बच्चेदानी का मुँह जल्दी खोलने के उपाय – Open Cervix in Hindi
मां बनने के लिए न जाने महिलाओं को कितनी परिक्षाओं से गुजरना पड़ता है। प्रेगनेंसी का नौवा महीना महिलाओं के लिए काफी उतार-चढ़ाव से भरा होता है। पहले नौ महीने से लेकर प्रसव पीड़ा तक। डॉक्टर जांच कर के डिलीवरी की डेट बता देते है। लेकिन जरूरी नहीं है कि डिलीवरी एक ही तारीख को हो, कुछ महिलाओं की डिलीवरी तय तारीख से पहले ही हो जाती है। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बच्चेदानी का मुंह जल्दी खोलने के उपाय के बारे में विस्तार से बताएंगे।
कुछ महिलाओं को तय तारीख के कई दिनों के बाद भी प्रसव पीड़ा शुरू नहीं होती है। ऐसा माना जाता हैं कि जब बच्चेदानी का मुंह खुलने लगे, तो समझ लेना चाहिए कि अब बच्चा बाहर आने के लिए तैयार है। हालांकि, ज्यादातर मामलों में दर्द होने के बाद भी कई बार प्रसव पीड़ा शुरू होने के बाद अस्पताल में भर्ती होने पर भी बच्चेदानी का मुंह नहीं खुलता है, जिसकी वजह से प्रसव का दर्द ज्यादा देर तक सहना पड़ता है। ऐसे में महिलां क्या करें?
बच्चेदानी का मुंह जल्दी कैसे खोले घरेलू उपाय?
प्रगनेंसी में कुछ महिलाओं की तय तारीख निकलने के कई दिनों बाद भी लेबर पेन शुरू नहीं होता है। तब अक्सर कई महिलाओं के मन में सवाल आते है कि बच्चेदानी का मुंह जल्दी खोलने के उपाय क्या है? और कैसे खोले? और कैसे पता करें कि बच्चेदानी का मुंह खुला है? आइए जाने Home Remedies for Open Cervix –
- हल्दी में दर्द निवारक गुण होते हैं और यह जड़ी बूटी नौवें महीने में होने वाले दर्द को कम करने का काम करती है। आठवें महीने के खत्म होने और नौवें महीने की शुरुआत होने पर पेट में कॉन्ट्रैक्शन उठना शुरू हो जाती हैं। इस समय आपको परेशानी हो सकती है, तो आप एक गिलास गुनगुने दुध में चुटकी भर हल्दी मिलाकर पिएं।
- अरंडी का तेल बच्चेदानी का मुंह जल्दी खोलने के उपाय लिए बहुत ही उपयोगी होता है। अरंडी के तेल को लेने से आँतों में ऐंठन होती है और आंतें उत्तेजित होती हैं जिससे पेट साफ हो जाता है और प्रसव प्रेरित होने लगता है | आँतों और बाउल की मांसपेशियों के कॉन्ट्रैक्शन से गर्भाशय के संकुचनों को प्रेरित किया जा सकता है |
- ऐसा माना जाता हैं कि मसालेदार भोजन प्रसव के समय एक केमिकल रिएक्शन के रूप में काम करता हैं | आप थोड़ा मसालेदार युक्त भोज्य पदार्थ के सेवन से प्रसव शुरू करने में मदद मिल सकती हैं | लेकिन, ध्यान रहें कि ऐसे खानपान का सेवन जरुरत के अनुसार करें, क्योंकि इससे पेट में अपच की समस्या पैदा हो सकती हैं |
- डिलीवरी से पहले प्रसाव शुरु करने के लिए मांसपेशियों में आ रहें तनाव को ठीक करना जरूरी है। इस समस्या को दूर करने के लिए गुनगुना पानी पिएं। इससे मांसपेशियों में आ रहे खिंचाव से राहत मिलती है। प्रेग्नेंसी में ठंडी चीजें खाने और पीने से मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं जिससे नॉर्मल डिलीवरी में दिक्कत आ सकती है। इसलिए जितना हो सके प्रेग्नेंसी में गुनगुना पानी ही पिएं।
बच्चेदानी का मुंह जल्दी खोलने के लिए डाइट?
