बढ़ते प्रदूषण से आयुर्वेद कैसे बचा सकता है ? हर वर्ष नवंबर और दिसंबर के मध्य दिवाली के बाद दिल्ली सहित पूरे देश में वायु गुणवत्ता “खतरनाक” श्रेणी में दर्ज की है। इसलिए आयुर्वेदिक विशेषज्ञों द्वारा यह सलाह दी जाती है। कि आप प्रदूषकों के संपर्क को कम करें और आयुर्वेद जड़ी बूटियों के प्रयोग से अपने स्वसन तंत्र को मजबूत करें। आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां और कुछ काढ़े (क्वाथ) हैं। जो न केवल फेफड़ों के अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करते हैं । बल्कि सांस की बीमारियों को भी दूर रखते हैं। पराली जलाने के कारण दिल्ली में प्रदूषण का स्तर पहले…
सावन माह को भगवान भोने नाथ की आराधना का माह माना जाता है। इसके बाद आता है भगवान शिव के पुत्र गणेश जी की आराधना का माह भाद्रपद है । वर्ष 2021 में 10 सितम्बर को भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की गणेश चतुर्थी है । यह गणेश उत्सव का प्रथम दिन होता है, जो पूरे 10 दिनों तक धूमधाम के साथ पूरे देश में मनाया जाता है। परंतु दक्षिण भारत में विशेष रुप से मनाने की वर्षों पुरानी प्रथा है। भगवान गणेश देवों में प्रथम पूज्य और विध्यहर्ता माना जाता है। गणेश जी हर प्रकार की बाधा का निवारण…
प्रत्येक राष्ट्र का भविष्य उसके वहां की बाल पीढ़ी पर ही निर्भर होता है। असल में देखा जायें तो किसी राष्ट्र के वन, खनिज, संपदा इत्यादि सभी देश की यथार्थ संपत्ति नही होती है। परंतु ऋषि परंपरा वाले इस महान देश भारत में दिव्य संस्कारों से संपन्न तेजस्वी संतानों को देश की सच्ची संपत्ति माना गया है। भारत मेें उत्पन्न हुई संतानेे जैसे – श्रीराम, श्रीकृष्ण, विवेकानंद, बौद्ध, रविन्द्रनाथ, महात्मा गांधी इत्यादि । इन सभी महान पुरुषों में दिव्य गुणों के दर्शन होते है। इन महान व्यक्तित्व वाले पुरुषों में कहीं न कहीं ऐसे संस्कारों का प्रदुर्भाव था। जो इन…
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम या पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज (पीसीओएस) एक आम स्वास्थ्य समस्या है जो किशोर लड़कियों और युवा महिलाओं को प्रभावित कर सकती है। यह अनियमित मासिक धर्म का कारण बन सकती है, मासिक धर्म को भारी बना सकती है या यहां तक कि मासिक धर्म को रोक भी सकती है। इससे लड़की के अतिरिक्त बाल और मुंहासे भी हो सकते हैं। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) में क्या होता है? पीसीओएस में एण्ड्रोजन की अधिक मात्रा अंडे के विकास और रिलीज में बाधा उत्पन्न कर सकती है। अंडे के परिपक्व होने के बजाय, कभी-कभी सिस्ट (तरल से भरी छोटी थैली)…
ओवेरियन सिस्ट आमतौर पर द्रव से भरी गांठ होती है जो किसी महिला के जीवन में किसी भी समय एक या दोनों अंडाशय पर हो सकती है। कभी-कभी वे ठोस होती हैं, यदि ऐसा है, तो उन्हें ट्यूमर माना जाता है, जिसे चिकित्सा की भाषा मेें अंडाशय में सजून के नाम से भी जाना जाता है। डॉक्टरों द्वारा जांच के दौरान यदि अंडाशय में सिस्ट की जानकारी प्राप्त होती है। तो कभी-कभी, दर्द या सूजन का कारण बन सकती हैं, और उन्हें तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता होती है। क्योंकि सिस्ट घातक (यानी कैंसरयुक्त) हो सकते हैं, उनका जल्द से…
क्यों होती है पीसीओडी की समस्या? भागदौड़ भारी जिन्दगी में लोगों के पास तो अब इतना भी समय नही बचा है कि चैन से खाना खा लें। हर के लिए सेहत का ख्याल रखना बहुत जरुरी होता है महिला या फिर पुरुष । हर किसी को समय पर खाना और खाना अच्छी दिन चर्या के प्रमुख नियम बतायें गये है परंतु आज कल तो सारे नियम धरे के धरे रह जाते है । ऐसे में महिलाओं की लाइफ स्टाइल तो इतनी ज्यादा प्रभावित होती है कि उनको न अपने स्वास्थ्य का ख्याल रह जाता है और न ही खानेपीने का…
निःसंतानता भारत छोड़ो अभियान क्या है? निःसंतानता भारत छोड़ो अभियान की शुरुआत आशा आयुर्वेदा की स्थापान के साथ ही हुई थी, जो अब पूरी तरीके से फलीभूत हो रहा है। यह एक अभियान है जिसका लक्ष्य भारत से निःसंतानता को समाप्त करना है। निःसंतानता भारत छोड़ो अभियान सही मायने में भारत में बढ़ रही इनफर्टिलिटी दर को कम करना है। आज हर 10 में से एक महिला अर्थात 10 प्रतिशत महिलाएं बांझपन की बीमारी का शिकार हो रही है। यह दर दिनप्रति-दिन बढ़ती ही जा रही है। बांझपन की समस्या को दूर करने के लिए यदि समय रहते हुए कड़े…
Black Fungus Infection – क्या ब्लैक फंगस का खतरा गर्भवती महिलाओं में भी हो सकता है ? कोरोना की दूसरी लहर जैसे-जैसे समाप्ति की ओर बढ़ रही है वैसे-वैसे ब्लैक फंगर का खतरा गर्भवती महिलाओं एवं शिशुओं में अधिक देखने को मिल रहा है। ब्लैक फंगस का खतरा कोरोना से स्वस्थ हुए मरीजों एवं गर्भवती महिलाओं में अधिक देखने को मिल रहा है। ब्लैक फंगस से कोरोना संक्रमित मरीजों की मृत्यु दर 50% है अर्थात आधे मरीज ही ब्लैक फंगस को चुनौती देकर ही रिकवर हो रहे है। क्या है ब्लैक फंगस (Black Fungus Infection) और क्यों यह गर्भवती महिलाओं…
एलोपैथिक और आयुर्वेदिक कौन सी चिकित्सा बेहतर है – Which is Better Ayurveda and Allopathy in Hindi COVID-19 महामारी के बीच, चल रहे चिकित्सा उपचार के दो तरीकों – एलोपैथिक और आयुर्वेदिक पर एक नई बहस शुरू हो गई है। सवाल यह है कि दोनों में से कौन सी तकनीक अधिक प्रभावी है। आशा आयुर्वेदा की निःसंतानता विशेषज्ञ ने दोनो चिकित्सा प्रणालियों, उनके इतिहास और उनकी प्रभावशीलता पर सदियों पुराने संघर्ष के बारे में बताया। एलोपैथिक और आयुर्वेदिक के बीच यह टकराव बहुत पुराना है। ऐसा माना जाता है कि भारत में आधुनिक चिकित्सा यानी एलोपैथिक का इस्तेमाल 16वीं सदी…