बंद ट्यूब खोलने के घरेलू उपाय – Fallopian Tube in Hindi
Fallopian Tube in Hindi: गर्भाशय और अंडाशय के बीच का वह रास्ता है जिससे होकर ओवुलेशन के समय एग अंडाशय से गर्भाशय तक जाता है। tubal blockage होने का मतलब हुआ की एग गर्भाशय तक जाने में असक्षम है और इस वजह से गर्भधारण में समस्या उत्पन्न हो सकती है। महिलाओं में कन्सीव न कर पाने का एक महत्वपूर्ण कारण ट्यूबल ब्लॉकेज ही है जो शुरूआती दिनों में समझ में भी नही आता है। बिना टेस्ट के इसके बारे में आप कुछ लक्षणों पर ध्यान देकर पता लगा सकते हैं और आयुर्वेदिक उपचार के माध्यम से बिना किसी सर्जरी के गर्भाशय की नली को फिर से ओपन कर सकते हैं।
आजकल की व्यस्त जीवनशैली में लोगों के पास अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने का समय ही नहीं है ऐसे में तनाव भी बढ़ जाता है। लोग एक दूसरे से मिलते जुलते भी कम है और अंदर ही अंदर कुंठा का शिकार हो जाते हैं फिर शराब, सिगरेट आदि मादक पदार्थों का सेवन करने लगते हैं जो उनके स्वास्थ्य पर विपरीत असर डालती है। हमारे रोज के आहार का भी महत्वपूर्ण हाथ है इन सबमे जैसे जल्दबाजी में लोग जंक फ़ूड ,प्रोसेस्ड फ़ूड ,पैकजड फ़ूड को अपने नियमित आहार में शामिल कर लेते हैं और फिर भिन्न-भिन्न बिमारियों का शिकार हो जाते हैं। गर्भाशय की नली बंद होना (Tubal Blockage) में भी इन सबका असर देखा जा सकता है।
गर्भाशय की नली (Tubal Blockage) क्यों बंद हो जाती है ? क्या है इसका कारण
पेल्विक इन्फ़्लेमेटरी डीसीज़ (पीआईडी) या पेल्विक इन्फेक्शन गर्भाशय की नली ब्लॉक होने का एक प्रमुख कारण है। इस बीमारी के कारण महिलाओं के फॉलोपियन ट्यूब में पानी भर जाता है जिसकी वजह से ट्यूब बंद (fallopian tube blockage) हो जाता है और इस अवस्था को हाइड्रोसालपिनक्स (hydrosalpinx) कहते हैं।
सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (STDs) भी इसका कारण हो सकता है। आधुनिकता की होड़ में बहुत सारे मानव मूल्यों का हनन हुआ है और इसी में एक चलन मल्टीप्ल पार्टनर्स का भी है जहाँ लोग अपने सेक्सुअल प्लेजर के लिए एक ही समय में कई लोगों के साथ सम्बन्ध बनाते हैं और ऐसे असुरक्षित यौन संबंधों से ही गौनोरिया एवं क्लैमाइडिया जैसे रोग होने का खतरा बढ़ जाता है और फिर इसके परिणामस्वरूप गर्भाशय की नली भी ब्लॉक हो जाती है।
रसोली या फाइब्रॉइड्स भी ट्यूबल ब्लॉकेज का एक कारण हो सकता है, क्यूंकि यह गर्भाशय से जुड़ा होता है।
अपेंडिक्स में समस्या होना या असंतुलित हार्मोन्स के कारण भी गर्भाशय की नली बंद हो सकती है।
एक्टोपिक प्रेगनेंसी भी एक प्रमुख कारण हो सकता है जिसमे भ्रूण गर्भाशय की बजाय नली में ही रुक जाता है और नली को क्षति पहुंचाता रहता है। यदि समय रहते इसका इलाज नहीं हुआ तो यह ट्यूब को गंभीर रूप से हानि पहुंचा सकता है।
महिलाओं में टीबी का होना भी ट्यूबल ब्लॉकेज की वजह बन सकता है।
बंद ट्यूब खोलने के घरेलू उपाय – Tubal Blockage Kholne ke Gharelu Upay
हालाँकि गर्भाशय की नली खोलने के लिए घरेलु उपायों में हल्दी, लहसुन, अदरक आदि का प्रयोग तो प्रचलित है लेकिन अभी इस विषय पर शोध जारी है। fallopian tube की blockage खोलने के लिए घरेलु उपायों के अंतर्गत उन चीजों को दिया जाता है जिससे विषाक्त पदार्थ शरीर से बाहर निकाला जा सके। इन घरेलु उपायों में शामिल है :
