स्टिल बर्थ किसे कहते है ? – What is Still Birth in Hindi स्टिलबर्थ को आयुर्वेद में अंतर्गर्भाशयी भ्रूण मृत्यु भी कहा जाता है है। स्टिलबर्थ को अक्सर गर्भावस्था के नुकसान के रूप में परिभाषित किया जाता है। जो गर्भावस्था के 20 वें सप्ताह के बाद होता है। 20 सप्ताह से पहले होने वाली गर्भ की घटना को आमतौर पर गर्भपात माना जाता है। दुर्भाग्य से, stillbirth काफी सामान्य है। जो लगभग 160 गर्भधारण में से 1 में होता है। सीधे तौर पर कहें तो प्रेगनेंसी की 20 सप्ताह पूर्ण होने पर यदि बच्चा पेट में ही मर जाता है।…
Ectopic pregnancy – एक्टोपिक प्रेगनेंसी, लक्षण और कारण एक्टोपिक प्रेगनेंसी तब होती है जब एक निषेचित अंडा (fertilized egg) गर्भ के बाहर खुद को प्रत्यारोपित (implanted) करता है। आमतौर पर फैलोपियन ट्यूब में से एक में। इसका मतलब है कि भ्रूण एक बच्चे के रूप में विकसित नहीं हो पाएगा क्योंकि फैलोपियन ट्यूब बढ़ते भ्रूण को सहारा देने के लिए पर्याप्त नहीं है। कुछ मामलों में एक्टोपिक प्रेगनेंसी में कोई ध्यान देने योग्य लक्षण नहीं होते हैं और केवल नियमित गर्भावस्था परीक्षण (routine pregnancy test) के दौरान ही पता लगाया जाता है। हालांकि, ज्यादातर महिलाओं में लक्षण होते हैं। और…
कौन सी फैलोपियन ट्यूब प्रजनन क्षमता बढ़ाने में मदद करती हैं? महिलाओं में प्रजनन प्रक्रिया को पूर्ण करने में दोनों ही फैलोपिनयन ट्यूब का बराबर का महत्व होता है। परंतु कई बार ऐसा होता है। कि यदि महिला की एक ट्यूब बंद है। तो ऐसे में महिला एक ट्यूब में भी गर्भधारण कर सकती है। परंतु कंसीव करने की क्षमता 50 प्रतिशत तक कम हो जातीहै। कई बार ऐसा भी हो जाती है। कि सर्जरी के दौरान महिला की एक ट्यूब निकल देते है। ऐसा इसलिए करना पड़ सकता है। क्योंकि यदि ट्यूब में किसी प्रकार का कोई संक्रमण हुआ…
गर्भनाल की समस्या और समाधान – Umbilical cord in Hindi गर्भनाल (Umbilical cord) एक संकीर्ण ट्यूब जैसी संरचना है जो विकासशील बच्चे को नाल से जोड़ती है। गर्भनाल को कभी-कभी बच्चे की “आपूर्ति रेखा” कहा जाता है। क्योंकि यह बच्चे के रक्त को बच्चे और नाल के बीच आगे-पीछे करती है। यह बच्चे को पोषक तत्व और ऑक्सीजन पहुंचाता है और बच्चे के अपशिष्ट उत्पादों को निकालता है। गर्भवस्था में कैसे काम करती है गर्भनाल – umbilical cord work during pregnancy in Hindi गर्भाधान के 5 सप्ताह बाद गर्भनाल बनना शुरू हो जाती है। यह गर्भावस्था के 28 सप्ताह तक…
प्रेगनेंसी होने के लिए HCG Hormone क्यों है जरूरी ? प्रेगनेंसी के हार्मोन आपके महिलाओं के शरीर को जन्म के लिए तैयार करते हैं और आपके बच्चे के विकास में मदद करते हैं। एचसीजी वह हार्मोन है जो आपके महिला शरीर के बाकी हिस्सों को बताता है कि आप गर्भवती हैं। एचसीजी हार्मोन मॉर्निंग सिकनेस को बढ़ाता है। और यह अधिक तीव्र उल्टी और मतली के साथ सहसंबद्ध होते हैं ।एचसीजी महत्वपूर्ण कार्य: एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन बढ़ाना होता है। ताकि वे बच्चे को विकसित करने के लिए अपनी भूमिका निभा सकें। इसलिए प्रेगनेंसी के लिए HCG Hormone जरुरी…