सेहतमंद और मजबूत गर्भा शय के लिए सभी पोषक तत्वों से युक्त भोजन को ग्रहण करके नियमित व्यायाम करने की आवश्यकता है। अगर आप शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं रहते और नियमित व्यायाम नहीं करते तब गर्भाशय और दूसरे प्रजनन अंगों में रक्तप्रवाह ठीक से नहीं हो पाता है।
यदि आप शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं है तो आपके गर्भाशय की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं। इसलिए प्रति दिन लगभग 30 मिनट तक व्यायाम अवश्य करें। जैसा की ऊपर बताया भी गया है की योगासन और ध्यान भी गर्भाशय को लचीला और शक्तिशाली बनाने के लिए सटीक उपाय है।
इसके अलावा नियमित रूप से अपने डॉक्टर से परामर्श लेते रहिये। क्योकि प्रेगनेंसी के समय की आपकी छोटी सी लापरवाही आपको भारी पढ़ सकती है। नीचे आपको कुछ सेहतमंद और नियमित डाइट के बारे में बताने जा रहे है। इस डाईट का पालन आपके बच्चेदानी के सेहत के लिए आवश्यक है:
1. हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं: अपने नियमित भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल और प्रतिदिन इसका सेवन आपकी बच्चेदानी को मजबूती प्रदान करेगा।
2. फाइबर युक्त डाइट: अपने नियमित आहार में ज्यादा से ज्यादा फाइबर युक्त चीजें जैसे फल, ब्रोकली, ओट्स, पालक, नट्स, एवोकाडो, बीन्स, इत्यादि का सेवन करें।
3. डेयरी प्रॉडक्ट्स का सेवन: आप नियमित खान-पान में दूध, पनीर आदि का सेवन करती है तो गर्भाशय और ओवरी दोनों को स्वस्थ रखने में सहायता मिलेगी। वैसे भी डेयरी प्रॉडक्ट्स में कैल्शियम और विटामिन शामिल होते है, जो बीमारियों से दूर रखते है।
4. विटामिन-सी का सेवन: यदि आपकी बच्चेदानी में कोई भी परेशनी है तो आपको विटामिन-सी युक्त फलों जैसे नींबू संतरा, अमरूद, पपीता इत्यादि का सेवन करना चाहिए. इससे बच्चेदानी को मजबूत मिलने के साथ ही कैंसर की समस्या भी दूर होती है.
5. मछली का सेवन करे: मछली में ”ओमेगा 3 फैटी एसिड” की प्रचुर मात्रा हो ती है। ”ओमेगा- 3 फैटी एसिड” महिलाओं में गर्भाशय के संकुचन निर्मित करने वाले प्रोस्टाग्लैंडिंग्लैंडिंस को बढ़ने से रोकता है।
6. हर्बल चाय पिएं: ग्रीन-टी एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होती है, इसीलिए इसके सेवन से गर्भाशय मजबूती प्राप्त होती है और अन्य बहुत सी समस्या ये भी दूर होती हैं।
गर्भाश्य को मजबूत करने के लिए आयुर्वेद का ये नुस्खा आप अजमा सकते है. जिमसे आपको 20 धुले हुए तिल व जौ को पीसकर उसमें 40 ग्राम खांड मिलाना है। इसकी 5 ग्राम की मात्रा सुबह शहद के साथ सेवन करना है। इसके सेवन से प्रसव के समय होने वाले दर्द में भी कमी आती है।
बच्चेदानी का मुँह खोलने के लिए व्यायाम
झुककर विश्राम करें
यह स्थिति उसी प्रकार है जैसे आप झुककर बैठकर फर्श धो रही हों | इस स्थिति से बच्चे को एक सही स्थिति में आने में मदद मिलेगी | जब बच्चे का सिर आपकी सर्विक्स पर नीचे की ओर दबाव डालता है तो सर्विक्स का छिद्र खुलने लगता है और सर्विक्स पतली होने लगती है | दिन में कई बार इस स्थिति में 10 मिनट तक रहने से बच्चे के सिर को एक सर्वोत्तम पोजीशन में लाने में मदद मिल सकती है।
