प्रेगनेंसी के दौरान तनाव लेना हो सकता है खतरे की घंटी प्रेगनेंसी के दौरान तनाव महसूस करना आम बात है। क्योंकि गर्भावस्था कई बदलावों का समय होता है। इस समय गर्भवती महिला का शरीर और भावनाएं बदल रही होती हैं। इस समय तनाव का उच्च स्तर जो लंबे समय तक बना रहता है, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। गर्भावस्था के दौरान, तनाव से कम वजन कम होने की संभावना बढ़ सकती है। बहुत जल्दी या बहुत छोटे पैदा होने वाले शिशुओं में स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। गर्भावस्था के दौरान…
बच्चेदानी में गांठ या रसौली भी बन सकती है माँ बनने में परेशानी प्रजनन उम्र की महिलाों में आज की खराब जीवनशैली के चलते कुछ न कुछ परेशानी जरुर देखने को मिल रही है। बच्चेदानी में गांठ या फिर रसौली भी प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ी एक समस्या है, जो महिलाओं में Infertility की समस्या खड़ी हो सकती है। अधिकांश महिलाएं तो इसको कैंसर तक समझ बैठती है परंतु यह ऐसा बिल्कुल भी नही है। परंतु हां 1 प्रतिशत से कम केशों में देखने को मिल भी सकता है। कितनी महिलाएं बच्चेदानी में गांठ या रसौली का सामना कर रही हैंं…
एप्टोपिक प्रेगनेंसी (अस्थानिक गर्भावस्था) क्या है और इसका आयुर्वेदिक इलाज (What is ectopic pregnancy and ectopic pregnancy ayurvedic treatment) हर स्त्री अपने जीवन में चाहती है की उसकी भी माँ बनने की अभिलाषा पूर्ण हो, किन्तु कुछ स्वास्थ्य परेशनियों के चलते ऐसा होना मुश्किल हो जाता है। मातृत्व प्राप्त करना हर महिला का अधिकार होता है और प्रकृति से उसे यह अधिकार वरदान स्वरुप मिला भी है । परंतु आज के समय में अधिकांश महिलाओं को खराब जीवन शैली और दूषित खानपान की वजह से इतनी आसानी से यह मातृत्व का अधिकार नही मिल पाता है। हम बात कर रहें…
pregnancy में डॉक्टर क्यों देते है अंजीर खाने की सलाह ? जानें अंजीर खाने की फायदे अंजीर सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है। यह एक ऐसा ड्राई फ्रूट है जिसमें उच्च मात्रा में विटामिन ए, सी, ई, के, फाइबर मैग्नीशियम, कैल्शियम, पोटेशियम, कॉपर (Vitamin A, C, E, K, Fiber Magnesium, Calcium, Potassium, Copper) के साथ-साथ उच्च एंटी-ऑक्सीडेंट गुण (High antioxidant properties)होते हैं। वहीं अगर दूध के साथ इसका सेवन किया जाए तो इसका असर दोगुना हो जाता है। हालांकि यह कोई रहस्य नहीं है कि दूध Calcium से भरपूर होता है। और हड्डियों को मजबूत बनाने में…
सिगरेट के धुएं से हो जाएं सावधान, स्मोकिंग से बढ़ रही है बांझपन की समस्या आजकाल अधिकांश लोगों को बस इतना ही पता है। कि धूम्रपान से हृदय, संवहनी (vascular) और फेफड़ों की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। बहुतों को इस बात का एहसास नहीं है कि धूम्रपान से पुरुषों और महिलाओं दोनों में प्रजनन क्षमता की समस्या भी हो सकती है। धूम्रपान के साथ स्तंभन दोष और गर्भावस्था की जटिलता दर भी बढ़ जाती है। और पढ़े – बांझपन का आयुर्वेदिक इलाज – Female Infertility Treatment in Ayurveda in Hindi क्या धूम्रपान अंडे और शुक्राणु प्रभावित होते है – smoking…
अधिक उम्र में क्यों होती है गर्भधारण करने में समस्या यह एक जैविक तथ्य है कि जैसे-जैसे महिलाओं और पुरुषों की उम्र बढ़ती है, उनके बच्चे पैदा करने की क्षमता कम होती जाती है, हालांकि ऐसा होने का सही समय व्यक्तियों के बीच भिन्न हो सकता है। प्रत्येक महिला के पूरे जीवन काल में निश्चित अंडो की संख्य होती है। जो उम्र के साथ कम होती चली जाती है। जब महिला 35 वर्ष की उम्र को पूर्ण कर लेती है तो अंडो में कमी हो जाती है। ऐसे में गर्धधारण करने में परेशानी होने लगती है। जैसे-जैसे वह अपने अंडों…
मोटापा एक वैश्विक स्वास्थ्य समस्या है, जिसकी वजह से पुरुषों की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है। प्रजनन आयु के पुरुषों में मोटापा पिछले कुछ वर्षों में तेजी के साथ बढ़ा है और इसी कारण से दुनिया पुरुष इनफर्टिलिटी का शिकार हो रहे है। अब इस बात के उभरते प्रमाण हैं कि मोटापा पुरुष न केवल प्रजनन क्षमता पर बल्कि शुक्राणु की गुणवत्ता को भी कम करता है । इसके अवाला यह विशेष रूप से वृषण और अंततः परिपक्व शुक्राणु (testes and eventually mature sperm) में रोगाणु कोशिकाओं (germ cells) की भौतिक और आणविक संरचना (molecular structure) को बदल देता है। …
BICORNUATE UTERUS (बाइकॉर्नुएट यूटेरस) क्या होता है और क्या इसमें pregnancy संभव हो सकती है ? बाइकॉर्नुएट यूट्रस बच्चेदानी की जन्मजात एक प्रकार की विकृति है। अर्थात कुछ महिलाओं में बर्थ से ही गर्भाशय का आकार सामान्य होने की वजह विलक्षण (abnormal) होता है। जब किसी महिला का गर्भाशय दिल के आकार (heart shape) जैसा होता है तो उसे BICORNUATE UTERUS के नाम से जानते है। आंकड़ो की बात करें तो लगभग 3 प्रतिशत महिलाओं को बच्चेदानी के आकार में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। 100 में से 3 ऐसी महिलाएं होती है जिनमें गर्भशाय का आकार असामान्य होता…
डॉ चंचल शर्मा से जानिए PCOS / PCOD को आयुर्वेदिक उपचार से कैसे ठीक करें आशा आयुर्वेदा की निःसंतानता विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा कहती है कि आज के समय में महिलाओं एवं युवतियों की जीवनशैलीऔर और खानपान बहुत ज्यादा प्रभावित हो चुका है। जिसके कारण उनके शरीर के हार्मोन इम्बैलेंस होने लगे है। हार्मोन असंतुलन हो जाने के कारण पीसीओडी जैसी बीमारी होना एक आम बात हो चुकी है। कुछ समय पहले पीसीओडी की समस्या अधिक उम्र अर्थात जिन महिलाओं की उम्र 35 से 40 वर्ष के बीच होती है उनमें देखने को मिलती थी परंतु अब तो यह है…