Freedom from infertility

FREEDOM FROM INFERTILITY – AYURVEDA SPECIALIST DR. CHANCHAL SHARMA

इनफर्टिलिटी एक गंभीर समस्या बनकर उभरी है। यह केवल भारत की ही नहीं बल्कि पुरे विश्व की समस्या है। यह किसी भी इंसान को मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक और आर्थिक रूप से इतना कमजोर बना देता है कि उससे निकल पाना उनके लिए एक जटिल समस्या बन जाती है।

इनफर्टिलिटी वह अवस्था होती है जब 35 साल से कम उम्र का कोई कपल लगातार एक साल तक असुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाता है लेकिन प्रेगनेंट नहीं हो पाता है। वही 35 साल से ज्यादा के कपल में अगर 6 महीने तक सम्बन्ध बनाने के बाद कन्सीव न कर पाने की समस्या बनी रहती है तो इसे इनफर्टिलिटी बोलेंगे। 

इनफर्टिलिटी का लोगों की ज़िन्दगी पर क्या प्रभाव पड़ता है ?

निःसंतानता किसी भी कपल को एक साधारण ज़िन्दगी से कठिन परिस्थितियों तक ले जाने के लिए काफी है। शादी के बाद हर कपल का सपना होता है कि उनकी भी गोद भर जाए। और ऐसा हो भी क्यों नहीं एक बच्चे के आने से पुरे परिवार की खोयी हुयी रौनक भी तो लौट आती है। लेकिन अगर कोई कपल लम्बे समय तक निःसंतानता की समस्या से जूझ रहा होता है तो उसके आपसी सम्बन्ध भी प्रभावित होते हैं।

बच्चा न हो पाने की स्थिति में जहाँ लोगों को एक दूसरे का सहारा बनना चाहिए वहीँ वो इतने चिड़चिड़े हो जाते हैं कि आपस में ही तकरार बढ़ जाती है। उनपर सामाजिक दबाव बढ़ता जाता है जिससे लड़ने की ताकत धीरे धीरे शून्य हो जाती है। भारतीय समाज में एक स्त्री के लिए निःसंतानता किसी अभिशाप से कम नहीं होता है। समाज में उन्हें बाँझ कहकर बुलाया जाता है जिससे मानसिक स्वास्थ्य पर नाकारात्मक असर पड़ता है। निःसंतानता के उपचार हेतु डॉक्टर्स के चक्कर लगाने में लोगों की आर्थिक स्थिति भी बिगड़ जाती है। 

इनफर्टिलिटी के कारण क्या होते हैं ?    

बढ़ती हुई निःसंतानता के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन कई बार इनफर्टिलिटी अननोन कारणों से भी होता है जिसमे स्ट्रेस की भूमिका बहुत ज्यादा होती है। इनफर्टिलिटी के कारण महिला और पुरुष दोनों में भिन्न भिन्न हो सकते हैं। 

