सावन माह को भगवान भोने नाथ की आराधना का माह माना जाता है। इसके बाद आता है भगवान शिव के पुत्र गणेश जी की आराधना का माह भाद्रपद है । वर्ष 2021 में 10 सितम्बर को भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की गणेश चतुर्थी है । यह गणेश उत्सव का प्रथम दिन होता है, जो पूरे 10 दिनों तक धूमधाम के साथ पूरे देश में मनाया जाता है। परंतु दक्षिण भारत में विशेष रुप से मनाने की वर्षों पुरानी प्रथा है। भगवान गणेश देवों में प्रथम पूज्य और विध्यहर्ता माना जाता है। गणेश जी हर प्रकार की बाधा का निवारण…
एक महिला के जीवन में गर्भावस्था एक बहुत ही महत्वपूर्ण चरण है। नेचुरुल प्रेगनेंसी के लिए गर्भावस्था के दौरान उचित देखभाल से मां और बच्चे दोनों का स्वास्थ्य बना रहता है। ऐसा अक्सर सुनने को मिलता है कि बच्चा जितना भारी होता है, बच्चा उतना ही स्वस्थ और स्वस्थ होता है । और अगर बच्चे का वजन कम होता है तो बच्चे का वजन मां के वजन पर निर्भर करता है। गर्भावस्था के दौरान मां जितनी मजबूत होगी, बच्चा उतना ही स्वस्थ होगा। लेकिन यह कहानी कितनी सच है, जानते है ऐसा इसलिए है क्योंकि विशेषज्ञों का कहना है कि…
यौवन में सामान्य स्त्रीरोग संबंधी रोग एक ऐसी समस्या है जिससे इस उम्र में लड़कियों के माता-पिता आज बहुत चिंतित हैं। यौवन एक बहुत ही संवेदनशील अवधि है, शरीर में कई स्पष्ट शारीरिक और मनोवैज्ञानिक परिवर्तन होते हैं, इसलिए लड़कियों को स्त्री रोग संबंधी बीमारियों का खतरा होता है, जो बाद में उनके स्वास्थ्य और प्रजनन क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है। युवावस्था के दौरान सामान्य स्त्रीरोग संबंधी रोगों के कारणों, विकृति विज्ञान, रोकथाम और उपचार के बारे में सामान्य जानकारी नीचे दी गई है। स्त्री रोग संबंधी संक्रमण महिलाओं में एक आम बीमारी है, हर महिला को…
पीसीओडी या पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज एक ऐसी समस्या है जिसका सामना आज ज्यादातर महिलाएं करती हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि पीसीओडी 70% महिलाओं में बांझपन का कारण है। पीसीओडी वाले लोगों को अनियमित मासिक धर्म हो सकता है। महिलाओं में पीसीओडी का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। यदि महिलाएं वर्कआउट से दूरी बनाती है और जंकफूड को अपनाती है । तो पीसीओडी की समस्या गंभीर हो सकती है। पीसीओडी में गर्धधारण की कितनी संभावना होती है ? यदि किसी महिला को पीसीओडी की समस्या होती है और ऐसे वह गर्भधारण करने की कोशिस करती है। तो ऐसी…
प्रत्येक राष्ट्र का भविष्य उसके वहां की बाल पीढ़ी पर ही निर्भर होता है। असल में देखा जायें तो किसी राष्ट्र के वन, खनिज, संपदा इत्यादि सभी देश की यथार्थ संपत्ति नही होती है। परंतु ऋषि परंपरा वाले इस महान देश भारत में दिव्य संस्कारों से संपन्न तेजस्वी संतानों को देश की सच्ची संपत्ति माना गया है। भारत मेें उत्पन्न हुई संतानेे जैसे – श्रीराम, श्रीकृष्ण, विवेकानंद, बौद्ध, रविन्द्रनाथ, महात्मा गांधी इत्यादि । इन सभी महान पुरुषों में दिव्य गुणों के दर्शन होते है। इन महान व्यक्तित्व वाले पुरुषों में कहीं न कहीं ऐसे संस्कारों का प्रदुर्भाव था। जो इन…
मोटापा नई पीढ़ी की प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। यह हम सभी जानते हैं। इसका मुख्य कारण बदलती जीवनशैली, अनियमित खान-पान और व्यायाम की कमी है। तो हम परिणाम जानते हैं। इस तरह के गलत खान-पान से डायबिटीज, बीपी, डायबिटीज और इनफर्टिलिटी जैस अन्य बीमारियां होती हैं। आज के खान-पान से कैंसर भी हो सकता है। सामान्यतः महिलाओं के नाभि के आसपास की आकृति है 80 सेमी और पुरुषों की 90 सेमी से अधिक नहीं होना चाहिए। हम जानते है कि PCOD की बहुत सारी महिलाएं और लड़कियां है, जिसको पीसीओडी की परेशानी है। हम आपकी समस्या को…
आजादी एक ऐसी चीज है जिसके बारे में सभी ने सुना होगा लेकिन अगर आप इसका अर्थ पूछेंगे तो हर कोई आपको अलग अर्थ देगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि आजादी के बारे में सभी की अलग-अलग राय है। कुछ के लिए स्वतंत्रता का अर्थ है अपनी पसंद के अनुसार कहीं भी जाने की स्वतंत्रता, कुछ के लिए इसका अर्थ है स्वयं बोलना, और कुछ के लिए, यह कुछ भी करने की स्वतंत्रता है जो उन्हें पसंद है। भारतीय एक ऐसा देश है जिस पर पहले अंग्रेजों का शासन था और इन शासकों से छुटकारा पाने के लिए भारत वापस लड़ता…
स्वतंत्रता एक बहुत ही आकर्षक अवधारणा है। मनुष्य को कई प्रकार की स्वतंत्रता प्राप्त हो सकती है जैसे वैचारिक, धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, शैक्षिक आदि। कहीं भी रहने, व्यापार करने, अपना साथी चुनने, पढ़ने, लिखने, अपनी बात कहने की आज़ादी। स्वतंत्रता के विचार का विस्तार या आक्रमण किया जा सकता है। इस स्वतंत्रता दिवस पर आशा आयुर्वेदा का प्रयास है कि आपके जीवन को खुशियों के रंगो भर दें। इस स्वतंत्रता दिवस पर आशा आयुर्वेदा अपनी एक खास मुहीम (Freedom from Fallopian Tube Blockage) “निःसंतानता भारत छोड़ो” के तहत उन सभी निःसंतान जोड़ो को निःसंतानता से दिलाने के लिए अग्रसर…
स्वतंत्रता दिवस के इस पावन पर्व जैसे हम भारतीयों को गुलामी से आजादी प्राप्त हुई है उसी प्रकार आशा आयुर्वेदा की कोशिश है कि जो महिलाएं प्रजनन संबंधी बीमारी पीसीओडी से परेसान है उनको पीसीओडी (पीसीओएस) की समस्या से आजादी दिलाना। ( Freedom from PCOS / PCOD ) हम में से कई लोग गलती से मान बैठते हैं कि पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस), महिलाओं में एक सामान्य हार्मोनल असंतुलन केवल उनके मासिक धर्म चक्र और प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है। हालांकि, पीसीओएस एक जटिल विकार है जो महिला शरीर की कई प्रणालियों को प्रभावित कर सकता है। पीसीओएस के लक्षण…