गर्भनाल की समस्या और समाधान – Umbilical Cord in Hindi प्रेगनेंसी के दौरान गर्भनाल महिला के शरीर का सबसे अहम अंग होता है। एक गर्भनाल महिला और बच्चे को जोड़े रखती है। इसका काम बच्चे को पोषण और सुरक्षा देने का है। बच्चा इसी के सहारे मां के पेट में जिंदा रहता है। प्रेगनेंसी के दौरान गर्भनाल अपनी जगह बदलती रहती है। हालांकि, प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में यह यूटरस के निचले हिस्से में स्थित हो सकती है। लेकिन जैसे-जैसे प्रेगनेंसी के दिन बढ़ते जाते है, गर्भनाल (Umbilical Cord) यूटरस (Uterus) के ऊपरी हिस्से में पहुंच जाती है। कई बार…
शीघ्रपतन के लक्षण, कारण और आयुर्वेदिक उपचार- Shighrapatan ka ilaj संभोग किसी भी कपल के रिशते में अहम भूमिका निभाता है। यह आपके भावनात्मक बंधन और रिश्ते को और मजबूत करता है। अगर समभोग के समय आपको या आपके पार्टनर को किसी भी तरह की समसया है तो उससे यौन जीवन प्रभावित होना शुरू हो जाता है। आप हस्तमैथुन (Masturbation) करते समय या अपने साथी के साथ यौन संबंध बनाने के दौरान शीघ्रपतन (Premature Ejaculation in Hindi) से पीड़ित हैं और सोच रहे हैं कि आपने यह स्थिति क्यों हुई है? आज इसी समस्या को ध्यान में रखकर बात करेंगे…
नपुंसकता क्या है? इसका आयुर्वेदिक इलाज क्या है? – Napunsakta ke Lakshan or ilaj आज हम हर बिमारी के बारे में जैसे खुलकर बात करते है वैसे ही गुप्तांगों से जुड़ी समस्या को लेकर शर्मिंदगी नहीं सतर्क रहना चाहिए। दुनियाभर के लोग नपुंसकता की समस्या से परेशान है। नपुंसकता ज़्यादा उम्र के लोगों में एक सामान्य समस्या है। हालांकि इस समस्या की चपेट में युवा भी आ जाते हैं। क्या आप जानते है कि पुरुषों में नपुंसकता के पीछे क्या कारण हैं? नपुंसकता के उपाय भी जाने – आजकल की भागदौड़ में किसी के पास इतना भी समय नही है…
लिकोरिया सफेद पानी की समस्या, लक्षण और उपचार : White Discharge in Hindi आजकल की खराब जीवनशैली में महिलाओं को कई तरह की बिमारियां हो रही है। उन्हीं बिमारियों में से वाइट डिस्चार्ज या सफेद पानी की समस्या एक है। हर दस महिला में से एक महिला को इस समस्या से जुझना पड़ता है। भारत में 70 प्रतिशत महिलाओं को 18 से 30 की उम्र में सफेद पानी की समस्या हो जाती है। वहीं 30 प्रतिशत मामलों में लड़कियों को किशोर अवस्था मे ही सफेद पानी की समस्या देखने को मिलती है। आज इन्हीं समस्या पर प्रकाश डालने के लिए…
पीरियड्स के बाद प्रेग्नेंट होने के लिए कब संबंध बनाने चाहिए – आजकल की महिलाएं प्रेग्नेंट होने के कितने ही जतन करती है। लेकिन कोई भी सफलता नहीं मिल रही है। प्रेग्नेंसी का प्रयास करने वाली महिलाओं को अक्सर प्रेग्नेंट होने के लिए मन कई तरह के सवाल रहते है। महिलाओं को इसकी पूरी जानकारी ना होेने के कारण तनाव होने लगता है। अगर आप भी नॉर्लमी कंसीव नहीं कर पा रही हैं या जल्दी गर्भधारण करने का तरीका और ओवुलेशन के दिनों के बारे में जानना चाहती हैं। इस लेख में हम आज आपको बताने वाले है कि पीरियड्स के…
जानिए बच्चेदानी में सूजन का इलाज – Bulky Uterus Treatment in Hindi महिला के प्रजनन प्रणाली में बच्चेदानी (Uterus) की सबसे अहम भूमिका होती है। अगर अपके बच्चेदानी में एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय में संक्रमण के कारण सूजन आ जाती है। यूट्रस एक मस्कुलर प्रजनन प्रणाली है जो एक नाशपाती के आकार का दिखता है। गर्भाशय या बच्चेदानी एम्ब्र्यो (Embryo) के पोषण और गर्भावस्था को समाप्त करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण कार्य करता है, और इसलिए गर्भाधान और प्रसव में इसकी भूमिका अहम है। इनफर्टिलिटी की 3% से 5% मामलों में गर्भाशय की समस्याएं देखी गई हैं। आइए…
Pregnancy के लिए कितना Sperm count होना चाहिए? – Dr Chanchal Sharma अक्सर ऐसे लोग जो शादी के कुछ महीने बाद या सालों बाद गर्भधारण नहीं कर पाते है। जिस तरह गर्भधारण करने के लिए जिस तरह से महिला के शरीर में हेल्डी एग (Healthy Egg) होना जरुरी है। उसी तरह अंडणु (Egg) को निषेचित करने के लिए पुरुष में भी वीर्य में स्पर्म काउंट (Sperm Count) की मात्रा जरुरी है। रिपोर्ट की माने तो एक पुरुष में 15 मिलियन से 200 मिलियन प्रति मिलिलिटर तक वीर्य बनना चाहिए। अगर किसी भी पुरषों में स्पर्म काउंट में कमी होना यानी…
पेशाब में रुकावट के लक्षण, कारण और आयुर्वेदिक उपचार – Urinary Tract Blockage in Hindi आजकल पेशाब में रुकावट यानी यूटीआई (UTI) एक आम बिमारी है। यह समस्या पुरुषों और महिलाओं दोनों में ही देखी जाती है लेकिन महिलाओं में इसका असर ज्यादा देखा जाता है। यूटीआई आपके यूरिनरी सिस्टम (Urinary System) के किसी भी हिस्से में होने वाला इन्फेक्शन है, जिसमें आपके किडनी (Kidney), ब्लैडर (Bladder), यूट्रस (Uterus) और यूरेथ्रा (Urethra) शामिल हैं। वैसे तो यह बीमारी आम है लेकिन ध्यान ना देने पर इसका इंफेक्शन किडनी में भी फैल सकता है और किसी गंभीर बीमारी का कारण बन…
जाने काली मिर्च के फायदे और नुकसान – Black Pepper (Kali Mirch) Benefits and Side Effects in Hindi भारत के हर घर में काली मिर्च (Black Peppercorn) का इस्तेमाल किया जाता है। यह मसाला आयुर्वेदिक में कई मायनों से गुणों में भरपुर माना जाता है। यह मसालों की रानी होती है जो सूप से लेकर सूखी सब्जी आदि तक हरेक व्यंजन में जान डाल देती है। खाने के स्वाद को बढ़ाने के अलावा यह शरीर को कई लाभ पहुंचाने में मददगार साबित होती है। तीखा और गरम होने के कारण यह मुँह में लार पैदा करती है और शरीर के…