पुरुष इनफर्टिलिटी के कारण 

अत्यधिक स्मोकिंग और शराब का सेवन करना 

औसत स्पर्म काउंट 15 मिलियन/ मिलीलीटर से कम होना 

ऐसी दवाओं का सेवन जो आपकी फर्टिलिटी को प्रभावित करता है 

स्पर्म मोलालिटी का कम होना 

शरीर में जरुरी पोषक तत्वों की कमी होना 

जेनेटिक डिसऑर्डर 

होर्मोनस का असंतुलित होना 

मोटापा 

महिला इनफर्टिलिटी के कारण 

फॉलोपियन ट्यूब ब्लॉक होना 

एंडोमेट्रिओसिस 

ओवेरियन सिस्ट 

शरीर में पोषक तत्वों की कमी 

तनाव होना 

मोटापा 

स्मोकिंग करना 

नशीली पदार्थों का सेवन करना 

PCOD/PCOS 

हार्मोनल असंतुलन 

इनफर्टिलिटी से आज़ादी पाने के उपाय 

इनफर्टिलिटी से आज़ादी पाने का अर्थ है आपके भी गर्भ में एक छोटी सी जान का पलना जो आपको माँ कहकर बुलाएगा। यह अनुभव हर महिला के लिए बेहद खास होता है। मातृत्व सुख की तुलना कर पाना मुश्किल होता है। आजकल बहुत सारे कारणों से लोगों की फर्टिलिटी प्रभावित हो रही है। कई बार महिलाएं अधिक उम्र में शादी करती हैं और फिर बायोलॉजिकली पेरेंट्स बनना उनके लिए मुश्किल हो जाता है।

स्ट्रेस भी आपकी इनफर्टिलिटी के लिए जिम्मेदार हो सकता है। आप अपने खान पान का ध्यान नहीं रखते हैं और जंक फ़ूड, नशीली पदार्थ आदि का सेवन करते हैं तो भी यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है और आपके पेरेंट्स बनने के सपने में रुकावट बन सकती है। इसके लिए आपको अपनी जीवनशैली, खान पान, अपने स्वास्थ्य आदि की उचित देखभाल करनी होगी। 

महिला इनफर्टिलिटी का निदान क्या है? 

किसी भी बिमारी के उचित उपचार के लिए जरुरी है उसका सही कारण जानना। इनफर्टिलिटी से आज़ादी तभी मिल सकती है जब आपको यह पता हो की इसका कारण क्या है? इसलिए डॉक्टर्स आपको जांच के लिए बोलते हैं जिसके बाद आपका सही इलाज किया जा सके। महिलाओं के लिए निम्न जाँच होती है: 

Ovulation test (ओव्यूलेशन टेस्ट): महिलाओं की फर्टिलिटी की जांच करने के लिए उनका ओवुलेशन टेस्ट किया जाता है। इससे यह पता लगाया जा सकता है कि गर्भधारण की सम्भावना कितनी है। 

Hormones test (हार्मोनल जांच): ल्यूटिनाइलिंग और प्रोजेस्टेरोन ये दो ऐसे हॉर्मोन्स हैं जिनका परिक्षण करके किसी महिला की फर्टिलिटी का पता लगाया जा सकता है। 

Pelvic ultrasound (पेल्विक अल्ट्रासाउंड): पेल्विक अल्ट्रासाउंड टेस्ट एक ऐसा परिक्षण है जिससे आपके फॉलोपियन ट्यूब और यूटेरस की हेल्थ के बारे में जानने में मदद मिलती है। 

पुरुष इनफर्टिलिटी का निदान क्या है? 

Testicular ultrasound (अंडकोष का अल्ट्रासाउंड): यह जांच पुरुष के अंडकोष का परीक्षण करने के लिए किया जाता है। 

Genetic testing (अनुवांशिक परीक्षण): इस टेस्ट के माध्यम से उन सभी कारकों की जांच की जाती है जो अनुवांशिक रूप से एक पुरुष में मौजूद हो और उनके स्पर्म की क्वालिटी को प्रभावित करता हो। 

Semen analysis test (वीर्य सैंपल परीक्षण): किसी पुरुष के फर्टिलिटी की जांच करने के लिए उसका सीमेन टेस्ट किया जाता है जिससे यह पता चलता है कि स्पर्म काउंट कितनी है, स्पर्म की मूवमेंट कैसी है और उसकी संरचना कैसी है। 

Freedom From Infertility – इनफर्टिलिटी से आज़ादी कैसे पाएँ? 

