दिवाली में अपनयाएं ये आयुर्वेदिक टिप्स और बनाएं अपनी दिवाली को स्वास्थ्यप्रद दिवाली में अपनयाएं ये आयुर्वेदिक टिप्स: दिवाली का त्यौहार हर वर्ष सर्दियों के शुरुआत में मनाया जाता है जब पुरे देश की आवो हवा बदल जाती है। दिवाली के मौके पर जलने वाले पटाखे से हवा प्रदूषित हो जाती है जिसका असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ता है। इसलिए दिवाली के दौरान आपको अपनी हेल्थ का विशेष ध्यान रखना चाहिए। दिवाली से पहले आपके आस पास की हवा की गुणवत्ता खराब हो जाती है। दिवाली के समय खासतौर पर राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के शहर की हालत…
आयुर्वेदा के जनक भगवान धन्वंतरि का अवतरण कैसे हुआ? आइये जानते हैं इसकी पूरी कहानी दिवाली से एक दिन पहले धनतेरस मनाने की परंपरा वर्षों से हमारे देश में चलती आ रही है। इसकी कोई तारीख निश्चित नहीं होती है बल्कि हिंदी तिथि के अनुसार यह दिन तय किया जाता है। हिंदी महीने के अनुसार कार्तिक के माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाया जाता है। इस अवसर पर धन की देवी माँ लक्ष्मी और आयुर्वेदा के जनक भगवान् धन्वंतरि की पूजा आराधना की जाती है। इस दिन पूजा के साथ ही लोग सोने चाँदी की खरीददारी…
करवा चौथ व्रत के फायदे और इसका आयुर्वेदिक महत्त्व भारत में उपवास करने की परंपरा प्राचीनकाल से चलती आ रही है। इसके धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक महत्त्व हैं। उपवास करना भारतीय संस्कृति का वह हिस्सा है जिसे आज भी पूजा द्वारा देवताओं को समर्पित करने के रूप में अपनाया जाता है। वैसे तो सभी त्योहारों का अपना अलग महत्त्व होता है लेकिन भारत के लगभग हर हिस्से में मनाया जाने वाला सुहागिनों का महत्वपूर्ण पर्व करवा चौथ का व्रत है। ऐसी मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत महिलाएं अपने पति के लम्बे उम्र के लिए करती हैं। (और पढ़े:…
FREEDOM FROM INFERTILITY – AYURVEDA SPECIALIST DR. CHANCHAL SHARMA इनफर्टिलिटी एक गंभीर समस्या बनकर उभरी है। यह केवल भारत की ही नहीं बल्कि पुरे विश्व की समस्या है। यह किसी भी इंसान को मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक और आर्थिक रूप से इतना कमजोर बना देता है कि उससे निकल पाना उनके लिए एक जटिल समस्या बन जाती है। इनफर्टिलिटी वह अवस्था होती है जब 35 साल से कम उम्र का कोई कपल लगातार एक साल तक असुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाता है लेकिन प्रेगनेंट नहीं हो पाता है। वही 35 साल से ज्यादा के कपल में अगर 6 महीने तक सम्बन्ध बनाने…
होली में कैसे करे त्वचा की देखभाल – Holi Kaise Manate Hain होली रंगों का वह त्यौहार है जिसका नाम सुनते ही मन में रोमांच और उल्लास के बुलबुले फुटने लगते हैं. तरह तरह के पकवानो की सुगंध होली की तैयारी के साथ ही घर में फैलने लगती है और मन ख़ुशी से सराबोर होकर फाल्गुन के रंगों में झूमने लगता। कहीं कजरी तो कही जोगीरा की गूंज सुनाई देने लगती है. हिंदी महीने का इससे बेहतर अंत और नहीं हो सकता है. इस त्यौहार में लोग पुराने सारे गीले सिकवे भूलकर अपने दुश्मन को भी गले से लगाते हैं…
फर्टिलिटी से सम्बंधित सवाल जवाब – डॉ. चंचल शर्मा फर्टिलिटी की समस्या महिला और पुरूष दोनों के लिए एक चिंता का विषय है। गर्भधारण करने से पहले कई दंपत्तियों को प्रजनन संबंधित समस्याएं आती है। गर्भधारण न हो पाने का कारण महिला और पुरूष दोनों में देखने को मिल सकता हैं। अगर कमजोर प्रजनन क्षमता के कारण महिला गर्भधारण नहीं कर पाती है।फर्टिलिटी की समस्या को समझने, निदान व उपचार के लिए मददगार साबित होगा। आज हम इस आर्टिकल में Fertility से रेलेटेड बात करेंगे। ऐसे प्रश्नो के बारे में बात करेंगे जो अकसर पूछे जाते है। ये भी पढ़े –…
जानें केमिकल प्रेगनेंसी के लक्षण, कारण और इलाज- Chemical Pregnancy in Hindi मां बनना हर महिला के लिए एक खूबसूरत एहसास होता है। लेकिन इस खुशी में कई तरीके की बाधा आ जाती है। प्रेगनेंसी, मिसकैरेज, एबॉर्शन, नार्मल डिलीवरी, सी-सेक्शन आदि ऐसे शब्द हैं, जिससे हर कोई वाकिफ है। इन्हीं से मिलता-जुलता शब्द एक मेडिकल टर्म केमिकल प्रेगनेंसी है। आप सोच रहें होंगे की इस बारे में तो कभी पढ़ा या सुना नहीं है। यूं कम लोग इस शब्द से वाकिफ होगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कई बार गर्भपात पीरियड मिस होने से पहले ही हो जाता है?…
कफ दोष क्या है: लक्षण और आयुर्वेदिक उपाय – Kapha Dosha kya hai आयुर्वेद तन मन और आत्मा के बीच संतुलन बनाकर शरीर को स्वास्थ्य रखता है। इस पद्धति में शरीर के तीन दोषों का खास ख्याल रखा जाता है जो कई मुख्य बीमारियों का कारण होता है। यह त्रिदोष के नाम से जाना जाता है जो वात, पित्त और कफ को संतुलित रखता है। शरीर, मन और चेतना की असंतुलित अवस्था को विकृति कहा जाता है। इन्हीं दोषों में से एक दोष कफ कहलाता है जिसके बिगड़ने से शरीर में कई सारी बिमारियां हो सकती है। आयुर्वेद के अनुसार,…
पित्त दोष क्या है : असंतुलित पित्त से होने वाले रोग, लक्षण और आयुर्वेदिक उपाय- Pitta Dosha kya hai हमारे जीवन में जिस तरह सुख और दुख हमेशा लगा रहता है, ठीक उसी तरह कई तरह की बीमारियां भी साथ रहती हैं, जिसमें त्रिदोष भी शामिल है। आयुर्वेद के अनुसार,यह प्राणली ब्रह्मांड के संदर्भ में भावनात्मक प्रकृति और आध्यात्मिक दृष्टिकोण की जांच करती है। इन तीनों दोषों के कारण हमारा शरीर में रोग उत्पन होने लगते है। त्रिदोष के संतुलित होने से हम रोग मुक्त होते है लेकिन असंतुलित होने के कारण अनेकों बीमारियां के घेराव में आ जाते है।…