लाइफस्टाइल से जुड़ी ये 6 गलतियां जो कमजोर कर रही हैं महिलाओं की फर्टिलिटी
मौजूदा समय में ढेर सारी समस्याएं होती जा रही है जो फर्टिलिटी को प्रभावित करती है। खराब खानपान, बिगड़ी हुई जीवनशैली, तनाव, चिंता और काम की व्यस्तता के कारण बहुत से पुरुष और महिलाएं अपने जीवन में मां-बाप नहीं बन पाते हैं। आज के समय में महिला और पुरुष दोनों में ही इनफर्टिलिटी के मामले इतने बढ़ते जा रहे है कि माता-पिता न बन पाने के कारण वैवाहिक जीवन तबाह होते जा रहें है। इस समस्या से बचने के लिए दंपति को सही समय पर इनफर्टिलिटी के बारे में जानकार किसी अनुभवी फर्टिलिटी डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। अगर आप इस समस्या से परेशान है तो दिल्ली स्थित फर्टिलिटी सेंटर की डॉक्टर चंचल शर्मा आपको फर्टिलिटी कमजोर होने या महिलाओं में इनफर्टिलिटी के कारण उनका खानपान और लाइफस्टाइल के बारे में विस्तार से बताएंगी। आपको कुछ ऐसे सुझाव देंगी जो आपकी जिंदगी बदल सकते हैं और आपको माता-पिता बनने में बेहद मदद कर सकते हैं।
महिलाओं में इनफर्टिलिटी के कारण
इनफर्टिलिटी की समस्या में एक महिला एक साल तक लगातार कोशिश करने के बाद मां नहीं बन पाती है। माना जाता है कि ऐसी महिलाएं यौन संबंध बनाने के बाद बावजूद गर्भधारण नहीं कर पाती है।
डॉक्टर चंचल शर्मा बताती है कि आज के समय में भागदौड़ जीवनशैली और असंतुलित भोजन करने के कारण महिलाओं की फर्टिलिटी कमजोर हो रही है। एक आंकड़े के मुताबिक लगभग 10 प्रतिशत महिलाएं इस समस्या से पीड़ित हैं। महिलाओं की फर्टिलिटी कमजोर होने के लिए जीवनशैली से जुड़ी कुछ गलतिया जिम्मेदार शामिल होती है:
1. खराब डाइट की वजह से महिलाओं में इनफर्टिलिटी
खानपान से हमारे शरीर में सीधा असर पड़ता है। जैसा आपका खानपान होता है, वैसे ही सीधा प्रभाव आपके शरीर और स्वस्थ्य पर होता है। अगर आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी होती है तो उसकी वजह से कई समस्याएं हो सकती हैं जिनमें इनफर्टिलिटी भी शामिल है।
कई शोध में पाया गया है कि शरीर में पोषक तत्व की कमी और खराब जीवनशैली के कारण महिलाओं में इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है। शरीर में आयरन, विटामिन, कार्ब्स,फाइबर, फोलेट की आदि की कमी होने से महिलाओं में अंडे की गुणवत्ता कम हो जाती जिससे प्रजनन क्षमता पर भी असर पड़ता है। इसके अलावा अन्य पोषक तत्वों की कमी हो सकती जो इनफर्टिलिटी की समस्या का कारण बना सकता है।
2. वजन बढ़ने या कम होना के कारण इनफर्टिलिटी
वजन बढ़ने या कम होने के कारण भी महिलाओं की फर्टिलिटी पर काफी बुरा असर पड़ता है। वजन बढ़ने या कम होने का कारण डाइट से होता है।
शरीर का वजन बॉडी मास इंडेक्स से ज्यादा या कम होने से आपको कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। महिलाओं में कम वजन और मोटापे की समस्या भी इनफर्टिलिटी का एक बड़ा कारण हो सकता है। इसके अलावा मोटापे की वजह से डायबिटीज, हार्ट से जुड़ी बीमारियों का भी खतरा रहता है। वहीं कम वजन के कारण खून की कमी, पीरियड्स में अनियमियता, दिल की धड़कन का तेज होना, ज्यादा स्ट्रेस, कंपकंपी या अनिद्रा, सभी एक थायरॉयड हाइपरथायरायडिज्म के लक्षण हो सकते हैं।
3. मानसिक समस्याओं के कारण