हल्दी : हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी माइक्रोबियल और एंटी इन्फ्लामेट्री मौजूद होते हैं जो शरीर के अंदर जाकर सूजन को कम करने में मदद करते हैं। हल्दी एक ऐसा मसाला है जो आप सभी के किचन में आसानी से मिल जायेगा और उसके सेवन के समय मात्रा का ध्यान रखें क्यूंकि अत्यधिक मात्रा में हल्दी का प्रयोग आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
अदरक : अदरक में मौजूद जिंजरोल नमक पदार्थ और उसके एंटी ऑक्सीडेंट गुण आपके बंद गर्भाशय की नली को खोलने में मदद कर सकते हैं लेकिन इसकी पुष्टि के लिए आप उपयोग से पहले एक बार डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
ओमेगा 3 फैटी एसिड : शरीर में सूजन को कम करने के लिए ओमेगा 3 फैटी एसिड खाने की सलाह दी जाती है और यह माना जाता है कि इसके सेवन से बंद गर्भाशय की नली भी खुल सकती है। अलसी, अखरोट, फिश आयल आदि कुछ ऐसे पदार्थ हैं जिसमे प्राकृतिक रूप से ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है।
जीवनशैली में बदलाव : बंद ट्यूब खोलने के घरेलू उपाय, आप घर पर नियमित रूप से एक्सरसाइज कर सकते हैं। कुछ ऐसे आसन हैं जो आपके लिए मददगार होंगे जैसे : भुजंगासन आदि। लेकिन बेहतर होगा यदि आप किसी ट्रेनर या डॉक्टर से कंसल्ट करने के बाद ही एक्सरसाइज करें। आप अपने खानपान में भी थोड़े बहुत परिवर्तन करके बंद fallopian tube (गर्भाशय की नली) को खोल सकते हैं। अपने आहार में पौष्टिक चीजों को शामिल करें और अन्हेल्थी खाने से परहेज करें।
बंद ट्यूब खोलने के उपाय: गर्भाशय की नली खोलने के सर्जिकल और नॉन सर्जिकल दोनों तरीके हो सकते हैं। सर्जिकल तरीके में कैन्यूलाइज़ेशन तकनीक शामिल है जिसके अंतर्गत एक पतले तार को सेरविक्स के माध्यम से फॉलोपियन ट्यूब में पहुँचाया जाता है और इसके माध्यम से गर्भाशय की बंद नली को खोलने की कोशिश की जाती है। लेकिन इसका इस्तेमाल तभी किया जाता है जब दवाइयां कारगर नहीं साबित होती है। सर्जिकल ट्रीटमेंट की सफलता दर केवल 50 % होती है जबकि वहीँ नॉन सर्जिकल ट्रीटमेंट की सफलता दर 90% तक दर्ज की गयी है।
गर्भाशय की नली का खुलना कई कारणों पर निर्भर करता है इसलिए बिना मरीज से मिले, बिना किसी टेस्ट के कोई भी डॉक्टर इस बात की गॅरंटी नहीं ले सकता है की ट्यूबल ब्लॉकेज ठीक होने की सम्भावना कितने प्रतिशत है। यदि ब्लॉकेज एक ही ट्यूब में है तो तुलनात्मक रूप से गर्भधारण की सम्भावन अधिक होती है। वहीँ महिला की उम्र, उनकी शारीरिक क्षमता और अन्य बिमारिओं की जाँच इसके प्रमुख कारक हैं।
यदि आप बंद ट्यूब खोलने के घरेलू उपाय या आयुर्वेदिक इलाज वाले एक बेहतर डॉक्टर की तलाश कर रहे हैं तो आशा आयुर्वेदा की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर चंचल शर्मा आपके लिए अच्छा विकल्प हो सकती हैं। उनका 11 वर्ष का सफल अनुभव आपके लिए लाभकारी होगा। आयुर्वेदिक इलाज के माध्यम से इन्होने 90-95% तक सफलता हासिल की है। गर्भाशय की नली खोलने के लिए यहाँ औषधियों का प्रयोग किया जाता है।
इससे ट्यूब के पानी को सुखाया जाता है। इसके बाद पंचकर्म की उत्तर बस्ती पद्धति के द्वारा ट्यूब में जो भी डैमेज हुआ है उसकी रिकवरी की जाती है। एक बार जब गर्भाशय की नली वापस से स्वस्थ हो जाये तो आप अपने ओवुलेशन के दिनों की जाँच करके प्रेगनेंसी प्लान कर सकते हैं। आयुर्वेदिक इलाज के द्वारा आप गर्भाशय की नली को खोलने के बाद सफलता पूर्वक प्राकृतिक रूप से संतान सुख प्राप्त कर सकते हैं।