जानिए बच्चेदानी में सूजन का इलाज – Bulky Uterus Treatment in Hindi
महिला के प्रजनन प्रणाली में बच्चेदानी (Uterus) की सबसे अहम भूमिका होती है। अगर अपके बच्चेदानी में एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय में संक्रमण के कारण सूजन आ जाती है। यूट्रस एक मस्कुलर प्रजनन प्रणाली है जो एक नाशपाती के आकार का दिखता है। गर्भाशय या बच्चेदानी एम्ब्र्यो (Embryo) के पोषण और गर्भावस्था को समाप्त करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण कार्य करता है, और इसलिए गर्भाधान और प्रसव में इसकी भूमिका अहम है। इनफर्टिलिटी की 3% से 5% मामलों में गर्भाशय की समस्याएं देखी गई हैं। आइए इस लेख में हम बच्चेदानी में सूजन (Bulky Uterus) के इलाज के बारे में जानेंगे।
(और पढ़े – गर्भाशय में रसौली के कारण, लक्षण, इलाज और घरेलू नुस्खे)
बच्चेदानी में सूजन के कारण- Causes of Bulky Uterus in Hindi
गर्भाशय में सूजन के कई कारण हो सकते हैं –
- हद से ज्यादा टाइट कपड़े पहनना
- ज्यादा भूख लगना
- गैस या कब्ज की शिकायत होना
- PCOS की समस्या होना
- शरीरक श्रम ना करना
- व्यायाम ज्यादा करना
- फाइब्रॉइड्स
बच्चेदानी में सूजन के लक्षण- Symptoms of Bulky Uterus in Hindi
बच्चेदानी में सूजन के लक्षण उसके कारण पर निर्भर करता। फाइब्रॉएड आमतौर पर मासिक धर्म की समस्याओं और दबाव के लक्षणों का कारण बनते हैं अगर वो आकार में बड़े होते हैं। निम्नलिखित में से एक से अधिक समस्याओं का अनुभव करें –
- सूजन के कारण अनियमित पीरियड्स
- मासिक धर्म के दौरान पेट दर्द
- पेट के निचले हिस्से में भारीपन
- गर्भधारण करने में कठिनाई
- गर्भपात या समय से पहले प्रसव
- आंत्र और मूत्र संबंधी समस्याएं जैसे कब्ज या बार बार पेशाब का आना।
(और पढ़े – इनफर्टिलिटी का आयुर्वेदिक इलाज, उपचार, दवा, जड़ी बूटियां)
बच्चेदानी में सूजन का इलाज – Bulky Uterus Treatment in Hindi
गर्भाशय में सूजन का घरेलू उपाय तरीके से इलाज कर सकते हैं-
- पेल्विक मसाज
बच्चेदानी में सूजन या बल्की यूटरस में होने वाली परेशानियों को कम करने के लिए आप पेल्विक मसाज करवा सकते हैं। यह मासिक धर्म के दौरान होने वाले पेट और पीठ हिस्सों में होने वाले दर्द को कम करने में प्रभावी रहता है। अगर ऐसा है तो मासिक धर्म शुरु होने से पहले ही आप पेल्विक मसाज करवा ले।
- जूस और संतुलित आहार लें
बच्चेदानी में सूजन या बल्की यूटरस की समस्या में पीड़ित महिलाएं सबसे पहले नियमित रुप से पर्यापात मात्रा में आहार लें।
- चटपटे और तेल वाली चीजों से दूर रहे
जिन महिलाओं को बच्चेदानी में सूजन की शिकायत रहती है उन्हे ऐसे खाद्य-पदार्थों के सेवन करने से बचना होगा। क्योंकि इस तरीके के खानपान से अपकी मुसीबते और बढ़ सकती है।
- ठंडी तासीर वाली चीजें खाएं
बच्चेदानी में सूजन की समस्या में जितना हो सके उतनी ठंडी तासीर वाली खाद्य-पदार्था का सेवन करें। आप सौंफ और हरे धनिए को पीसकर पानी में आधे घंटे के लिए भिगो कर मिश्री के मिलाकर पीए। इससे शरीर को ठंडक मिलेगी। इसी तरह दूध में छोटी इलायची और सौंफ मिलाकर पीएं। पीरियड्स के पहले दिन से तीसरे दिन तक दूध, चावल, जौ के दलिए की खीर, घी लगी जौ की रोटी खाना फायदेमंद होगा। पीरियड्स में ठंडी तासीर वाली चीजें अधिक लें एवं मिर्च-मसालों का उपयोग कम करें।