फायब्रोइड या रसौली कैसे मातृत्व सुख में बन सकता है रुकावट प्रजनन उम्र की अधिकांश महिलाओं के गर्भाशय में रसौली (फायब्रोइड) होती है। ऐसे में इन सभी महिलाओं के मन में प्रश्न उठता है। कि यदि गर्भाशय में रसौली हो जाती है तो क्या उनके मातृत्व सुख में रुकावट आ सकती है? या फिर रसौली होने पर माँ बनने की कितनी संभावना होती है? महिलाओं के गर्भाशय में फाइब्रॉएड ट्यूमर होते हैं। जो गर्भाशय की दीवारों में या प्रजनन क्षेत्र में विकसित होते हैं। और यह सामान्य होते है परंतु यह आम तौर पर कैंसर नहीं होते हैं। गर्भाशय में…
गर्भाशय ग्रीवा (cervix) की सूजन से बढ़ सकता है बांझपन का खतरा गर्भाशयग्रीवा की सूजन बहुत आम है। यह अनुमान लगाया गया है कि सभी वयस्क महिलाओं में से आधे से अधिक को किसी न किसी समय गर्भाशयग्रीवा की सूजन की समस्या होती है। जिन महिलाओं को यौन संचारित रोग हुए हैं, या जिनके अधिक साथी हैं जिन्हें यौन संचारित रोग हुए हैं, उनमें भी गर्भाशयग्रीवा की सूजन का खतरा अधिक होता है। गर्भाशयग्रीवा की सूजन बांझपन के खतरे को बढ़ा सकती है। गर्भाशयग्रीवा में सूजन होने पर इसमें अक्सर लक्षण दिखाई नही देते है। लेकिन, गर्भाशयग्रीवा में सूजन होती…
ऋतु परिवर्तन प्रेगनेंसी को कैसे प्रभावित कर सकती है ? कैसे करें बचाव गर्भवती होना एक महिला के जीवन की सबसे रोमांचक और आनंददायक घटनाओं में से एक है। अब सर्दियों की शुरुआत हो चुकी है और करीब एक महीने से ज्यादा का समय भी हो चुका है। ऐसे में बहुत सारी गर्भवती महिलाओं के मन में सवाल आते हैं। कि क्या मौसम का बदलाव हमारी प्रेगनेंसी को प्रभावित कर सकता है। तो यह बात सच है क्योंकि आुयुर्वेद के अनुसार ऋतु परिवर्तन महिलाओं की प्रेगनेंसी को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में कुछ आयुर्वेद एवं घरेलू उपचार को अपनाकर…
महिलाओं को गर्भवती होने के लिए हार्मोनल संतुलन क्यों आवश्यक है? एएमएच हार्मोन महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण हार्मोन में से एक है। प्रजनन समस्याएं अक्सर इसके असंतुलन से सीधे जुड़ी होती हैं। एएमएच एंटी मुलेरियन हार्मोन का संक्षिप्त नाम है। एएमएच एक ग्लाइकोप्रोटीन रसायन है। जो महिला भ्रूण के जीवन के साथ-साथ वयस्क प्रजनन स्वास्थ्य में भी महत्वपूर्ण कार्य करता है। रक्त में एएमएच का स्तर डॉक्टरों को आपकी प्रजनन क्षमता के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को समझने में मदद करता है। गर्भवती होने, गर्भधारण करने और स्वस्थ बच्चा पैदा करने के लिए हार्मोनल संतुलन आवश्यक है। हार्मोनल असंतुलन…