आज हम लोग इक्कीसवीं सदी में जी रहें है फिर भी कुछ ऐसे मुद्दे है जिन पर खुलकर बात नही कर सकते है । इंसान बहुत आगे निकल चुका है फिर भी हर घर परिवार में कुछ ऐसे मामले होते है जो इसको कांटो की तरह चुभन पैदा करते है। आज भी जब किसी महिला का बांझ जैसे कटु शब्दों का प्रयोग करता है तो यह किसी अभिश्राप से कम नही लगता है। ऐसे में आशा आयुर्वेदा नेे निःसंतानता को जड़ से मिठाने संकल्प लिया है भारत की हर उस विवाहित नारी के लिए जो निःसंतानता जैसी समस्या का सामना…
प्रजनन क्षमता एक ऐसी चीज होती है जिस पर महिला एवं पुरुष तब तक विचार नहीं करते जब तक कि वे सक्रिय रूप से परिवार शुरू करने की कोशिश नहीं कर रहे होते हैं, या कई मामलों में गर्भधारण करने में परेशानी होने के बाद बहुत से दंपति यह नहीं जानते हैं कि सामान्य कामकाजी प्रजनन प्रणाली वाले 29-33 वर्ष की आयु के जोड़ों के पास किसी भी महीने में गर्भधारण करने की केवल 20-25% संभावना होती है। किसी भी लिंग से किसी भी संख्या में बांझपन कारक जोड़ें और उन संभावनाओं में काफी कमी आ सकती है। अगर आपको…
वजन का फर्टिलिटी पर क्या असर पड़ता है – How Does Weight Affect Fertility ज्यादातर लोग जानते हैं कि अधिक वजन या मोटापे से हृदय रोग और मधुमेह जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन बहुत से लोग इस बात से अनजान हैं कि इससे प्रजनन क्षमता (फर्टिलिटी) और स्वस्थ बच्चा होने की संभावना भी कम हो सकती है। यदि आप गर्भवती होने की कोशिश कर रही हैं, या कोशिश करना शुरू करने की योजना बना रही हैं, तो आप स्वस्थ वजन के जितने करीब होंगे, आपके गर्भधारण (गर्भवती होने) और स्वस्थ बच्चे होने की संभावना उतनी ही…
ल्यूकोरिया (श्वेत प्रदर) की समस्या का कारण और आयुर्वेदिक उपाय – Ayurvedic Treatment for Leucorrhoea आज के समय में अधिकांश महिलाओं में सफेद पानी आने की समस्या है। इसके पीछे का कारण है खराब जीवनशैली, खानपान और दिनचर्या। वर्तमान समय में 10 में से 8 महिलाएं सफेद पानी की समस्या से प्रभावित है। सफेद डिस्चार्ज या ल्यूकोरिया की समस्या बहुत सारी महिलाओं को होती है और यह डिस्चार्ज की समस्या मासिक धर्म चक्र की एक विशिष्ट समय अवधि में अधिक होती है और ज्यादातर युवा लड़कियों को इसका सामना करना पड़ता है। अब लड़कियों या महिलाओं को चिंता करने की…
इनफर्टिलिटी को दूर करने के उपाय – Infertility Treatment in Hindi आधुनिक दुनिया में प्रजनन समस्याएं (इनफर्टिलिटी) एक प्रमुख मुद्दा बन गई हैं, 10% से अधिक जोड़ों को इस समस्या से जूझना पड़ता है। चिकित्सा उपचार के लिए डॉक्टर के पास जाने के अलावा, प्राकृतिक प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाले हैं जो आपको तेजी से गर्भवती होने में मदद कर सकते हैं। जीवनशैली और आहार समायोजन स्वाभाविक रूप से प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के सबसे आसान और सर्वोत्तम तरीके हैं, लेकिन गर्भवती होने की संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए बहुत सारे प्राचीन आयुर्वेदिक उपाय हैं। नेचुरल तरीके से प्रजनन क्षमता…
अनियमित पीरियड को कैसे ठीक करें पीसीओएस का लक्षण हो सकता है अनियमित पीरियड। इस बारे में जानें कि अनियमित अवधि क्या होती है और यदि आपको पीसीओएस है तो अनियमित अवधियों को प्रबंधित करने और उनका इलाज करने के विभिन्न तरीकों के बारे में जानें, जिसमें हार्मोनल गर्भनिरोधक, जैसे कि मौखिक गर्भनिरोधक गोली और मेटफार्मिन शामिल हैं। अनियमित पीरियड क्या हैं? हालांकि पीसीओएस वाली कुछ महिलाओं को अनियमित पीरियड भी होते हैं, एण्ड्रोजन के उच्च स्तर (जिसे ‘पुरुष-प्रकार के हार्मोन’ के रूप में भी जाना जाता है) और उनके शरीर में बहुत अधिक इंसुलिन पीसीओएस के साथ कई महिलाओं…
सामान्य पेट दर्द कहीं अंडेदानी का कैंसर तो नहीं – Ovarian cancer: Causes, symptoms, and Treatments in Hindi अंडेदानी का कैंसर (Ovarian cancer) एक प्रकार का कैंसर है जो एक महिला के अंडाशय में शुरू होता है – महिला प्रजनन प्रणाली के छोटे अंग जो अंडे बनाते हैं। इस तरह के कैंसर का पता लगाना मुश्किल हो सकता है क्योंकि यह अक्सर बाद के चरणों तक कोई लक्षण पैदा नहीं करता है। एक बार पता चलने के बाद, किसी भी ट्यूमर को हटाने के लिए डिम्बग्रंथि के कैंसर का कीमोथेरेपी और सर्जरी से इलाज किया जा सकता है। अंडेदानी का…
सी-सेक्शन के बाद पीठ दर्द : कारण और उपचार गर्भावस्था और प्रसव एक महिला के जीवन के सबसे मैजिकल अनुभवों में से हैं, लेकिन यह शरीर के लिए परेशानी भर हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान ज्यादातर महिलाओं को कमर दर्द जैसी कई स्थितियों से जूझना पड़ता है। अब, यह स्थिति ज्यादातर वजन बढ़ने, हार्मोनल परिवर्तन और स्वतंत्र रूप से चलने में असमर्थता के कारण उत्पन्न होती है। गर्भावस्था एक महिला की रीढ़ को भी प्रभावित करती है, और यह सी-सेक्शन के बाद भी पीठ दर्द को जन्म दे सकती है। आमतौर पर पीठ दर्द कई कारणों से हो सकता…
महिलाओ के किन-किन अंगो में हो सकता है टीबी का प्रभाव टीबी अर्थात ट्यूबरक्लोसिस एक संक्रमित बीमारी है जो न केवल फेफड़ो को प्रभावित करती है बल्कि शरीर के अन्य हिस्सो को भी गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। यदि यही टीबी महिलाओं के जननांग को प्रभावति करती है तो महिलाओं को बांझपन जैसी बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। टीबी को आमबोल चाल की भाषा में बहरुपिया (छलिया रोग) भी कहते है। टीबी को बहुरुपिया इसलिए कहा जाता है कि इसके शुरुआती लक्षम आसानी से पता नही चल पाते है और जब यह खतरनाक रुप धारण कर लेता…