ट्यूब में पानी (HYDROSALPINX) के लक्षण, कारण, निदान एवं उपचार
एक महिला के शरीर में यूटरस के अलावा फैलोपियन ट्यूब भी गर्भधारण करने की प्रक्रिया में मदद करता है। फैलोपियन ट्यूब प्रजनन प्रणाली के महत्वपूर्ण संरचना है जो प्रजनन क्षमता और बांझपन का कारण होता है। गर्भाशय के प्रत्येक तरफ एक ट्यूब है जो अंडाशय से जोड़ती है। इसका काम अंडाशय से निकले फॉलिकल को गर्भाशय तक पहुंचाना है।
लेकिन जब इन ट्यूब में बाधा आती है तो शुक्राणु अंडे तक नहीं पहुंच पाते है जिससे एक महिला गर्भधारण करने में असक्षम होती है। आयुर्वेद में महिला बांझपन को वंध्यतावा के रूप में परिभाषित किया गया है। गर्भाधारण के लिए आवश्यक कारक हैं रितु (ओव्यूलेशन के आने का समय), क्षेत्र (एक महिला की संपूर्ण प्रजनन प्रणाली), अंबु (पोषक तत्व) और बीजा (शुक्राणु और ओवम)।
इनमें से किसी भी कारक के नुकसान होने से गर्भधारण नहीं हो सकता है। ऐसे ही समसया हाइड्रोसालपिनक्स है जो ट्यूबल ब्लॉकेज का कारण माना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, तीनों दोषों के बिगड़ने पर ट्यूबल रुकावट की शुरुआत होती है और धीरे-धीरे द्रव संचय होता है। आज इस आर्टिकल में हम जानेगे की hydrosalpinx kya hai, (हाइड्रोसालपिनक्स) ट्यूब में पानी के लक्षण क्या है और इसका इलाज कैसे होगा।
(और पढ़े – जानें केमिकल प्रेगनेंसी के लक्षण, कारण और इलाज)
हाइड्रोसालपिनक्स क्या है?- Hydrosalpinx kya hai
जब एक महिला की फैलोपियन ट्यूब पानी के तरल पदार्थ के कारण बंद हो जाती है, तो इस स्थिति को हाइड्रोसालपिनक्स (hydrosalpinx in hindi) कहा जाता है। इसके मेडिकल टर्म की बात करें तो हाइड्रो का अर्थ है पानी और सैलपिनक्स का अर्थ फैलोपियन ट्यूब होता है।
हाइड्रोसाल्पिनक्स के लक्षण- Hydrosalpinx ke Lakshan
ज्यादातर महिलाओं को (हाइड्रोसालपिनक्स) ट्यूब में पानी होने के किसी भी लक्षण का अनुभव नहीं होता है। ऐसी महिलाओं को उनकी स्थिति तब पता चलती है जब वे गर्भधारण करने में असमर्थ होती हैं। अगर फिर भी कुछ महिलाओं में कोई भी लक्षण नजर आते है तो इस प्रकार हो सकते हैं-
- पेट और श्रोणी (Pelvic Pain) में दर्द होना
- असामान्या योनी स्राव आना
- यौन क्रिया के समय दर्द होना
- पीरियड्स के दौरान दर्द होना
- पेशाब के समय दर्द होना
हाइड्रोसाल्पिनक्स के कारण- Hydrosalpinx ke Karan
फैलोपियन ट्यूब में किसी पुराने संक्रमण के कारण पानी भर सकता है। हाइड्रोसालपिनक्स होने के कई कारण हैं। सबसे आम कारण में शामिल हैं-
- यौन संचारित संक्रमण (Sexsual Transmitted Infection)
- श्रोणी में सूजन की बीमारी
- टूटा हुआ एपेंडिसाइटिस (Appendicitis)
- अंतर्गर्भाशयी की समस्या
- सूजन की बीमारी जो Scar Tissues और संक्रमण को पैदा करती है और जो ट्यूब में अवरुद्ध करने वाले हाइड्रोसल्पिनक्स का कारण बन सकता है।
- यूटरस में टीबी के कारण की समस्या फैलोपियन ट्यूब और गर्भाशय में गर्भधारण की समस्या को प्रभावित करती है। यदि फैलोपियन ट्यूबों में पहले कभी सर्जरी हुई हो, तो यह हाइड्रोसाल्पिनक्स का कारण हो सकता है।
- इसके अलावा एक्टोपिक प्रेगनेंसी में किया गया ऑपरेशन भी हाइड्रोसाल्पिनक्स के कारणों में से एक है।
- गर्भाशय के निकट जुड़े फाइब्रॉएड की वृद्धि फैलोपियन ट्यूबों में ब्लॉकेज उत्पन्न कर सकती है। एंडोमेट्रियोसिस की समस्या एंडोमेट्रियल टिश्यू फैलोपियन ट्यबों में जमा हो सकते है और एक अवरोध पैदा कर सकता है।
- कुछ एसटीडी रोग (Sexually transmitted disease) जैसे क्लैमाइडिया, गोनोरिया आदि हाइड्रोसाल्पिनक्स जैसी बीमारी को पैदा कर सकती हैं।
हाइड्रोसाल्पिनक्स का निदान- Hydrosalpinx ka Nidan
