दिवाली में अपनयाएं ये आयुर्वेदिक टिप्स और बनाएं अपनी दिवाली को स्वास्थ्यप्रद
दिवाली में अपनयाएं ये आयुर्वेदिक टिप्स: दिवाली का त्यौहार हर वर्ष सर्दियों के शुरुआत में मनाया जाता है जब पुरे देश की आवो हवा बदल जाती है। दिवाली के मौके पर जलने वाले पटाखे से हवा प्रदूषित हो जाती है जिसका असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ता है। इसलिए दिवाली के दौरान आपको अपनी हेल्थ का विशेष ध्यान रखना चाहिए। दिवाली से पहले आपके आस पास की हवा की गुणवत्ता खराब हो जाती है।
दिवाली के समय खासतौर पर राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के शहर की हालत ख़राब हो जाती है। इस प्रदूषित हवा में साँस लेने के कारण लोगों को खांसी, जुकाम और अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिन लोगों को पहले से फेफड़े की समस्या है या साँस लेने में तकलीफ होती है तो उनके लिए इस माहौल जानलेवा भी हो सकता है। ऐसे समय में आप एक स्वस्थ दिवाली मनाने के लिए आयुर्वेदा की वर्षों से चली आ रही है औषधियों पर भरोसा कर सकते हैं। यह आपके स्वास्थ्य की देखभाल करने में मदद करेगा जिससे आप बिना किसी चिंता के इस त्यौहार को पुरे जोश में मना सकते हैं।
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दिवाली कब और क्यूँ मनाई जाती है?
दिवाली के त्यौहार के लिए कोई एक तारीख निश्चित नहीं है बल्कि यह हिंदी महीने के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन दशरथ पुत्र प्रभु श्रीराम लंका पर विजय प्राप्त करके और 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापस लौटे थे। उनके आगमन की ख़ुशी में पुरे अयोध्या नगरी को दुल्हन की तरह सजाया गया था और सभी ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। तभी से यह परम्परा चलती आ रही है।
दिवाली के मौके पर काफी पहले से लोग घर की सफाई और साज सज्जा में लग जाते हैं। शाम को घर के आंगन और दरवाजे पर रंगोली बनाते हैं, लक्ष्मी गणेश की पूजा करते हैं और मिठाइयां भी खाते हैं। माता लक्ष्मी को धन और वैभव प्रदान करने वाली माना जाता है इसलिए इस दिन उनकी उपासना करने से धन आरोग्य और समृद्धि में बढ़ोतरी होती है। लेकिन इस दौरान प्रदुषण के बढ़ते स्तर को ध्यान में रखते हुए आप इन आयुर्वेदिक टिप्स को अपना सकते हैं :
आयुर्वेदा के अनुसार ऐसे मौसम में रोगों से अपना बचाव करने के लिए आप आयुर्वेदिक जड़ी बूटी का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह परम्परा सदियों से हमारे देश में चलती आ रही है जिसमे प्राकृतिक रूप से प्राप्त औषधियों का इस्तेमाल करके आप अपनी दिवाली को स्वस्थ और खुशहाल बना सकते हैं।
नस्य
आप अपने नाक और नाभि में डालने के लिए घी, औषधीय तेल, का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है जो दिवाली के समय आपके त्यौहार की रंगत बनाये रखता है और आपके शरीर को स्वस्थ रखता है। यह आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति की एक पुरानी तकनीक है जिसका नियमित इस्तेमाल आपको स्वस्थ रखता है।
हल्दी
आप बदलते मौसम में होने वाले रोगों से बचने के लिए हल्दी वाला दूध या दूध में गुड़ मिलाकर पी सकते हैं। अगर आपको सर्दी, जुकाम, बुखार या किसी प्रकार की एलर्जी है तो यह हल्दी वाला दूध आपके लिए बहुत ही लाभदायक साबित हो सकता हैं। जिनको गले की समस्या या खांसी है वो रोजाना सुबह गर्म पानी में हल्दी डालकर गरारे करें यह उनके लिए बेहद उपयोगी होगा। क्यूंकि हल्दी में एंटीबैक्टीरियल और एंटी वायरल गुण मौजूद होते हैं जो आपको ऐसे मौसम में इन्फेक्शन से बचाता है।
काढ़ा पियें
दिवाली के समय जब हल्की हलकी ठण्ड होने लगती है तब अक्सर लोगों को बंद नाक, सर्दी, जुकाम, गले की दिक्कत आदि होनी शुरू हो जाती है ऐसे में अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाये रखने के साथ ही इन सब रोगों से छुटकारा पाने के लिए आप अदरक, हल्दी, काली मिर्च, गुड़, तुलसी और गिलोय आदि का उपयोग करके एक बेहतरीन काढ़ा तैयार कर सकती हैं जो आपकी सेहत के लिए काफी अच्छा होगा।
योग करें
इस बदलते मौसम में योगाभ्यास द्वारा भी आप अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की सुरक्षा कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपनी दिनचर्या में अनुलोम – विलोम, कपाल भरती, जैसे योगासन को शामिल करने की जरुरत है। इससे आपके शरीर में ऑक्सीजन का फ्लो बढ़ेगा और आप स्वस्थ महसूस करेंगे।
पौष्टिक आहार का सेवन करें
दिवाली के समय होने वाले स्वास्थ्य क्षति से बचने के लिए आप त्योहारों के दौरान बाहर का अनहेल्दी खाना छोड़कर घर का बना हुआ पौष्टिक आहार का सेवन करें। आयुर्वेदा के अनुसार एक व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए पूर्णतः प्राकृतिक आहार का सेवन करना चाहिए। मार्किट में मिलने वाले प्रोसेस्ड फ़ूड आइटम्स में एडेड शुगर और प्रिजर्वेटिव्स होते हैं जो आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। मीठे के अधिक सेवन से आपका वजन भी बढ़ सकता है। आप चाहें तो ऐसी मिठाइयों की जगह घर में बनी हुयी गुड़ की मिठाइयों का इस्तेमाल कर सकते हैं। नमकीन की जगह आप पौष्टिक विकल्प के रूप में मखाना, साबुत अनाज और बीजों से बने स्नैक्स का उपयोग कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
दिवाली मनाते समय इस बात का ध्यान रखें की ज्यादा शोर और धुआं वाले पटाखों का इस्तेमाल ना करें। आप प्रदुषण मुक्त दिवाली मनाने के लिए बिजली वाले लाइट्स की जगह मिटटी के दिए और मोमबत्ती आदि का उपयोग कर सकते हैं।
दिवाली के दौरान साफ़ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। इसलिए आप स्वच्छ दीपावली मनाने के लिए ना सिर्फ घर की बल्कि अपने आस पास के वातावरण की स्वछता का भी ख्याल रखें। कोशिश करें कि हरित दिवाली मनाएं।
दिवाली के दौरान शराब या अन्य नशीली पदार्थों से दूर रहें, घर में वाद विवाद से परहेज करें।
इस वर्ष दिवाली के लिए दो शुभ मुहूर्त हैं जिनमे से एक 31 अक्टूबर 2024 को शाम 5 बजकर 36 मिनट से 8 बजकर 11 मिनट तक है। वहीँ व्यापारियों के लिए शुभ मुहूर्त 1 नवम्बर को दोपहर 12 बजकर 55 मिनट से 3 बजकर 10 मिनट तक होगा।