गर्भधारण में क्या है डाइट का योगदान ? | How to Follow diet chart in pregnancy
गर्भधारण में पौष्टिक आहार खाने की महत्व पूर्ण भूमिका होता है। पौष्टिक आहार (nutritious food) के सेवन से प्रजनन तंत्र (reproductive system) में सुचारु रुप से रक्त का संचार होता है। जिससे उनकी प्रजनन क्षमता (fertility) मे वृद्धि होती है। न्यूट्रिशन डाइट लेने से जन्म दोषों के जोखिम को कम किया जाता है।
महिलाएं यदि गर्भधारण के पूर्ण संतुलित आहार का सेवन करती है। तो इससे एनीमिया का खतरा भी कम हो जाता है। साथ ही गर्भावस्था के अन्य अप्रिय लक्षण जैसे थकान और मॉर्निंग सिकनेस से भी राहत मिल जाती है।
बैलेंस और न्यूट्रिशन डाइट महिला और पुरुष दोनो के लिए बहुत ही जरुरी है। क्योंकि ऐसे आहार से महिलाओं के पीरियड्स नियमति होते है । जिससे उनको समय पर ओवुलेशन आते है । ऐसे में प्रेगनेंसी की अधिक संभावना होती है। पुरुषों में संतुलित आहार से स्वस्थ शुक्राणु तैयार होते है और उनमें अधिक गतिशीलता होती है। जो प्रेगनेंसी के लिए सबसे बेहतर कदम है।
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प्रेगनेंसी डाइट चार्ट –
- प्रत्येक दिन मुख्य रुप से तीनों समय का भोजन ( Breakfast, Lunch, Dinner) जरुर करें।
- स्नैक्स (Snacks) में एक मुट्ठी ड्राई फ्रूट्स लें।
- मैदा, मिर्च, चने की दाल, फास्ट फूड, अधिक मिर्च मसाला का सेवन बिल्कुल भी न करें।
- ग्रीन टी का सेवन करें।
- हरी पत्तेदार सब्जियाँ, फल और दालें डाइट में जरुर शामिल करें।
यह खास जानाकारी आशा आयुर्वेदा की इनफर्टिलिटी एक्सपर्ट डॉ चंचल शर्मा से कंसीव डाइट चार्ट की चर्चा के दौरान प्राप्त हुई है।
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