निसंतानता और इनफर्टिलिटी लाइलाज नहीं – डॉ चंचल शर्मा से जाने
निःसंतानता (infertility) एक ऐसी प्रजनन समस्या के अंतर्गत आती है। कि जब कोई जोड़ा शादी के बाद 6 माह या फिर उससे भी अधिक समय तक कंसीव करने की कोशिश करता है। इसके बाद भी यदि वह कंसीव करने में सफल नही हो पाता है। तो इस तरह की प्रजनन समस्या को इनफर्टिलिटी (बांझपन) के नाम से जानते है। निःसंतानता महिलाओं को भी हो सकती है और पुरुष को भी होती है। यदि महिलाओं में निःसंतानता के लक्षण है तो महिला निःसंतानता और पुरुष में यदि निःसंतानता का लक्षण होते है। तो पुरुष निःसंतानता कहते हैं।
निःसंतानता की समस्या के लिए महिला और पुरुष दोनों बराबर के भागीदार होते है। निःसंतानता के आंकड़ों की बात करें तो 40 प्रतिशत इनफर्टिलिटी के केश मेल इनफर्टिलिटी के होते है। और 40 प्रतिशत इनफर्टिलिटी के मामले मेल इनफर्टिलिटी के होते हैं। ICMR की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में भारत में 27.5 मिलियन से भी ज्यादा जोड़े इनफर्टिलिटी से ग्रसित हैं।
निःसंतानता की समस्या बढ़ने के साथ ही इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट (infertility Treatment) की भी मांग लगातार बढ़ रही है। ऐसे में बहुत सारे विकल्प है जो इसके इलाज के लिए उपलब्ध हैं। परंतु आधुनिक उपचार की सफलता दर उतनी अच्छी नही है। जितनी प्राचीन आयुर्वेद की है।
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कैसे पता करें की महिला को निःसंतानता की समस्या है ? या निःसंतानता के लक्षण
महिलाओं में इनफर्टिलिटी एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। जिसके कारण महिलाओं को कंसीव करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में इनफर्टिलिटी के एक्सपर्ट का कहना है। जब महिलाओं में ओव्युलेशन की समस्या , फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज , पीसीओडी, एंडोमेट्रियोसिस, गर्भाशय की समस्या , सर्विक्स की प्रोबल्मस से संबंधित लक्षण महिलाओं में होते है।
तो ऐसे में महिलाओं को इनफर्टिलिटी जैसी गंभीर समस्या का सामना करना पड़ जाता है। आशा आयुर्वेदा की डॉ चंचल शर्मा कहती है। कि यदि इन लक्षणों का सही समय पर पता चल जाता है। तो आयुर्वेदिक उपचार लेकर आप इनफर्टिलिटी की समस्या से जंग जीत सकती है और मातृत्व सुख का प्राप्त कर सकती है।
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निःसंतानता के कौन से कारण है जो मातृत्त सुख में बनते है बाधा ?
इनफर्टिलिटी के लिए बहुत सारे कारम जिम्मेदार है। जो संतान सुख में बाधा बनते है और इसके साथ-साथ लाइफस्टाल और डाइट फैक्टर भी इनफर्टिलिटी में मुख्य भूमिका निभाता है। क्योंकि पीसीओडी और अन्य इनफर्टिलिटी कारण खानेपीने और ओवर वेट के कारण होते हैं।
1. एंडोमेट्रियोसिस की समस्या –
मासिक धर्म के दौरान अधिकांश महिलाओं को सामान्य से कम दर्द होता और कुछ महिलाओं को पीरियड्स के दौरान बिल्कुल भी दर्द महसूस नही होता है। लेकिन ऐसी भी बहुत सारी महिलाएं होती है। जिनको मासिक धर्म के समय सामान्य से बहुत ज्यादा दर्द होता है। यह दर्द ऐठन के साथ शुरु होता है और पूरे पीरियड्स के दिनों में चलता है । कभी कम और ज्यादा भी सकता है। क्योंकि यह मरीज की प्रकति पर निर्भर करता है।
एंडोमेट्रियोसिस के कुछ तो सामान्य लक्षण है जो लगभग सभी महिलाओं में सामान रुप से देखे जाते हैं। परंतु कुछ महिलाओं में इसके लक्षण भिन्न भी हो सकते हैं। एंडोमेट्रियोसिस में अधिकांश डॉक्टर पीरियड्स को दर्द से जोड़कर देखते है। क्योंकि यह एस ऐसी समस्या होती है। जिसमें गर्भाशय में होने वाले टिश्यू वृद्धि कर ने लगते है और वह इतने बड़े हो जाते हैं। कि गर्भाशय के बाहर तक आ जाते हैं।
गर्भाशय के टिश्यूू कुछ मामलों में ऐसे देखने को मिलते हैं। कि यह गर्भाशय के बाहर अन्य प्रजनन अंगों जैसे फैलोपियन ट्यूब को भी प्रभावित करते हैं। और भी प्रजनन एरिया के अन्य अंगों में अपना विस्तार कर जाते है। जो कि पीड़ा का कारण बनते हैं। डॉक्टर बताते हैं। कि एंडोमेट्रियोसिस का दर्द केवल पीरियड्स ही नही बल्कि मल त्याग, संबंध बनाने में भी होता है। इसके अलावा एंडोमेट्रियोसिस में पीठ का दर्द , पैल्विक दर्द , थकान , मतली की समस्या, स्पॉटिंग भी शामिल हैं।
2. अनियमित मासिक धर्म भी इनफर्टिलिटी को बुलावा दे सकता है –
मासिक धर्म जो लगभग हर महीने एक महिला होता है। मासिक धर्म लगभग 25 से 38 दिनों के चक्र में स्थिर होता है, लेकिन किसी कारण से मासिक धर्म चक्र अलग हो सकता है। यदि मासिक धर्म चक्र अनियमित है, तो अगले मासिक धर्म की का पता लगाना कभी मुश्किल हो सकता है। ऐसे मासिक धर्म चक्र महिलाओं को प्रभावित करता है। यदि महिला के मासिक धर्म नियमित नही है तो वह सही पर ओव्युलेट नही करेेगी और प्रेगनेंसी की संभावना कम होगी। यह एक बहुत बड़ा कारण है। जिससे महिलाएं कंसीव करने से दूर ही रह जाती है।
3. हार्मोनल समस्याएं –
जब महिलाओं के शरीर में हार्मोन परिवर्तन होता है। तो महिलाओं के शरीर में बहुत सारे लक्षण दिखाई देते है। जो इनफर्टिलिटी के ओर इशारा करते हैं। जैसे चेहरे में बाल आना, अनियंत्रित वजन, यौन इच्छा की कमी, निप्पल से सफेद पानी आना, योनि से सफेद पानी निकलना, सिर के बालों का कमजोर व पतला होना इत्यादि लक्षण इनफर्टिलिटी के लक्षण हो सकते है। इसलिए इनमें से कोई भी आपको महसूस होते हैं। तो उनको अनदेखी न करके डॉक्टर को तुरंत से तुरंत दिखाना चाहिए। ताकि समय से समस्या का समाधान हो सके।
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