हाइड्रोसाल्पिनक्स के लिए योग | Yoga for Hydrosalpinx in Hindi
आज के बदलते समय में फर्टिलिटी की समस्या काफी आम हो गई है। ज्यादातर महिलाओं को तो पता ही नहीं चलता की उनकी फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक है जब तक गर्भधारण का प्रयास नहीं करती है। महिलाओं में गर्भधारण ना होने की समस्या में 30 से 40 प्रतिशत मामले फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज के होते है। फैलोपियन ट्यूब में पानी भरने के कारण ट्यूब बंद हो जाती है। ट्यूब में पानी भरने के कारण कई बार महिला के योनी से ब्राउन डिस्चार्ज आने लगता है। इस समस्या को हाइड्रोसाल्पिनक्स (ट्यूब में पानी) कहते है।
आयुर्वेद के अनुसार ट्यूबल ब्लॉकेज की समस्या कई कारणों से हो सकती है। उच्च रक्तचाप, अनियमिता हर्मोन के साथ साथ ज्यादा वजन बढ़ने से भी इनफर्टिलिटी या ट्यूब ब्लॉकेज की समस्या से ग्रस्त हो सकती है। अगर आप भी हाइड्रोसाल्पिनक्स (ट्यूबल ब्लॉकेज) समस्या के कारण इनफर्टिलिटी का सामना कर रहे हैं, तो जानिए कुछ आयुर्वेदिक उपचार और योगासन जिनके जरिए आपको मां बनने का सुख भी मिलता है। आज इस लेख में हम आपको डॉक्टर चंचल द्वारा बताई गई सरल योगासन बताएंगे जो हाइड्रोसाल्पिनक्स (hydrosalpinx in hindi) की समस्या में कारगर हैं।
हाइड्रोसाल्पिनक्स क्या है? – What is Hydrosalpinx in Hindi
इनफर्टिलिटी की समस्या में Hydrosalpinx के शाब्दिक अर्थ की बात करें तो हाइड्रों यानी पानी और साल्पिनक्स यानी फैलोपियन ट्यूब होता है। हाइड्रोसाल्पिनक्स की समस्या में एक महिला के फैलोपियन ट्यूब के अंतिम भाग में पानी या द्रव भर जाता है जिससे सुजन के कारण ट्यूब ब्लॉक हो जाती है।
फैलोपियन ट्यूबों (Fallopian Tube treatment in Hindi) जो गर्भाशय (Uterus) के दोनों तरफ होती है और अंडाशय (Ovary) से मेच्योर अंडे को गर्भाशय में उस समय मौजूद सक्रिय शुक्राणु से मिलाती है। फैलोपियन ट्यूब में रूकावट (फैलोपियन ट्यूब की सूजन) होने के कारण अंडा गर्भाशय तक नहीं पहुँच पाता है और ना ही शुक्राणु अंडे तक पहुँचने में सफल हो पाता है जिस कारण यह अधूरी रह जाती है। जिस कारण गर्भावस्था पर भी कई तरह के प्रभाव पड़ते हैं। ब्लॉकेज की समस्या एक या दोनों ट्यूबों में हो सकती है।
हाइड्रोसाल्पिनक्स के लक्षण – Symptoms of Hydrosalpinx in Hindi
- पेट और श्रोणी (Pelvic Pain) में दर्द होना
- असामान्या योनी स्राव आना
- यौन क्रिया के समय दर्द होना
- पीरियड्स के दौरान दर्द होना
- पेशाब के समय दर्द होना
हाइड्रोसाल्पिनक्स के कारण निम्नलिखत हैं – Causes of Hydrosalpinx in Hindi
- यौन संचारित संक्रमण (Sexsual Transmitted Infection)
- श्रोणी में सूजन की बीमारी
- टूटा हुआ एपेंडिसाइटिस (Appendicitis)
- अंतर्गर्भाशयी की समस्या
- सूजन की बीमारी जो Scar Tissues और संक्रमण को पैदा करती है और जो ट्यूब में अवरुद्ध करने वाले हाइड्रोसल्पिनक्स का कारण बन सकता है।
- यूटरस में टीबी के कारण की समस्या फैलोपियन ट्यूब और गर्भाशय में गर्भधारण की समस्या को प्रभावित करती है। यदि फैलोपियन ट्यूबों में पहले कभी सर्जरी हुई हो, तो यह हाइड्रोसाल्पिनक्स का कारण हो सकता है। इसके अलावा एक्टोपिक प्रेगनेंसी में किया गया ऑपरेशन भी Hydrosalpinx के कारणों में से एक है।
- गर्भाशय के निकट जुड़े फाइब्रॉएड की वृद्धि फैलोपियन ट्यूबों में ब्लॉकेज उत्पन्न कर सकती है। एंडोमेट्रियोसिस की समस्या एंडोमेट्रियल टिश्यू फैलोपियन ट्यबों में जमा हो सकते है और एक अवरोध पैदा कर सकता है।
- कुछ एसटीडी रोग (Sexually transmitted disease) जैसे क्लैमाइडिया, गोनोरिया आदि हाइड्रोसाल्पिनक्स जैसी बीमारी को पैदा कर सकती हैं।