इस समस्या का निदान कई तरीकों से किया जाता है। इन निम्नलिखित में शामिल हैं-
- लैप्रोस्कोपी: यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसे कीहोल सर्जरी भी कहा जाता है। सर्जन अंदर देखने के लिए पेट पर बने एक छोटे से चीरे के माध्यम से गर्भाशय में एक कैमरा डालता है। यह प्रक्रिया उन्हें रुकावट का पता लगाने और ट्यूबों की स्थिति का निरीक्षण करने में सक्षम बनाती है।
- अल्ट्रासाउंड: हालांकि, यह तरीका बहुत प्रभावी नहीं है जो हाइड्रोसालपिनक्स का संकेत दे सकता है अगर ट्यूब में सूजन हो या तरल पदार्थ के कारण बढ़े हुआ हों।
- हिस्टेरोसाल्पिंगोग्राम (एचएसजी): यह एक्स-रे इमेजिंग है, जिसका उपयोग ट्यूबल ब्लॉकेज का पता लगाने के लिए किया जाता है। सर्विक्स के माध्यम से गर्भाशय में एक विशेष डाई डाली जाती है। इस एक्स-रे इमेजिंग द्वारा डाई के प्रवाह का पता लगाया जाता है।
- सोनोहिस्टेरोसाल्पिंगोग्राफी: सोनोहिस्टेरोसाल्पिंगोग्राफी एक प्रकार का अल्ट्रासाउंड है जो गर्भाशय की जांच के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है। यह डॉक्टर को गर्भाशय के साथ संभावित समस्याओं का पता लगाने में मदद कर सकता है जो प्रजनन संबंधी मुद्दों को समझाने में मदद कर सकता है। हालांकि डॉक्टर आमतौर पर इसका उपयोग सीधे फैलोपियन ट्यूब की जांच करने के लिए नहीं कर सकते हैं, यह उन्हें यह निर्धारित करने में मदद कर सकता है कि क्या कोई रुकावट है।
हाइड्रोसालपिनक्स का आयुर्वेदिक उपचार- Hydrosalpinx ka Ayurvedic Upchar
हमने (हाइड्रोसालपिनक्स) ट्यूब में पानी के लक्षण, कारण, निदान तो जान लिए है लेकिन ये सवाल आता है कि नेचुरल तरीके से फैलोपियन ट्यूब को कैसे खोले? क्या ये मुमकिन है कि बिना सर्जरी के फैलोपियन ट्यूब को खोला जा सकता है? अगर आपके मन में भी ऐसा ख्याल आया है तो आपको बता दें कि आयुर्वेद की प्रचीन पद्धति में नेचुरल तरीके से हयड्रोसलपिंक्स का आयुर्वेदिक उपचार मुमकिन है।
हाइड्रोसालपिनक्स के लिए आयुर्वेदिक उपचार ब्लॉक फैलोपियन ट्यूब के लिए किए गए उपचार के समान है। आयुर्वेद के अनुसार ट्यूबल ब्लॉकेज को वात प्रधान त्रिदोष स्थिति माना जाता है। इनके बिगड़ने के कारण ट्यूब में सूजन का कारण बनता है। आयुर्वेद की प्राचीन पद्धति उत्तर बस्ती में औषधीय तेल के साथ हाइड्रोसालपिनक्स को ठीक किया जाता है और ये सबसे अच्छा उपचार है। रोगी की आवश्यकता के अनुसार जड़ी-बूटियों का चयन किया जाता है। उत्तर बस्ती करने से पहले योनि क्षेत्र को कुछ काढ़े के साथ बेअसर कर दिया जाता है।
अगर आप अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब के लिए प्राकृतिक उपचार की तलाश में हैं तो हाइड्रोसालपिनक्स के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक सबसे सर्वश्रेष्ठ उपचार है।
साथ ही अपने खानपान में हरी सब्जियां, अलसी के बीज, मौसमी का जूस, अनार का सेवन, अदरक-लहसून को भी शामिल करें। अच्छी डाइट लें और मीठे के साथ तेलिये खाद्य पदार्थ दूरी बना लें। खानपान के अलावा आप दिन में एक बार योगा जरुर करे जो फर्टिलिटी रेट को बूस्ट करने में मदद करता है। और यह भी सच है कि डॉ चंचल शर्मा द्वारा बताए गए इन ट्यूबल ब्लॉकेज आसनों से कई महिलाओं और युवतियों को फायदा हुआ है। इसे आप घर बैठे या किसी पार्क में बैठकर आसानी से कर सकती हैं।
इस लेख की जानकारी हमें डॉक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है। इस विषय से जुड़ी या अन्य पीसीओएस, ट्यूब ब्लॉकेज, (हाइड्रोसालपिनक्स) ट्यूब में पानी आदि पर ज्यादा जानकारी चाहते हैं। हमारे डॉक्टर चंचल की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाए या हमारे Infertility Clinic आने के लिए +91 9811773770 संपर्क करें।