महिलाओं की फर्टिलिटी में मानसिक स्वास्थ्य का सीधा प्रभाव शारीरिक स्वास्थ्य पर भी देखने को मिलता है। तनाव, डिप्रेशन और चिंता आदि के कारण से भी महिलाओं में इनफर्टिलिटी के कारण शरीर पर बुरा असर पड़ता है। तनाव और अवसाद जैसी मानसिक समस्याओं के कारण शरीर में अंडे की गुणवत्ता प्रभावित हो सकता है और इसकी वजह से फर्टिलिटी भी प्रभावित होती है। कई अध्ययन में इस बात की पुष्टि करते हैं कि स्ट्रेस, डिप्रेशन और चिंता जैसी मानसिक समस्याओं का असर फर्टिलिटी पर पड़ता है।
4. शारीरिक गतिविधियों में कमी आना
शारीरिक गतिविधियों में कमी आने से प्रजनन क्षमता और फर्टिलिटी पर सीधा-सीधा असर पड़ता है। आज के समय में लोगों की भागदौड़-भरी जीवनशैली के कारण शारीरिक निष्क्रियता उनके सेहत पर भरी डाल रही है। शारीरिक गतिविधि जैसे व्यायाम, योग, एरोबिक्स आदि करने से ओव्यूलेशन में फायदा मिलता है और आपका शरीर तंदुरुस्त रहता है। इससे प्रोजेस्टेरोन के स्तर को कम करने में मदद मिलती है।
5. धूम्रपान का फर्टिलिटी पर असर
धूम्रपान की वजह से महिलाओं की फर्टिलिटी पर बुरा असर पढ़ता है। धूम्रपान या तंबाकू का सेवन करने वाली महिलाओं को फर्टिलिटी अन्य महिलाओं की तुलना में काफी कमजोर होती है।
बहुत ज्यादा धूम्रपान करने से अंडाशय को नुकसान पहुंचा सकते है और इसकी वजह से गर्भाशय की ग्रीवा और फैलोपियन ट्यूब को नुकसान होता है इसके कारण गर्भपात का भी खतरा बढ़ जाता है।
6. शराब का अत्यधिक सेवन
आज के दौर में शराब पीना सामान्य सी बात है, लेकिन शराब का अधिक मात्रा में सेवन करना हमारे शरीर के लिए नुकसानहेद है। पुरुषों-महिलाओं में होने वाले इंफर्टिलिटी के 35 फीसदी कारणों में शराब के सेवन है। एक रिसर्च के मुताबिक चला है कि ज्यादा शराब पीने वाले, नियमित तौर पर शराब पीन वाले, अनियंत्रित शराब का सेवन करने वाले लोगों के अंडाशय और प्रजनन क्षमता पर असर दिखने लगता है।
ये बदलाव लाकर बढ़ा सकते है फर्टिलिटी की संभावना
- रोजाना नियमित रूप से योग या व्यायाम करें ।
- शरीर का सही वजन बनाए रखें।
- रोजाना स्वस्थ डाइट लें।
- पर्याप्त नींद लें।
- तनाव कम करें।
- अच्छी किताबें पढ़े, जिससे मानसिक स्वास्थ सही रहें।
- फोलिक एसिड, विटामिन, आयरन व आयोडीन की पर्याप्त मात्रा लें।
इसके अलावा Doctor Chanchal Sharma बताती है कि इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट के लिए कई डॉक्टर के पास जाते है और परिणाम न मिलने पर हताश हो जाते है। और ऐसे में लोगों के दिमाग में सबसे पहले आईवीएफ का ख्याल आता है। लेकिन आईवीएफ के ज्यादातर मामलों में लाखों खर्च होने के बाद भी महिला गर्भधारण नहीं कर पाती है।
वहीं आयुर्वेदिक इलाज की बात करें तो बिना सर्जरी के इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट से महिला के लिए वरदान बनकर साबित हो रहा है। आयुर्वेद इलाज IVF के महंगें इलाज से कई गुना ज्यादा सस्ता है और इस इलाज की सबसे अच्छी बात यह है कि इसकी सफलता दर भी आईवीएफ के मुकाबले ज्यादा है।
इस लेख की जानकारी हमें डॉक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है। इस विषय से जुड़ी या अन्य पीसीओएस, ट्यूब ब्लॉकेज, हाइड्रोसालपिनक्स उपचार पर ज्यादा जानकारी चाहते हैं। हमारे डॉक्टर चंचल की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाए या हमसे +91 9811773770 संपर्क करें।