गर्भाशय में सूजन को कम करने के लिए हल्दी काफी प्रभावी घरेलू उपायों में से एक है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी के गुण भरपूर है।
(और पढ़े – बंद फैलोपियन ट्यूब खोलने के घरेलू उपाय)
योग से बच्चेदानी में सूजन का इलाज – Bulky Uterus Treatment by Yoga in Hindi
खानपान के अलावा आप दिन में एक बार योगा जरुर करे जो फर्टिलिटी रेट को बूस्ट करने में मदद करता है। इनमें निम्नलिखित योग शामिल है-
- भुजंगासन (Cobra Pose)- कोबरा मुद्रा गर्भाशय की मांसपेशियों को फैलाती है और मजबूत करती है। यह योगाभ्यास रीढ़ और श्रोणि के माध्यम से ऑक्सीजन युक्त रक्त के संचार को बढ़ाता है। कोबरा पोज़ शरीर के निचले हिस्से की मांसपेशियों को भी टोन करता है और शरीर से तनाव को दूर करता है। अपने गर्भाशय को स्वस्थ रखने और अपने मासिक धर्म को नियमित करने के लिए इस योगाभ्यास को आजमाएं।
- बधा कोणासन (Bound Angle Pose)– यह योगासन गर्भाशय के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है। बधा कोणासन पेट की मांसपेशियों, विशेष रूप से गर्भाशय और अंडाशय पर प्रभावी ढंग से काम करता है। यह बाध्य कोण मुद्रा गर्भाशय में रक्त परिसंचरण को भी बढ़ावा देती है और इसकी मांसपेशियों को फैलाती है। यह आसन प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है।
- पश्चिमोत्तानासन (Seated forward bend)- यह योग आसन प्रजनन स्वास्थ्य के लिए सरल लेकिन प्रभावी है और इसके कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी हैं। पश्चिमोत्तानासन गर्भाशय और डिम्बग्रंथि की मांसपेशियों को फैलाता है और मासिक धर्म में ऐंठन से राहत देता है। सुनिश्चित करें कि आप खाली पेट पश्चिमोत्तानासन करें।
(और पढ़े – Low AMH: causes, symptoms and Ayurvedic treatment)
बच्चेदानी में सूजन की आयुर्वेदिक दवा – Ayurvedic Medicine for Bulky Uterus in Hindi
आयुर्वेद इलाज में गर्भाशय में सूजन की समस्या का महत्वपूर्ण परिणाम देखा गया है। इसमें मासिक धर्म से संबंधित लक्षणों के प्रबंधन में हर्बल उपचार परिणाम दिखाते हैं।
कफ दोष के साथ पित्त और वात दोष में गड़बड़ी बच्चेदानी में सूजन के लिए जिम्मेदार है। कफ दोष पर नियंत्रण रखना जरुरी है क्योंकि यह अन्य भागों में पलायन कर सकते हैं। कफज ग्रंथी ज्यादा दर्दनाक नहीं होती है, दर्द के साथ वात दोष होता है और पित्त दोष के खराब होने से भारी रक्त की हानि होती है।
गर्भाशय में सूजन (Bulky Uterus) के लक्षणों को दबाने में आयुर्वेदिक उपचार बहुत मददगार होता है। शतावरी, अशोक, गुग्गुलु, कांचनार आदि जड़ी-बूटियां सूजन को कम करने में मदद कर सकती हैं। हर्बल फॉर्मूलेशन जैसे कांचनार गुग्गुलु, चंद्रप्रभा वटी आदि गर्भाशय बच्चेदानी के लिए फायदेमंद होते हैं और महिला प्रजनन प्रणाली के समग्र स्वास्थ्य को भी बनाए रखते हैं।
इस लेख की जानकारी हमें डॉक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है। इस विषय से जुड़ी या अन्य पीसीओएस, ट्यूब ब्लॉकेज, हाइड्रोसालपिनक्स उपचार पर ज्यादा जानकारी चाहते हैं। हमारे डॉक्टर चंचल की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाए या हमसे +91 9811773770 संपर्क करें।
(और पढ़े – बच्चेदानी में सूजन के आयुर्वेदिक उपचार)