महिला निःसंतानता के घरेलु उपाय – Female Infertility Treatment in Hindi महिला बांझपन (Female Infertility) – शादीशुदा जीवन के बाद लोगों की अक्सर यही चाहत होती है कि उनका भी परिवार हो और उनका वंश भी आगे बढ़े परंतु कुछ आज की भागदौड़ वाली जिंदगी में सभी लोगों की चाहत पूरी नही हो पाती है। आज कुछ घरेलू उपायों के बारे में चर्चा करेंगे जो आपकी फर्टलिटी क्षमता बढ़ाने में सहायक होंगे। गर्भवती होना जीवन का सबसे सुखद पल होता है, परंतु जब यह संभावना कम हो जाती है या या फिर बिल्कुल भी नही होती है तो गर्भ धारण…
गर्भावस्था की तीसरी तिमाही – Third Trimester of Pregnancy Third Trimester of Pregnancy गर्भावस्था की तीसरी तिमाही – के दौरान भ्रूण का विकास तेजी से जारी रहता है। इस दौरान आपका बच्चा अपनी आँखें खोलेगा, अधिक वजन हासिल करेगा, और प्रसव के लिए तैयार होगा। तीसरी तिमाही आपकी गर्भावस्था की अंतिम तिमाही होती है। इस तिमाही के अंत तक आप अपने शिशु से मिलने के लिए उत्सुक होंगी है। गर्भास्था की तीसरी तिमाही की शुरुआत 28 वें सप्ताह से लेकर 40 वें सप्ताह तक होती है। तीसरी तिमाही गर्भवती महिला के लिए काफी चुनौती पूर्ण अवस्था होती है। तीसरी तिमाही…
प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही में आयुर्वेद – Second Trimester of Pregnancy in Ayurveda (Second Trimester of Pregnancy) गर्भवस्था की दूसरी तिमाही – अर्थात 12 या 13 सप्ताह पूर्ण होने के बाद जैसे ही 14 सप्ताह प्रारंभ होता है तो गर्भवती महिला की दूसरी तिमाही (second trimester) शुरु हो जाती है। गर्भवती महिला के गर्भकाल को तीन चरणों में बाँटा गया है। गर्भवती महिला की जब दूसरी तिमाही शुरु होती है तो पहली तिमाही में होने वाली काफी परेशानियों से निजात मिल सकती है। गर्भावस्था की दूसरी तिमाही पहली तिमाही की अपेक्षा सुखद अनुभव देने वाली होती है। इस तिमाही में…
गर्भावस्था की पहली तिमाही – First Trimester of Pregnancy पहली तिमाही (First Trimester of Pregnancy) – आयुर्वेद भारत की एक पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली है जो पूरे व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य को उत्तम बनने का कार्य करती है। आयुर्वेद मन, शरीर और आत्मा तीनों की शुद्धि करता है। वर्तमान में यह काफी सुर्खियों में है, क्योंकि हम में से कई लोग अपने जीवन में अधिक संतुलन और पारंपरिक उपचार की मांग कर रहे हैं। आयुर्वेद की आयु 5,000 वर्ष से अधिक है। आयुर्वेद हमारे स्वास्थ्य और चिकित्सा की सबसे पुरानी प्रणाली है, और यह आज भी व्यापक रूप से प्रचलित है…
निल स्पर्म (Azoospermia) के कारण और आयुर्वेदिक उपचार Azoospermia – निल शुक्राणु या फिर वीर्य में शुक्राणु की कमी यह एक ऐसे शब्द है जोकि किसी निसंतान दंपत्ति के लिए खतरे से कम नहीं है। जब आपको इसके बारे में पता चलता है कि आप नेचुरल तरीके से बच्चे पैदा करने में असमर्थ हैं ऐसा सुनकर एक बहुत बड़ा झटका सा लगता है। जो पुरुष बांझपन की समस्या से परेशान हैं उनमें से 5% ऐसे लोग हैं जो एजूस्पर्मिया की समस्या के कारण बच्चे पैदा नहीं कर सकते है। आयुर्वेद में एजूस्पर्मिया का इलाज पूरी तरह से संभव है। आयुर्वेदिक…
लो एएमएच का आयुर्वेदिक उपाय – LOW AMH Ayurvedic Treatment in Hindi LOW AMH – भारत में इनफर्टिलिटी की समस्या इतनी तेजी से बढ़ रही है कि यह एक चिंता का विषय बन चुका है। इनफर्टिलिटी की समस्या के कई कारण हो सकते है। जिनमें से एक प्रमुख कारण है महिलाओं में अंडे न बनना या फिर बहुत ही कम बनना। जब महिलाओं के अंडाशय में अंडे नही बनते है तो उनके गर्भधारण की संभावना बिल्कुल कम हो जाती है। भारतीय महिलाएं शर्म एवं लज्जा के चलते इस विषय में बात करने से बहुत ज्यादा कतराई है इसलिए वह महिला…
पुरुष बांझपन का आयुर्वेदिक उपचार – Ayurvedic Treatment for Male Infertility in Hindi पुरुष निःसंतानता (Male Infertility) – पति-पत्नी का जीवन बिना संतान के अधूरा माना जाता है। हर दम्पत्ति की चाहत होती है कि उनके घर में भी एक स्वस्थ और सुन्दर बच्चा हो, परंतु शादी के कई वर्ष बीत जाने के बाद भी वह संतान सुख से वंचित रह जाते है। इस प्रकार की समस्या को बांझपन कहते है। यदि यह समस्या महिलाओं में होती है तो उसे महिला बांझपन या महिला निःसंतानता कहते है। जब यह समस्या पुरुषों में देखने को मिलती है तो उसे पुरुष बांझपन…
ओलिगोस्पर्मिया का आयुर्वेदिक उपचार – Oligospermia Ayurvedic Treatment Oligospermia Ayurvedic Treatment ओलिगोस्पर्मिया का आयुर्वेदिक उपचार इसलिए जरुरी है क्योकि, आज के समय में स्पर्म काउंट कम होना एक गंभीर समस्या का विषय बनता जा रहा है। स्पर्म काउंट अर्थात संभोग के दौरान पुरुष से कम स्पर्म निकलना। कम स्पर्म की समस्या को ही Oligospermia कहते है। जिन पुरुषों में ओलिगोस्पर्मिया जैसी परेशानी होती है वह गर्भ स्थापित करने में सक्षम नही हो पाते है और पुरुष बांझपन की समस्या का शिकार हो जाते है। कुछ वर्षों से पुरुषों के वीर्य में काफी गिरावट देखने को मिली है कुछ अध्ययन के…
अस्थानोजोस्पर्मिया का आयुर्वेदिक उपचार – Asthenospremia Treatment in Hindi Asthenospremia Treatment एक प्रकार का पुरुष शुक्राणु में होने वाला विकार है जिसके कारण शुक्राणु की गतिशीलता कमजोर हो जाती है। अस्थानोजोस्पर्मिया से तात्यपर्य है कि जब पुरुष संबंध के बाद स्खलित होता है उस दौरान उसके वीर्य के शुक्राणुओं की गति में कमी पाई जाती है। इसी समस्या को मेडिकल की भाषा में अस्थानोजोस्पर्मिया कहते है। अस्थानोजोस्पर्मिया (Asthenospremia) की बीमारी से पीड़ित पुरुष के शुक्राणु सामान्य गति से साथ आगे बढ़ने में सक्षम नही हो जाते है जिससे निषेचन की प्रक्रिया अधूरी रह जाती है। निषेचन की प्रक्रिया पूर्ण न हो…