प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) के लक्षण, कारण और उपचार – PMS Causes, Symptoms and Ayurvedic Treatment in Hindi प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान होने वाले लक्षणों का एक संयोजन है जो कई महिलाओं को पीरियड्स से लगभग एक या दो सप्ताह पहले होता है। 90% से अधिक महिलाओं का कहना है कि उन्हें मासिक धर्म से पहले के कुछ लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे कि सूजन, सिरदर्द और स्वभाव में बदलाव देखने को मिलता है। कुछ महिलाओं के लिए, ये लक्षण इतने गंभीर हो सकते हैं कि वे काम या ऑफिस जैसे महत्वपूर्ण कार्य पीरियड़्स के दौरान…
बच्चेदानी में गांठ या रसौली भी बन सकती है माँ बनने में परेशानी प्रजनन उम्र की महिलाों में आज की खराब जीवनशैली के चलते कुछ न कुछ परेशानी जरुर देखने को मिल रही है। बच्चेदानी में गांठ या फिर रसौली भी प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ी एक समस्या है, जो महिलाओं में Infertility की समस्या खड़ी हो सकती है। अधिकांश महिलाएं तो इसको कैंसर तक समझ बैठती है परंतु यह ऐसा बिल्कुल भी नही है। परंतु हां 1 प्रतिशत से कम केशों में देखने को मिल भी सकता है। कितनी महिलाएं बच्चेदानी में गांठ या रसौली का सामना कर रही हैंं…
डॉ चंचल शर्मा से जानिए PCOS / PCOD को आयुर्वेदिक उपचार से कैसे ठीक करें आशा आयुर्वेदा की निःसंतानता विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा कहती है कि आज के समय में महिलाओं एवं युवतियों की जीवनशैलीऔर और खानपान बहुत ज्यादा प्रभावित हो चुका है। जिसके कारण उनके शरीर के हार्मोन इम्बैलेंस होने लगे है। हार्मोन असंतुलन हो जाने के कारण पीसीओडी जैसी बीमारी होना एक आम बात हो चुकी है। कुछ समय पहले पीसीओडी की समस्या अधिक उम्र अर्थात जिन महिलाओं की उम्र 35 से 40 वर्ष के बीच होती है उनमें देखने को मिलती थी परंतु अब तो यह है…
महिलाओं में पीरियड्स की समस्या आजकल लगभग आम हो गई है। जब लड़की 13 से 14 साल की होती है। तब से ही पीरियड्स आना शुरू हो जाते हैं। पीरियड्स की अवधि 21 से 35 दिनों के भीतर होती है। अगर मासिक धर्म 21 दिन से पहले या 35 दिन बाद आता है। तो इसे अनियमित माहवारी कहते हैं। महिलाओं को साल में 11 से 13 बार पीरियड्स होने चाहिए जो एक सामान्य प्रक्रिया है। कई महिलाओं को साल में सिर्फ 6 से 7 बार ही पीरियड्स आते हैं। महिलाओं को महामारी की समस्या है। जिन महिलाओं को पीरियड्स की…
अनियमित मासिक धर्म चक्र के कई कारण होते हैं। उनमें से ज्यादातर आज युवा महिलाएं हैं। इसका मुख्य कारण पीसीओडी है। हम समय-समय पर पढ़ते हैं कि इस समस्या को बढ़ावा देने वाले कई कारक हैं जैसे हार्मोनल समस्या, मोटापा, थायराइड, बदली हुई खाने की आदतें। कारण का पता लगाने और उचित उपचार प्राप्त करने के लिए डॉक्टर के पास जाना महत्वपूर्ण है। आइए देखें कि कैसे हम अपनी जीवन शैली में बदलाव लाकर इससे बच सकते हैं और इसे रोक सकते हैं। मासिक धर्म, जो यौवन से नियमित होता है, कुछ महीनों के बाद अनियमित हो जाता है। मासिक…
PCOS/PCOD से ग्रसित महिलाओं के लिए गर्भावस्था मुश्किल हो सकती है। कुछ महिलाएं ऐसी भी है हैं जो प्रेग्नेंट नहीं हो पाती हैं, चाहे वे कितनी भी कोशिश कर लें। गर्भावस्था के कई पक्ष और विपक्ष हैं। इसके पीछे अच्छे खान-पान से लेकर स्ट्रेस फ्री मूड तक है। ये ऐसी चीजें हैं जो पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित और प्रभावित करती हैं। गर्भावस्था तभी हो सकती है जब महिला को पीसीओडी या PCOS/PCOD से छुटकारा मिल जायें। एक स्वस्थ गर्भावस्था के लिए महिला एवं पुरुष शरीर का स्वस्थ होना बहुत जरुरी है। तभी आप गर्भधारण करने में सफल होगीं। …
पीसीओडी इन दिनों किशोर महिलाओं में तेजी से बढ़ रहा है। पीसीओडी की उपस्थिति का पता निम्नलिखित प्रमुख लक्षणों से लगाया जा सकता है – मासिक धर्म संबंधी विकार अनचाहे स्थानों पर बाल उगना मुँहासे की उपस्थिति मोटापा एक और लक्षण है। गर्दन के पिछले हिस्से पर, खोपड़ी जैसे क्षेत्र त्वचा पर काली धारियों के रूप में दिखाई देते हैं। इसे एसेंथोसिस निगरिकन्स कहते हैं। यह इंसुलिन प्रतिरोध की अभिव्यक्ति है। (ये भी पढ़े – पीसीओएस/पीसीओडी का आयुर्वेदिक उपचार || पीरियड में एक्सरसाइज करनी चाहिए या नहीं) माना जाता है कि चेहरे पर अनचाहे बालों के बढ़ने के कारण फेमिनिन लुक होता है।…
यौवन में सामान्य स्त्रीरोग संबंधी रोग एक ऐसी समस्या है जिससे इस उम्र में लड़कियों के माता-पिता आज बहुत चिंतित हैं। यौवन एक बहुत ही संवेदनशील अवधि है, शरीर में कई स्पष्ट शारीरिक और मनोवैज्ञानिक परिवर्तन होते हैं, इसलिए लड़कियों को स्त्री रोग संबंधी बीमारियों का खतरा होता है, जो बाद में उनके स्वास्थ्य और प्रजनन क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है। युवावस्था के दौरान सामान्य स्त्रीरोग संबंधी रोगों के कारणों, विकृति विज्ञान, रोकथाम और उपचार के बारे में सामान्य जानकारी नीचे दी गई है। स्त्री रोग संबंधी संक्रमण महिलाओं में एक आम बीमारी है, हर महिला को…
पीसीओडी या पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज एक ऐसी समस्या है जिसका सामना आज ज्यादातर महिलाएं करती हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि पीसीओडी 70% महिलाओं में बांझपन का कारण है। पीसीओडी वाले लोगों को अनियमित मासिक धर्म हो सकता है। महिलाओं में पीसीओडी का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। यदि महिलाएं वर्कआउट से दूरी बनाती है और जंकफूड को अपनाती है । तो पीसीओडी की समस्या गंभीर हो सकती है। पीसीओडी में गर्धधारण की कितनी संभावना होती है ? यदि किसी महिला को पीसीओडी की समस्या होती है और ऐसे वह गर्भधारण करने की कोशिस करती है। तो ऐसी…