आयुर्वेदिक उपचार से गर्भावस्था को बनाए बेहतर – Ayurvedic Treatment for Pregnancy in Hindi आयुर्वेदिक उपचार से गर्भावस्था को बनाए और भी बेहतर माँ बनने की खुशी किसी वरदान से कम नही होती है। माँ बनना एक वरदान के जैसा ही होता है क्यों कि माँ बनने का सपना एक बड़ी तपस्या के बाद पूरा होता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के सामने कई प्रकार की शारीरिक तथा मानसिक चुनौतियाँ होती है, जिनका उन्हें सामना करना पड़ता है। गर्भवस्था के दौरान यदि गर्भवती महिलाएं आयुर्वेदिक नुस्खों को अपना लें तो गर्भावस्था बहुत ही आसान हो जाती है। “गर्भावस्था या प्रेग्नेंसी…
यौन रोग के लक्षण, कारण, इलाज – Ayurvedic Treatment for Sex Problems यौन समस्या, या यौन रोग, यौन प्रतिक्रिया चक्र (Sex Knowledge/ Sex Problems) से अधिकांश महिला या पुरुष परेशान है। जो महिला या पुरुष संतुष्टि का अनुभव करने में असमर्थ होते है उन्हें यौन संबंधित समस्याएं होती है। यौन प्रतिक्रिया चक्र के चार चरण होते हैं: इच्छा (कामेच्छा), उत्तेजना (उत्तेजना), कामोन्माद और संकल्प। पुरुष और महिला दोनों ही इन चरणों का अनुभव करते हैं, हालांकि महिला एवं पुरुष दोनो का समय आमतौर पर अलग-अलग होता है। यह संभावना नहीं है कि दोनों साथी एक ही समय में संभोग सुख…
रजोनिवृति (मीनोपॉज) का आयुर्वेदिक उपचार – Menopause Ayurvedic Treatment in Hindi आयुर्वेद में, मीनोपॉज (menopause) को “रजोनिवृति” के रूप में जाना जाता है, जिसका शाब्दिक अर्थ है “अर्तवा प्रवृत्ति का अंत या अर्तवा वेदना” अर्थात मासिक धर्म का रुक जाना। Menopause Ayurvedic Treatment – चरक संहिता, सुश्रुत संहिता और कई अन्य प्रसिद्ध आयुर्वेदिक शास्त्रों के अनुसार, रजोनिवृत्ति की शुरुआत तब होती है जब मासिक धर्म महिलाओं में लगातार 12 महीनों तक रुकता है और इसके बाद नहीं होता है। रजोनिव्रती को वात दोष की वृद्धि की विशेषता है, जिससे तीनों दोषों- वात, पित्त और कफ में असंतुलन हो जाता है। परिणामस्वरूप “धतु क्षय” या शरीर के ऊतक…
एंडोमेट्रियोसिस का आयुर्वेदिक उपचार – Endometriosis Ayurvedic Treatment in Hindi एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis Treatment) महिलाओं के गर्भाशय में होने वाली एक ऐसी बीमारी है जिससे हर 10 में से 1 महिला ग्रसित है। एंडोमेट्रियोसिस की बीमारी अधिकतर 18 वर्ष से 35 वर्ष की महिलाओं में होती है। एंडोमेट्रियोसिस की बीमारी तब उत्पन्न होती है जब एंडोमेट्रियम टिश्यू (Endometrium tissue) गर्भाशय के अंदर एक परत का निर्माण करते है। यह परत धीरे-धीरे बढ़ने लगती है और गर्भाशय के बाहर आ जाती है। इस बढ़ी हुई परत के कारण अंडाशय एवं महिला के अन्य प्रजनन अंग प्रभावित होने लगते है। इसे ही एंडोमेट्रियोसिस…
डॉक्टर फॉर ट्यूबल ब्लॉकेज ट्रीटमेंट और बेस्ट क्लिनिक – Doctor for Tubal blockage Treatment माँ बनना शायद हर एक स्त्री का ख़्वाब होता है। माँ बनने के बाद ही महिला को संपूर्णता की प्राप्ति होती है। परंतु इस भागदौड़ और खराब खान-पान की वजह से कुछ ऐसी भी महिलाएं है जो इस सुख से दूर होने लगती है क्युकी और उनमे ट्यूबल ब्लॉकेज की समस्या आ जाती है। इसी समस्या के समाधान के लिए बेस्ट डॉक्टर फॉर ट्यूबल ब्लॉकेज मौजूद है। हजारों कोशिशें करने के बाद भी उन्हें माँ बनने की खुशी हासिल नही हो पाती है। माँ नहीं बन…
महिला स्वास्थ्य – Women’s Health in Hindi
महिला बांझपन का आयुर्वेदिक इलाज – Female Infertility Treatment in Ayurveda in Hindi संतान सुख संसार का सबसे बड़ा सुख माना गया है, बिना संतान के जीवन का कोई मायने ही नही होता है। हर दंपत्ति का यही सपना होता है की उसका भी एक हस्ता-खेलता परिवार हो और उसके आंगन में भी बच्चों की किलकारियाँ गूँजे। परंतु कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के चलते कुछ दंपत्ति इस सुख से दूर रह जाते है। जिसकी मुख्य वजह होती है निःसंतानता (बांझपन-इन्फर्टिलिटी) । निःसंतानता को दूर करने में female infertility in ayurveda के लिए एक अच्छा विकल्प है। सामान्य भाषा में निःसंतानता…
विरूपशुक्राणुता टेरैटोज़ोस्पर्मिया (Tretozospremia) का आयुर्वेदिक उपचार
पीरियड क्या है, इसकी समस्या और समाधान – Period kya hai iski samshya aur samadhan जब किसी भी स्त्री को पहली बार मासिक धर्म होता है उसे Manarche या पहला पीरियड कहते हैं। अब हम उम्र की बात करें प्राचीन काल में लगभग 1500 से 2000 वर्ष पूर्व जो महिलाओं का मासिक धर्म होता था वह 16 वर्ष के बाद ही होता था परंतु समय के बदलाव के कारण और खान पान में परिवर्तन के कारण धीरे-धीरे इसकी उम्र घटती गई और यह 8 वर्ष से लेकर 18 वर्ष के बीच होने लगा है। वर्तमान समय की जो लड़कियाँ हैं…