जून माह के साथ ताजा फलों की शुरुआत | Fresh fruits of June in Hindi
जून माह को ताजा फल और सब्जियों का माह मान जाता है । और हर कोई इस माह को ताजा फल तथा सब्जी उत्सव के रुप में बड़े उत्साह के साथ सेलिब्रेट भी करता है। दिल्ली में हर वर्ष राष्ट्रीय आम महोत्सव भी मनाया जाता है। इस आम उत्सव का उद्देश्य फलों लोगों में फलों के प्रति लगाव पैदा करना और उनका अधिक से अधिक सेवन करना है।
डॉ चंचल शर्मा के अनुसार ग्रीष्म ऋतु में वातदोष की प्रधानता (अधिकता) होती है। ग्रीष्म ऋतु उत्तरायण काल के अंतर्गत आती है। इसलिए सूर्य तत्व जालीय तत्व को सोख लेता है। जिससे शरीर में नमी की कमी होने लगती है। और पाचन शक्ति पूर्व की अपेक्षा बहुत ही कमजोर हो जाती है। उत्तरायण काल 14 जनवरी से लेकर 21 जून तक चलता है।
ऐसे में शरीर में बढ़े वात की अधिकता के कारण भूख में कमी अर्थात भोजन करने की इच्छा बहुत ही कम होती है। पेट में गैस की वृद्धि होती है, अम्लता में वृद्धि होती है। जिसके कारण लोग जून के महीने में सबसे ज्यादा संक्रमण, लू, फाइलेरिया, बुखार , दस्त, पेचिश, हैजा, गठिया, दाद, फुंसी और खुजली जैसी परेशानियों का सामना करने के लिए मजबूर हो जाते है।
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आयुर्वेद के अनुसार क्यों जून माह (ग्रीष्म ऋतु) में अधिक फलों का सेवन करना चाहिए?
जून में गर्मियां अपनी चरम सीमा पर होती है। क्योंकि ग्रीष्म ऋतु में सबसे ज्यादा जून माह में ही गर्मी पड़ती है। इस दौरान वातावरण का तापमान अपने उच्च शिखर पर होता है। जिससे लोगों का वात दोष तेजी के साथ प्रभावित होता है।
गर्मियों में अक्सर लोगों को यही बोलते सुना होगा। कि भूख नही लगती है । और सच भी यही है। इस दौरान ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन होता है और खाने की तो मानो जैसा इच्छा ही खत्म हो जाती है।
आयुर्वेद कहता है। कि जून में अधिक से अधिक फलों और जूस का सेवन (Fresh fruits of June in Hindi) सेहत के लिए लाभकारी होता है। क्योंकि ताजे फलों में सबसे ज्यादा विटामिन, कैल्शियम , मिनिरल और उच्च गुणवत्ता वाला फाइवर होता है। जो लोगों में ऊर्जा प्रदान करने के साथ-साथ रोगों से लड़ने की क्षमता में वृद्धि करता है।
भोजन की अपेक्षा फलों में नेचुरल शुगर होता है। जो पाचन क्रिया को आसानी से संपन्न करता है। और पाचनशक्ति में सुधार करता है। जून माह में हर उम्र के लोगों को फलों का सेवन करना चाहिए। आयुर्वेद में ऋतु चर्या का विशेष महत्त होता है। इसलिए ऋतु के अनुसार ही ऋतु फलों का सेवन करने से स्वास्थ्य संबंधित बहुत सारी समस्याओं और मौषमी बीमारियों से बचा जा सकता है।
आशा आयुर्वेदा दिल्ली की फर्टिलिटी एक्सपर्ट व डायटीशियन डॉ चंचल शर्मा बताती है। कि गर्मियों के दिनों में ऐसे फलों का चयन करे। जिसमें पानी की अधिकता ज्यादा हो। इन फलों को खाने से देर तक भूख भी नही लगती है और शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा बनी रहती है।
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जून के महीने में सेवन करने वाले फल – Fresh Fruits of June in Hindi
जून माह में तरबूज और खरबूज का सेवन –
आयुर्वेद के अनुसार शरीर में पानी की कमी को दूर करने के लिए यह एक अच्छा विकल्प है। इसके सेवन से शरीह हाइड्रेट होता है और वात दोष संतुलित होता है। तरबूज में लाइकोपीन होता है जो सूर्य से निकलने वाली हानिकारण किरणों के प्रभाव को कम करता है।
संतरे का सेवन –
संतरे में 80 प्रतिशत तक पानी होता है। जो पोटेशियम की कमी को पूरा करता है। यह गर्मियों के लिए सबसे अच्छा फल माना गया है। इसके सेवन से शरीर का शुद्धिकरण भी हो जाता है।
नारियल पानी –
जून माह में नारियल पानी का सेवन करने से शरीर हाइड्रेट रहता है। नारियल में पाये जाने वाले पोषकतत्व सीधा हमारे शरीर में प्रवेश कर ऊर्जा प्रदान करते हैं। नारियल पानी पाचन के लिए बहुत ही अच्छा होता है। त्वचा में निकार आता है। हड्डियों को अच्छा रखता है और वजन नियंत्रण में भी सहायक होता है।
जून माह में आम का सेवन –
गर्मियों के दिनों में अक्सर खट्टी डकार , एसीडिटी की समस्या हर किसी को होने लगती है। ऐसे में आप आम का सेवन कर इस समस्या से बच सकते हैं। चिलचिलाती गर्मी और तपती धूप की किरणों के प्रभाव से बचाने में भी आम मदद करता है। आम को फलों का राजा भी शायद इसलिए कहा जाता है। क्योंकि आम में बहुत सारे आयुर्वेदिक गुणों का मिश्रिण होता है। जो स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत अच्छा मान जाता है।
अंगूर का सेवन –
गर्मियों में अंगूर खाने से कैल्शियम, पोटेशियम, क्लोराइड, सल्फेट, एल्युमिनियम और मैग्निशियम की कमी नही होती है। और आप बीमार होने से बच जाते हैं।
यह सभी फल ग्रीष्म ऋतु में जरुर खाने चाहिए। क्योंकि यह ऋतु चर्या के अनुसार ऋतु फल है और इनका सेवन करने से आप गर्मियों में होने वाले वात दोष से अपना बचाव कर सकत हैं।
यह खास जानकारी आशा आयुर्वेदा की आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ चंचल शर्मा से विशेष वार्ता के दौरान प्राप्त हुई है।