इनफर्टिलिटी की बढ़ती समस्या को देखते हुए आशा आयुर्वेदा ने एक मुहीम जारी की है freedom from infertility. आशा आयुर्वेदा के विशेषज्ञ डॉक्टर्स इस पूरी प्रक्रिया में आपको इनफर्टिलिटी से मुक्ति दिलाने में मदद करेंगे। यहाँ हज़ारों लोगों को आयुर्वेदिक उपचार द्वारा पेरेंट्स बनने की ख़ुशी मिली है।

आप भी उस ख़ुशी का हिस्सा बन सकते हैं। यहाँ पूर्णतः प्राकृतिक रूप से इलाज किया जाता है। जिसमे आयुर्वेदिक दवाई, थेरेपी, डाइट तथा एक्सरसाइज शामिल हैं। फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए आप कुछ आयुर्वेदिक हर्ब्स का सेवन कर सकते हैं। साथ ही अपने जीवनशैली में बदलाव लाकर पंचकर्म थेरेपी के सहारे पेरेंट्स बनने की दिशा में अपना पहला कदम बढ़ा सकते हैं। 

Freedom From Infertility || इनफर्टिलिटी से आज़ादी के लिए आयुर्वेदिक उपचार 

आयुर्वेदा की अधिक सफलता दर और कम साइड इफेक्ट्स के कारण आजकल की भागदौड़ वाली ज़िन्दगी में लोगों का भरोसा आयुर्वेदा पर पहले की तुलना में बढ़ गया है। आयुर्वेदा में किसी भी बीमारी को जड़ से ख़त्म करने की क्षमता होती है। यहाँ आपको कुछ आयुर्वेदिक उपचार बताये जा रहे हैं जिसके द्वारा आप इनफर्टिलिटी से आज़ादी पा सकते हैं:

हेल्दी और पूर्णतः प्राकृतिक डाइट: इन्फर्टिलिटी के आयुर्वेदिक इलाज में सबसे महत्वपूर्ण कदम है स्वस्थ और प्राकृतिक आहार का सेवन करना। जैसे कि फल, सब्जियां, अनाज, दालें, दूध और दूध के उत्पाद, इन्फर्टिलिटी को दूर करने में मदद कर सकते हैं।

आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग: आयुर्वेद में कई जड़ी-बूटियों, रसायनों, और आयुर्वेदिक औषधियों का उपयोग इन्फर्टिलिटी के इलाज में किया जाता है जो आपकी जीवनशैली में संतुलन को बनाए रखने में मदद करती हैं।

प्राणायाम और योग: योग और प्राणायाम का अभ्यास करना इन्फर्टिलिटी के इलाज में उपयोगी हो सकता है। योगासन और प्राणायाम शरीर के रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देते हैं, हार्मोनल बैलेंस को संतुलित करते हैं और तनाव को कम करते हैं।

पंचकर्म चिकित्सा: आयुर्वेद में पंचकर्म चिकित्सा का उपयोग भी इन्फर्टिलिटी के इलाज में किया जाता है। यह शरीर के विषाक्ति को बढ़ावा देता है, जिससे शरीर में और भविष्य की प्राजनन क्षमता में वृद्धि होती है।

आहार संशोधन: आयुर्वेद में आहार संशोधन का महत्व बहुत बड़ा है। इसमें अशुद्ध आहार का त्याग करना, प्राकृतिक और पौष्टिक आहार का सेवन करना, और सही समय पर भोजन करना शामिल होता है।

इन सभी कारणों से, आयुर्वेदिक इलाज इन्फर्टिलिटी के लिए उपयुक्त विकल्प हो सकता है। लेकिन ध्यान देना जरूरी है कि हर व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक संरचना अलग होती है, इसलिए सही चिकित्सा के लिए एक विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

इस लेख की जानकारी हमें डॉक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है। इस विषय से जुड़ी या अन्य पीसीओएस, ट्यूब ब्लॉकेज, हाइड्रोसालपिनक्स उपचार पर ज्यादा जानकारी चाहते हैं। हमारे डॉक्टर चंचल की वेबसाइट www.drchanchalsharma.com पर जाए या हमसे +91 9811773770 पर संपर्क करें।

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पुरुष / महिला से सम्बंधित किसी भी समस्या के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. चंचल शर्मा से मिले जो की आयुर्वेद की पंचकर्मा पद्धति से निःसंतान दंपतियों का इलाज करती है।

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