थोड़ा व्यायाम करो (Get Some Exercise)
अपने गर्भ को वापस पाने के 5 तरीके यदि आप तुरंत घर के काम और मदद करना शुरू कर दें, तो आप अनजाने में अपने गर्भ को गिरने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। विशेष रूप से भारी सामान उठाने से बचें। भारी वजन उठाने से मांसपेशियों पर दबाव पड़ सकता है और बदले में आपके श्रोणि अंगों के आसपास की संरचनाएं कमजोर हो सकती हैं, जिससे आपका गर्भाशय नीचे की ओर खिसक सकता है। इसके बजाय, एक हाथ मांगो। मुझे यकीन है कि आपके प्रियजन आपके कमरे के सामने उस सामान को उठाकर बुरा नहीं मानेंगे, यह देखते हुए कि आप किस दौर से गुजर रहे हैं। अपने शरीर पर इतना दबाव न डालें कि अगर आपको खांसी आती भी महसूस हो तो बिगड़ने से पहले उसका इलाज करा लें।
टहलें (Do Walk)
टहलें से रक्त प्रवाह बढ़कर गति का फैलाव करता है जो बच्चे को नीचे की ओर आने की गतिविधियाँ हो सकती है। महिलाएं घर में ही घूम सकती है। यहां तक कि स्थिति बदलना भी फैलाव को प्रोत्साहित कर सकता है, क्योंकि इससे बच्चे का वजन गर्भाशय ग्रीवा पर दबाव डालता है। इससे प्रसव पीड़ा हो सकती है और डिलीवरी समय से हो सकती है।
बर्थ बॉल का इस्तेमाल करें (Use birth ball)
महिला एक्सरसाइज के लिए बर्थ बॉल का उपयोग भी कर सकती है। इसे बर्थिंग बॉल भी कहा जाता है। इसमें बॉल पर बैठना होता है और आगे-पीछे हिलना होता है। इससे पेल्विस में मांसपेशियां ढीली होंगी और प्रसव में आसानी होगी।
अपनी श्रोणि की मांसपेशियों का व्यायाम करें (Exercise your Pelvic Muscles)
‘व्यायाम’ सबसे आसान चीज है जिसका आप दैनिक आधार पर अभ्यास कर सकते हैं। बैठने या लेटने की स्थिति में, अपनी पैल्विक मांसपेशियों को कस लें, जैसे कि मूत्र के प्रवाह को रोकने की कोशिश कर रहे हों। इसे 3 से 5 सेकंड के लिए कस कर रखें, और फिर अगले 3 से 5 सेकंड के लिए आराम करें। इस प्रक्रिया को 10 बार दोहराएं। आप इसे दिन में तीन बार जैसे सुबह, दोपहर और शाम को कर सकते हैं। यह व्यायाम आपके मल त्याग को नियंत्रण में रखेगा और साथ ही गर्भाशय को अपनी जगह पर रखने के लिए आपके श्रोणि (Pelvis) तल की मांसपेशियों को मजबूत करेगा।
खुद को खूश रखें (Keep yourself happy)
हंसने से भी प्रसव को आसान बनाया जा सकता है। इससे तनाव और डर को दूर रखा जा सकता है। इससे शरीर को आराम मिलता है और गर्भाशय फैलाव में भी मदद मिलती है। इसके लिए गर्भवती महिला दोस्तों से मिल सकती हैं, कॉमेडी मूवी या शो देख सकती है।
इस लेख (बच्चेदानी का मुंह जल्दी खोलने के उपाय) की जानकारी हमें डॉक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है। इस विषय से जुड़ी या अन्य पीसीओएस, ट्यूब ब्लॉकेज, हाइड्रोसालपिनक्स उपचार पर ज्यादा जानकारी चाहते हैं। हमारे डॉक्टर चंचल की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाए या हमसे +91 9811773770 संपर्क करें।