एंडोमेट्रियोसिस का आयुर्वेदिक उपचार – Endometriosis Ayurvedic Treatment in Hindi
एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis Treatment) महिलाओं के गर्भाशय में होने वाली एक ऐसी बीमारी है जिससे हर 10 में से 1 महिला ग्रसित है। एंडोमेट्रियोसिस की बीमारी अधिकतर 18 वर्ष से 35 वर्ष की महिलाओं में होती है।
एंडोमेट्रियोसिस की बीमारी तब उत्पन्न होती है जब एंडोमेट्रियम टिश्यू (Endometrium tissue) गर्भाशय के अंदर एक परत का निर्माण करते है। यह परत धीरे-धीरे बढ़ने लगती है और गर्भाशय के बाहर आ जाती है।
इस बढ़ी हुई परत के कारण अंडाशय एवं महिला के अन्य प्रजनन अंग प्रभावित होने लगते है। इसे ही एंडोमेट्रियोसिस की संज्ञा दी गई है अर्थात एंडोमेट्रियोसिस एक प्रकार का प्रजनन विकार है।
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एंडोमेट्रियम परत (Endometrium layer) की परत की वजह से महिलाओं में माहवारी के समय अधिक मात्रा में ब्लाडिंग होती है और साथ में अत्यधिक दर्द भी होता है। एंडोमेट्रियोसिस को निःसंतानता का सबसे बड़ा कारण भी माना जाता है।
Endometriosis Ayurvedic treatment बिना किसी साइड इफैक्ट के किया जाता है।
वैश्विक स्तर के आंकड़ो की बात करें तो दुनिया भर में 200 मिलियन महिलाएं एंडोमेट्रियोसिस की बीमारी से पीड़ित है। महिलाओं में 30-50% निःसंतानता का कारण एंडोमेट्रियोसिस को ही माना जाता है। निःसंतानता का यह दूसरा सबसे बड़ा कारण है।
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एंडोमेट्रियोसिस के कारण – Endometriosis ke karan
- अनियमति मासिकधर्म
- दर्द युक्त माहवारी
- पेल्विक पेन
- कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता
- सर्जरी
एंडोमेट्रियोसिस के टेस्ट – Endometriosis Test In Hindi
- ब्लड टेस्ट (Blood test)
- पेल्विक परीक्षण (pelvic test)
- अल्ट्रासाउंड (ultrasound)
एंडोमेट्रियोसिस में क्या खाना चाहिए – Endometriosis me kya khana chahiye
- फल सब्ज़ियाँ एवं साबुत अनाज ।
- बादाम तथा सूखे मेवे।
- संतुलित भोजन
- दूध,दही एवं दुग्ध उत्पाद।
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एंडोमेट्रियोसिस का आयुर्वेदिक उपचार – Endometriosis Ayurvedic Treatment in Hindi
आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी बूटियों और दवाओं का उपयोग करके एंडोमेट्रियोसिस का प्रभावी उपचार किया जाता है। एंडोमेट्रियोसिस का आयुर्वेदिक उपचार मरीज की स्थिति के आधार पर किया जाता है।
एंडोमेट्रियोसिस का आयुर्वेदिक उपचार (Endometriosis treatment in ayurveda) में आयुर्वेदिक औषधियां, हर्ब, काढ़ा (क्वाथ) तथा बहुत सारे रसायनों के द्वारा endometriosis की समस्या से निजात पाई जाती है। पंचकर्म थेरेपी भी एंडोमेट्रियोसिस की बीमारी को ठीक करने के लिए एक अच्छा विकल्प है। आयुर्वेदिक चिकित्सक एंडोमेट्रियोसिस की स्थिति के आधार पर आयुर्वेदिक थेरेपी का भी सुझाव देते है।
आयुर्वेद आहार-विहार पर सबसे ज्यादा जोर देते है क्योंकि अधिकतर बीमारियों की जड़ हमारा भोजन तथा जीवन शैली ही होती है। इसलिए एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाओं को अपने खानपान पर बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरुरत होती है।
आयुर्वेद के अनुसार महिलाओं को अपने भोजन में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थो को शामिल करना चाहिए। इसके अलावा हरी सब्जियाँ, पालक एवं एंटीऑक्सीडेंट भोज्य पदार्थो का सेवन जरुर करना चाहिए।
आशा आयुर्वेदा की निःसंतानता विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा एंडोमेट्रियोसिस से निजात पाने के लिए आयुर्वेदिक युक्ति का सुझाव देती है। जिससे एंडोमेट्रियोसिस से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। यदि आपको एंडोमेट्रियोसिस की समस्या है और आप अधिक दर्द का सामना कर रही है तो ऐसे में आप हाइड्रोथेरेपी या हीट का सहारा ले सकती है।
हाइड्रोथेरेपी या हीट के अनुसार गर्म पानी से स्नान करने का नियम है और गर्म पानी को एक बोतल में डालकर पेट के नीचे वाले भाग को जहां पर आपको दर्द या ऐंठन महसूस हो रही है वहां पर ऱखने से दर्द में आराम मिलेगा और कुछ देर बाद दर्द ठीक हो जायेगा।
एंडोमेट्रियोसिस की समस्या को दूर करने के लिए आप कैस्टर ऑयल की पेल्विक मसाज भी कर सकती है। इससे आपको दर्द में राहत मिलेगी। इस सभी के अतिरिक्त आयुर्वेद में कुछ हर्बल सप्लीमेंट तथा योग-प्राणायाम है जो आपको एंडोमेट्रियोसिस की समस्या से छुटकारा दिलाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
डॉ चंचल शर्मा एक सर्टिफाइड फर्टिलिटी एक्सपर्ट कंसल्टेंट हैं। वह आशा आयुर्वेदा में फर्टिलिटी डाइट के साथ जीवन शैली संबंधी विकारों पर मार्गदर्शन प्रदान करती हैं। इस विषय से जुड़ी या अन्य पीसीओएस, ट्यूब ब्लॉकेज, हाइड्रोसालपिनक्स उपचार पर ज्यादा जानकारी चाहते हैं। हमारे डॉक्टर चंचल शर्मा की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाए या हमसे +91 9811773770 संपर्क करें।