्छे विकल्पों में से एक है।
आयुर्वेदिक दवाओं के सेवन से पुरुषों की प्रजनन क्षमता में अच्छी वृद्धि होती है। पुरुषों की प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेद में विशेष औषधियाँ, काढ़े, जड़ी बूटिया एवं हर्बल उपचार की मदद से कुछ दिनों में ही निःसंतानता जैसी समस्या को दूर किया जाता है।
आज भी प्रकृति में ऐसी गुणकारी जड़ी बूटियाँ है जिनके सेवन मात्र से न केवल शारीरिक कमी दूर होती है बल्कि मानसिक रुप से भी मजबूती प्रदान करती है। पुरुष प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में आयुर्वेदिक उपचार बहुत ही प्रभावी और कारगर होते है।
पुरुष बांझपन के लिए आयुर्वेद की प्राचीन चिकित्सा पद्धति सबसे पुरानी चिकित्सा में से एक है। पंचकर्म पद्धति के द्वारा पुरुषों के शुक्राणुओं की गतिशीलता में वृद्धि कराई जाती है अर्थात गतिशीलता के मतलब है कि पुरुष के शुक्राणुओं में इतनी गति हो कि वह आसानी के साथ अंडाशय तक पहुचने में समर्थ हो।
पंचकर्म पद्धति से पुरुषों के यौन स्वास्थ्य को ठीक किया जाता है। यदि आपकी सेक्स ड्राइव बहुत कम है और स्तंभन दोष भी है तो आप पंचकर्म चिकित्सा बहुत ही प्रभावी है। पुरुष बांझपन में प्रयोग होने वाली पंचकर्म के पांच भाग इस प्रकार से है –
पुरुष बांझपन की आयुर्वेदिक दवाएं – Purush Banjhpan ki Ayurvedic Dawai
1. अश्वगंधा
2. सफेद मुसली
3. माका
4. शिसांद्रा के बीज
5. बकरे का सींग
6. शिलाजीत
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