गर्भाशय ग्रीवा (cervix) की सूजन से बढ़ सकता है बांझपन का खतरा गर्भाशयग्रीवा की सूजन बहुत आम है। यह अनुमान लगाया गया है कि सभी वयस्क महिलाओं में से आधे से अधिक को किसी न किसी समय गर्भाशयग्रीवा की सूजन की समस्या होती है। जिन महिलाओं को यौन संचारित रोग हुए हैं, या जिनके अधिक साथी हैं जिन्हें यौन संचारित रोग हुए हैं, उनमें भी गर्भाशयग्रीवा की सूजन का खतरा अधिक होता है। गर्भाशयग्रीवा की सूजन बांझपन के खतरे को बढ़ा सकती है। गर्भाशयग्रीवा में सूजन होने पर इसमें अक्सर लक्षण दिखाई नही देते है। लेकिन, गर्भाशयग्रीवा में सूजन होती…
क्या एंडोमेट्रियोसिस ओवुलेशन में बन सकता है समस्या और कैसे एंडोमेट्रियोसिस को आयुर्वेदिक इलाज से ठीक किया जाता है? आज की जीवन शैली एवं खराब खानपान की वजह से भारत में महिलाओं को इनफर्टिलिटी से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में देश में लाखों जोड़ो को निःसंतानता का शिकार होना पड़ रहा है। ऐसी ही एक इनफर्टिलिटी से जुड़ी समस्या है, जिसका नाम है एंडोमेट्रियोसिस । महिलाओं में एंडोमेट्रियोसिस की परेशान तब होती है। जब महिलाओं के अंडाशय, बाउल और पेल्विक की बच्चेदानी के ऊतको पर एंडोमेट्रियल टिश्यू वृद्धि करने लगते हैं। एंडोमेट्रियल टिश्यू जब फैलोपियन…
फाइब्रॉएड क्या है और कैसे करें इसका इलाज ? गर्भाशय फाइब्रॉएड (जिसे लेयोमायोमा या बस मायोमा भी कहा जाता है) सबसे आम स्त्री रोग संबंधी स्थिति है, जो 50 वर्ष की आयु तक 70% महिलाओं को प्रभावित करती है। फाइब्रॉएड कुछ महिलाओं में दर्द का कारण बनता है। लेकिन फाइब्रॉएड वाली हर महिला को दर्द का अनुभव नहीं होगा। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि दर्द और अन्य लक्षणों के कारण 30% महिलाएं फाइब्रॉएड के इलाज के लिए परेशान रहती हैं। फाइब्रॉएड क्या हैं? फाइब्रॉएड मांसपेशियों के तंतुओं (fibers) से बना एक ट्यूमर है। जो गर्भाशय के विभिन्न क्षेत्रों में विकसित…
ऋतु परिवर्तन प्रेगनेंसी को कैसे प्रभावित कर सकती है ? कैसे करें बचाव गर्भवती होना एक महिला के जीवन की सबसे रोमांचक और आनंददायक घटनाओं में से एक है। अब सर्दियों की शुरुआत हो चुकी है और करीब एक महीने से ज्यादा का समय भी हो चुका है। ऐसे में बहुत सारी गर्भवती महिलाओं के मन में सवाल आते हैं। कि क्या मौसम का बदलाव हमारी प्रेगनेंसी को प्रभावित कर सकता है। तो यह बात सच है क्योंकि आुयुर्वेद के अनुसार ऋतु परिवर्तन महिलाओं की प्रेगनेंसी को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में कुछ आयुर्वेद एवं घरेलू उपचार को अपनाकर…