हाइड्रोसाल्पिनक्स के लिए योग – Yoga Poses for Hydrosalpinx in Hindi
अकसर हमारे मन में सवाल आता है कि योग से हाइड्रोसाल्पिनक्स कैसे ठीक करें। आयुर्वेद में बिना साइड फेक्ट के बंद ट्यूब को खोलने का उपचार किया जाता है। यहां कुछ महत्तवपूर्ण ट्यूबल ब्लॉकेज की समस्या और हाइड्रोसाल्पिनक्स के लिए योग (Hydrosalpinx treatment) की सिफारिश दी जाती है। जिससे ट्यूब खोलने में मदद मिलेगी और अपनी इस समस्या से निजात भी पा सकते है। इन निम्नलिखित में योग से हाइड्रोसाल्पिनक्स कैसे ठीक करने के अचूक उपाय शामिल हैं-
कपालभाति प्राणायाम (Kapalbhati Pranayam): कपालभाति करने से सभी प्रकार के यौन विकार दूर हो जाते हैं, यदि कपालभाति को सही समय और सही तरीके से किया जाए तो यह बांझपन में एक बहुत ही प्रभावी अभ्यास है। बांझपन की समस्या में प्रतिदिन कम से कम आधा घंटा कपालभाति करना चाहिए।
बांझपन की समस्या में प्रतिदिन कम से कम आधा घंटा कपालभाति करना चाहिए। कपालभाति करने से फैलोपियन ट्यूबल ब्लॉकेज के साथ-साथ ओवेरियन सिस्ट की समस्या, गर्भाशय फाइब्रॉएड की समस्या, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की समस्या जैसी कई समस्याओं को ठीक करने में मदद मिलती है। इसके अलावा कपालभाति थायराइड की समस्या और पेट की चर्बी को कम करने में कारगर है। कपालभाति हार्मोनल संतुलन को बेहतर बनाने में मदद करती है और शरीर में तनाव के स्तर को कम करती है।
अनुलोम विलोम प्राणायाम (Anulom vilom Pranayam): अनुलोम विलोम प्राणायाम करना बहुत ही आसान है। इस प्राणायाम को आप घर, पार्क या अपने ऑफिस में भी कर सकते हैं। याद रखें इस प्राणायाम को करने के लिए शुद्ध हवा का होना बहुत जरूरी है। अनुलोम विलोम के नियमित अभ्यास से शरीर में किसी भी प्रकार की ब्लॉकेज को खोला जाता है। अनुलोम विलोम हार्ट ब्लॉकेज और फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज दोनों में ही कारगर है।
भस्त्रिका प्राणायाम (Bhastrika Pranayam): भस्त्रिका प्राणायाम से श्वसन और पाचन तंत्र पर अनुकूल प्रभाव। और फेफड़ों से अतिरिक्त कफ को बाहर निकालता है। सभी अंगों और ऊतकों की जीवन शक्ति को बढ़ाकर रक्त को ऑक्सीजन देता है । यह प्राणायाम उदर क्षेत्र (abdominal area) को मजबूत और टोन करता है। मन को शांत करने के साथ-साथ शरीर के प्रजनन अंगों को सक्रिय करता है।
भ्रामरी प्राणायाम (Bhramari Pranayam): भ्रामरी प्राणायाम से बांझपन के साथ-साथ कई फायदे होते हैं। यह प्राणायाम थायराइड और याददाश्त की समस्या को दूर करने में भी कारगर है। भ्रामरी प्राणायाम करना बहुत आसान है।
तितली आसन (Titli Asana): इस समस्या में महिलाओं के लिए यह आसान काफी लाभदायक होता है। यह आसन प्रजनन अंगो के साथ-साथ पैरों और जंघों को मजबूत करता है। साथ ही मानसिक स्वास्थ को भी अच्छा रखता है।
शशांक आसन (Shashank Asana): शशांकसन के अभ्यास से पेल्विक की मसल्स को मजबूती मिलती है। साथ ही प्रजनन अंगों की गड़बड़ी को भी दूर करता है जिससे हर्मोनस भी संतुलित रहता है।
खानपान के अलावा आप दिन में एक बार योगा जरुर करे जो फर्टिलिटी रेट को बूस्ट करने में मदद करता है। और यह भी सच है कि डॉ चंचल शर्मा द्वारा बताए गए इन ट्यूबल ब्लॉकेज आसनों से कई महिलाओं और युवतियों को फायदा हुआ है। इसे आप घर बैठे या किसी पार्क में बैठकर आसानी से कर सकती हैं।
इस लेख की जानकारी हमें डॉक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है तो सलाह लेने के बाद ही इस पर अमल करें। इस विषय से जुड़ी या अन्य पीसीओएस, ट्यूब ब्लॉकेज, हाइड्रोसालपिनक्स उपचार पर ज्यादा जानकारी चाहते हैं। हमारे डॉक्टर चंचल की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाए या हमसे +91 9811773770 संपर्क करें।