गर्भनाल की समस्या और समाधान – Umbilical Cord in Hindi प्रेगनेंसी के दौरान गर्भनाल महिला के शरीर का सबसे अहम अंग होता है। एक गर्भनाल महिला और बच्चे को जोड़े रखती है। इसका काम बच्चे को पोषण और सुरक्षा देने का है। बच्चा इसी के सहारे मां के पेट में जिंदा रहता है। प्रेगनेंसी के दौरान गर्भनाल अपनी जगह बदलती रहती है। हालांकि, प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में यह यूटरस के निचले हिस्से में स्थित हो सकती है। लेकिन जैसे-जैसे प्रेगनेंसी के दिन बढ़ते जाते है, गर्भनाल (Umbilical Cord) यूटरस (Uterus) के ऊपरी हिस्से में पहुंच जाती है। कई बार…
लिकोरिया सफेद पानी की समस्या, लक्षण और उपचार : White Discharge in Hindi आजकल की खराब जीवनशैली में महिलाओं को कई तरह की बिमारियां हो रही है। उन्हीं बिमारियों में से वाइट डिस्चार्ज या सफेद पानी की समस्या एक है। हर दस महिला में से एक महिला को इस समस्या से जुझना पड़ता है। भारत में 70 प्रतिशत महिलाओं को 18 से 30 की उम्र में सफेद पानी की समस्या हो जाती है। वहीं 30 प्रतिशत मामलों में लड़कियों को किशोर अवस्था मे ही सफेद पानी की समस्या देखने को मिलती है। आज इन्हीं समस्या पर प्रकाश डालने के लिए…
बेहतर प्रजनन क्षमता के लिए सही आहार का सेवन जरूरी: डॉ चंचल शर्मा यदि आप गर्भवती होने की योजना बना रही हैं, तो स्वस्थ, संतुलित आहार खाने से आपको गर्भावस्था के दौरान अच्छी तरह से रहने और आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए अच्छा रहने में मदद मिलेगी। आप जो खाते हैं वह आपके गर्भवती होने की संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है, क्योंकि आहार को अन्य कारकों से अलग करना कठिन है। हम यह जानते हैं कि गर्भवती होने के लिए सबसे अच्छे खाद्य पदार्थ वही हैं जो सामान्य स्वास्थ्य के लिए हैं: साबुत अनाज, स्वस्थ वसा और प्रोटीन।…
योग के माध्यम से करे महिला (निःसंतानता ) बाँझपन का इलाज | Fertility Yoga in Hindi शरीर, मन और आत्मा को एक साथ जोड़ने के लिए एक विशेष प्रक्रिया को योग कहा जाता है। योग आपके मन और शरीर दोनों के लिए बहुत सारे लाभ देता हैं। यह लचीलेपन और ताकत में सुधार भी करता है। साथ ही यह दिमागीपन को बढ़ावा देता है और तनाव मुक्त कर महिला एवं पुरुष की फर्टिलिटी में सुधार (Fertility Yoga in Hindi) कर बांझपन से छुटकारा भी दिलाता है। बांझपन पुरुषों और महिलाओं के शरीर, भावनाओं और रिश्तों पर भारी असर डालता है।…
लो एएमएच (Low AMH) क्या होता है? और योग के द्वारा इसको कैसे ठीक किया जाता है महिलाओं के लिए उम्र के साथ प्रजनन क्षमता और एएमएच का स्तर होना, बच्चे पैदा करना महत्वपूर्ण होता है। 30 साल की उम्र से पहले गर्भावस्था की योजना बनाना सबसे अच्छा है लेकिन अगर किसी कारण से यह संभव नहीं है तो लो एएमएच की जांच करके प्रजनन क्षमता का निदान करने की सलाह दी जाती है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एक बच्चे को गर्भ धारण करने में एक महिला की उम्र सबसे महत्वपूर्ण कारक है। एएमएच लेवल क्या है? – AMH…
योग अपनाओं जिन्दगी को बेहतर बनाओं योग केवल आसन नही है इसमें है संपूर्ण जीवन जीने की कला योग न केवल आसन है बल्कि शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने का एक बहुत ही प्राचीन तरीका है। हर वर्ष योग के महत्व को बताने के लिए और लोगों को योग के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए हर वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) मनाया जाता है।प्रतिवर्ष योग दिवस की एक विशेष थीम भी होती है। उसी प्रकार वर्ष 2022 में भी एक थीम निर्धारित की गई है। जिनका नाम है मानवता के लिए योग (Yoga…
जून माह के साथ ताजा फलों की शुरुआत | Fresh fruits of June in Hindi जून माह को ताजा फल और सब्जियों का माह मान जाता है । और हर कोई इस माह को ताजा फल तथा सब्जी उत्सव के रुप में बड़े उत्साह के साथ सेलिब्रेट भी करता है। दिल्ली में हर वर्ष राष्ट्रीय आम महोत्सव भी मनाया जाता है। इस आम उत्सव का उद्देश्य फलों लोगों में फलों के प्रति लगाव पैदा करना और उनका अधिक से अधिक सेवन करना है। डॉ चंचल शर्मा के अनुसार ग्रीष्म ऋतु में वातदोष की प्रधानता (अधिकता) होती है। ग्रीष्म ऋतु उत्तरायण काल…
प्रेगनेंसी के पहले तीन महीनों में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं – डॉ चंचल शर्मा | Pregnancy First Trimester Diet Chart in Hindi आज के इस विशेष अंक में गर्भवती महिलाओं के लिए लेख के माध्यम से प्रस्तुत है डॉ चंचल शर्मा की विशेष वार्ता। जिसमें उन्होंने बताया है। कि गर्भधारण करने के बाद महिलाओं के क्या खाना चाहिए (प्रेगनेंसी के लिए डाइट) और क्या नही खाना चाहिए । जिससे उनकी होने वाली संतान की सेहत बेहतर हो । आशा आयुर्वेदा में आने वाली अधिकांश महिलाओं के डॉ चंचल शर्मा से यही सवाल होते है। कि हमने गर्भधारण कर…
प्रेगनेंसी डाइट चार्ट – डॉ चंचल शर्मा | Pregnancy Diet chart in Hindi (Pregnancy Diet chart) स्वस्थ आहार गर्भवती माँ और गर्भस्थशिशु दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। क्योंकि गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला जो खाती और पीती है वह उसके बच्चे के पोषण का मुख्य स्रोत है। आशा आयुर्वेदा के डाइट विशेषज्ञ सलाह देते हैं। कि होने वाली मां के आहार में विभिन्न प्रकार के स्वस्थ खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ शामिल होने चाहिए। ताकि बच्चे के विकास के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्रदान किए जा सकें। यहां स्वस्थ गर्भावस्था आहार (Pregnancy Diet chart) के बारे में कुछ सुझाव दिए…