महिलाओं को गर्भवती होने के लिए हार्मोनल संतुलन क्यों आवश्यक है? एएमएच हार्मोन महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण हार्मोन में से एक है। प्रजनन समस्याएं अक्सर इसके असंतुलन से सीधे जुड़ी होती हैं। एएमएच एंटी मुलेरियन हार्मोन का संक्षिप्त नाम है। एएमएच एक ग्लाइकोप्रोटीन रसायन है। जो महिला भ्रूण के जीवन के साथ-साथ वयस्क प्रजनन स्वास्थ्य में भी महत्वपूर्ण कार्य करता है। रक्त में एएमएच का स्तर डॉक्टरों को आपकी प्रजनन क्षमता के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को समझने में मदद करता है। गर्भवती होने, गर्भधारण करने और स्वस्थ बच्चा पैदा करने के लिए हार्मोनल संतुलन आवश्यक है। हार्मोनल असंतुलन…
प्रेगनेंसी के लिए अंडे की क्वालिटी में कैसे सुधार करें? इनफर्टिलिटी एक ऐसी समस्या है जो आधुनिक जोड़ों के कई जीवन को परेशान कर रही है। निष्क्रिय जीवनशैली विकल्पों और अस्वास्थ्यकर आदतों के कारण भी पिछले कुछ वर्षों में यह काफी बढ़ रहा है। प्रजनन क्षमता की पूरी प्रक्रिया को बाधित करने वाले बहुत महत्वपूर्ण कारकों में से एक जीवनशैली या लगातार अस्वास्थ्यकर खानपान है। जो एक महिला अपने दैनिक जीवन में अपनाती है। जब प्रेगनेंसी के लिए एग क्वालिटी पर चर्चा की जा रही है, तो एक महिला द्वारा रिलीज किये गए अंडों की गुणवत्ता को अक्सर प्राथमिकता दी…
प्रेगनेंसी से पहले कौन से टेस्ट की जरुरत होती है ? गर्भवास्था की यात्रा बहुत लंबी और परेशानी वाली होती है। ऐसे में डॉक्टर्स अक्सर महिलाओं को कुछ टेस्ट कराने की सलाह देते हैं। ताकि गर्भवती महिला एवं गर्भस्थ शिशु को किसी भी प्रकार की समस्या न हो। इन टेस्ट्स को प्री-प्रेगनेंसी टेस्ट करते हैं। प्रेगनेंसी प्लानिंग करने से पहले हर कपल को प्रेगनेंसी टेस्ट जरुर करवाना चाहिए। क्योंकि यह टेस्ट हेल्दी प्रेगनेंसी की संभावना को बढ़ा सकते हैं। । गर्भधारण करने के पूर्व डॉक्टर के पास भी एक बहुत ही अच्छा कदम होता है । जिसे हर दंपति को…
बच्चेदानी में सूजन (बल्की यूटरस) के कारण और उपचार Bulky Uterus in Hindi बच्चेदानी की सूजन को डॉक्टरों की बोलचाल की भाषा में Bulky Uterus के नाम से जाना जाता है। हम लोग इसे सामान्य भाषा में बच्चेदानी की सूजन का नाम दे देते है। बच्चेदानी की सूजन को Endometritis के साथ जोड़कर देखते हैं। बच्चेदानी की सूजन (बल्की यूटरस) के कारण महिलाओं को प्रेगनेंसी प्लानिंग में बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बल्की यूटरस इस ऐसी समस्या है। जो महिलाओं में इनफर्टिलिटी के मामले बढ़ता है। महिलाओं के यूट्रस का साइज नाशपाती के समान होता है। महिलाओं…
प्रीमैच्योर डिलीवरी क्या है? हमारे देश प्रीमैच्योर डिलीवरी की सबसे अधिक घटनाओं वाले देशों में से एक बन गया है। एक आँकड़ा कहता है कि भारत में हर साल डेढ़ करोड़ बच्चे समय से पहले पैदा होते हैं और उनमें से 5 में से 1 भारत में होता है। ऐसे पैदा हुए बच्चों को बचाने के लिए हमें आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से बचा सकते है। आइये जानते है कि आखिर प्रीमैच्योर डिलीवरी क्या होती है? और यह माँ एवं शिशु दोनो के लिए कैसे खतरनाक होती है। यदि किसी बच्चे का जन्म 37वें सप्ताह के पहले ही हो जाता है।…