बांझपन किस विटामिन की कमी से होता है?
आज के समय में खराब खानपान और भाग-दौड़ भरी लाइफस्टाइल के कारण पुरुष और महिला दोनों की ही फर्टिलिटी पर गंभीर असर पड़ रहा है। सही समय पर निसंतानता की लक्षणों की पहचान करने से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
हर दंपति का सपना होता है कि शादी के एक समय बाद संतान सुख पाने का सपना होता है। लेकिन इनफर्टिलिटी के कारण महिलाएं की मां बनने की तमाम कोशिश नकाम हो जाती हैं। दरअसल इनफर्टिलिटी की समस्या खानपान से जुड़ी गड़बड़ी के कारण भी हो सकती है।
खराब डाइट और लाइफस्टाइल से जुड़ी गलतियां सबसे ज्यादा पुरुषों की फर्टिलिटी को प्रभावित करता है। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे की बांझपन किस विटामिन की कमी से होता है।
कौन-सा विटामिन इनफर्टिलिटी प्रभावित करता है?
ज्यादातर लोगों का यह सवाल रहता है कि बांझपन किस विटामिन की कमी से होता है (Vitamin Deficiency And Infertility in Hindi) शरीर को Healthy और बीमारियों से मुक्त रखने के लिए शरीर को विटामिन, आयरन, मिनरल्स समेत सभी जरुरी पोषक तत्वों का मिलना जरुरी है।
ऐसा माना जाता है कि महिलाओं में निसंतानता की समस्या विटामिन की कमी की वजह से भी हो सकती है। महिला इनफर्टिलिटी की समस्या मुख्य रुप से दो तरह की होती हैं-
- प्राथमिक इनफर्टिलिटी: प्राथमिक इनफर्टिलिटी ऐसी समस्या है जिसमें महिलाएं 1 साल तक कोशिश करने के बाद भी गर्भवती नहीं हो पाती हैं।
- माध्यमिक इनफर्टिलिटी: वहीं माध्यमिक इनफर्टिलिटी एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिला एक बार तो गर्भवती हो सकती है लेकिन दोबारा गर्भवती होने में उन्हें परेशानियां होती है।
डॉक्टर चंचल शर्मा ने बताया कि शरीर में विटामिन-डी की कमी के कारण इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है। शरीर में विटामिन-डी की वजह से प्रजनन क्षमता भी कमजोर हो जाती हैं।
विटामिन-D की कमी के लक्षण-
- थकान महसूस करना
- हड्डियों में दर्द और कमजोरी महसूस होना
- तनाव और बैचेनी रहना
- प्रजनन क्षमता का प्रभावित होना
- बालों का झड़ना
- उम्र से पहले बालों का सफेद होना
- बार बार मूड बदलना
विटामिन-D की कमी और इनफर्टिलिटी
कई शोध में पाया गया है कि शरीर में vitamin-D की कमी की वजह से न सिर्फ प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है बल्कि इसकी वजह से फर्टिलिटी भी प्रभावित होती है। शरीर में विटामिन-डी पर्याप्त मात्रा होने से गर्भधारण करने की क्षमता बढ़ जाती है।
एक इंडियन फर्टिलिटी सोसाइटी के मुताबिक 100 में 95 महिलाओं में विटमिन-डी की कमी होती है। इसकी कमी से बच्चेदानी में गांठ होने से भी प्रेग्नेंसी में दिक्कत भी हो सकती है।
इससे महिलाओं के प्रजनन अंगों में विटामिन-डी से रिसेप्टर्स (एक अंग या कोशिका प्रकाश, गर्मी, या अन्य बाहरी उत्तेजना की प्रतिक्रिया देने में सक्षम होती है और एक संवेदी तंत्रिका को संकेत भेजती है।) और चयापचय एंजाइम (Metabolizing Enzymes) में भी सुधार होता है।
Vitamin – D की कमी के अलावा महिलाओं और पुरुषों में बांझपन की समस्या के पीछे के कारण जिम्मेदार होते है।
फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए जरुरी विटामिन-डी
बच्चे पैदा करने की क्षमता बढ़ाने के लिए शरीर को हेल्दी और फिट होना जरुरी है। आपका शरीर जितना अधिक हेल्दी होगा उससे आपकी फर्टिलिटी उतनी ही मजबूत होगी। फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए आपको अपने डाइट पर विशेष ध्यान देना होगा।
आमतौर पर विटामिन-डी ही नहीं शरीर को अन्य विटामिन की भी जरुरत पड़ती है। क्योंकि सभी पोषक तत्व का शरीर में अपनी अपनी भूमिका होती है। किसी एक की कमी से शरीर में धीरे धीरे गंभीर समस्या पैदा होने लगती है।
फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए शरीर में विटामिन डी की कमी नहीं होने देना चाहिए और इसके अलावा नियमित रूप से हेल्दी डाइट का सेवन जरूरी करना चाहिए। विटामिन डी की आपूर्ति के लिए डाइट में शामिल करें ये चीज़ें:
- अंडे
- मछली
- मीट
- मशरुम
- सोयाबीन
- ड्राई-फ्रूट्स
- सूरजमुखी के बीज
- सेब (इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन-डी पाया जाता है।)
- केला
- संतरा (विटामिन-सी और डी)
- पपीता
- ब्रोकली
- गाजर
विटामिन डी के लिए भोजन जैसे कि सामन पनीर, अंडे की जर्दी ले सकती हैं। आप विटामिन डी की गोलियों का सेवन भी कर सकती हैं लेकिन गोलियों का सेवन करने के लिए डाक्टर से सलाह जरूर लें।
इस लेख की जानकारी हमें डॉक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है। इस विषय से जुड़ी या अन्य पीसीओएस, ट्यूब ब्लॉकेज, हाइड्रोसालपिनक्स उपचार पर ज्यादा जानकारी चाहते हैं। हमारे डॉक्टर चंचल की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाए या हमसे +91 9811773770 संपर्क करें।