PELVIC INFLAMMATORY DISEASE – पीआईडी (पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज) क्या है कैसे करें इसकी रोकथाम | आज के युग में श्रोणि सूजन (पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज) की बीमारी बढ़ रही है एक खतरनाक तरीका और इसकी पुनरावृत्ति प्रजनन दर को कम करती है। यदि इसका इलाज नहीं किया जाता है तो यह बांझपन, पुराने दर्द का कारण बनता है, फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज जिससे अस्थानिक गर्भावस्था की संभावना होती है। पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी) एक महिला के प्रजनन अंगों का संक्रमण है। यह आमतौर पर यौन संचारित संक्रमण के कारण होता है। लक्षणों में पेट, पेट के निचले हिस्से में दर्द और योनि…
PELVIC PAIN : प्रेगनेंसी में पेल्विक पेन के लक्षण और उपचार। गर्भावस्था के दौरान पेल्विक पेन चिंता की बात नहीं है। आश्वस्त रहें कि कई गर्भवती माताओं को पैल्विक दर्द महसूस होता है। जैसे-जैसे आपके अंग बढ़ते हुए गर्भाशय के लिए जगह बनाते हैं, हार्मोन काफी बदल जाते हैं और स्नायुबंधन खिंच जाते हैं; इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि आप उस दर्द को महसूस कर रही हैं जो आपने पहले कभी नहीं किया था। गर्भावस्था के दौरान पेल्विक पेन के कारण गर्भावस्था के दौरान पेल्विक पेन के कई सामान्य एवं गंभीर कारण हैं। पैल्विक पेन (दर्द) के…
हाइड्रोसालपिनक्स बना बाँझपन की समस्या – Infertility From Hydrosalpinx In Hindi हाइड्रोसालपिनक्स नाम की इस बीमारी का संबंध महिला प्रजनन संबंधी विकार से है जो बांझपन (इनफर्टिलिटी) जैसी बीमारी का मुख्य कारण मानी जाती है। इस बीमारी के बढ़ने के कारण महिलाओं में बांझपन के नये मामले अधिक देखने को मिल रहे है। हाइड्रोसालपिनक्स होने पर महिला को गर्भवती होने में परेशानी होती है और प्रजनन संबंधी नई परेशानियां जन्म लेती है। हाइड्रोसालपिनक्स वह स्थिति है जिसमें महिला की फैलोपियन ट्यूब का अंतिम भाग द्रव से भर जाता है और सूज जाता है, जिससे बांझपन हो सकता है। सूजन और…
Black Fungus Infection – क्या ब्लैक फंगस का खतरा गर्भवती महिलाओं में भी हो सकता है ? कोरोना की दूसरी लहर जैसे-जैसे समाप्ति की ओर बढ़ रही है वैसे-वैसे ब्लैक फंगर का खतरा गर्भवती महिलाओं एवं शिशुओं में अधिक देखने को मिल रहा है। ब्लैक फंगस का खतरा कोरोना से स्वस्थ हुए मरीजों एवं गर्भवती महिलाओं में अधिक देखने को मिल रहा है। ब्लैक फंगस से कोरोना संक्रमित मरीजों की मृत्यु दर 50% है अर्थात आधे मरीज ही ब्लैक फंगस को चुनौती देकर ही रिकवर हो रहे है। क्या है ब्लैक फंगस (Black Fungus Infection) और क्यों यह गर्भवती महिलाओं…
कैस्टर ऑयल (आरंडी) की दो बूंद करेगी कोविड-19 से सुरक्षा – BENEFITS OF CASTOR OIL IN HINDI आयुष मंत्रालय नें हाल ही में कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है जिसमें साफतौर पर कहा गया है कि यदि कोरोना संक्रमित मरीज कैस्टर आयल (Castor oil) की दो बूंदे नियमित रूप से अपनी नाक पर डालते है तो इससे कोरोना वायरस से मजबूत सुरक्षा प्राप्त होती है। कोरोना की महामारी के दौरान शरीर का मजबूत होना बहुत ही जरूरी है। ऐसे में अगर आयुर्वेदिक दवाओं के साथ-साथ अणु तेल का प्रयोग करते है तो यह आपके अच्छे…
अनियमित माहवारी का आयुर्वेदिक उपचार | Irregular periods in Hindi पीरियड्स या माहवारी एक प्रकृति से जुड़ी समस्या है जिस पर किसी भी प्रकार की जोर जबरदस्ती नही की जा सकती है परंतु आयुर्वेदिक उपचार का सहारा लेकर पीरियड्स से होने वाली समस्या से बचा जा सकता है । पीरियड्स एक निश्चित उम्र में होते है । एक महिला का मासिक धर्म उसके समग्र प्रजनन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही जरुरी होता है। नियमित मासिक धर्म चक्र लगभग 28 दिनों तक चलता है, हालांकि, महिलाओं का शरीर हमेशा एक तरह काम नहीं करता है। हमें कभी-कभी पीरियड्स में देरी या…
Corona in Pregnancy : प्रेग्नेंसी में कोरोना होने पर क्या करें, जानें एक्सपर्ट की राय गर्भावस्था के समय में गर्भवती (Pregnancy) महिलाओं के शरीर में बहुत ज्यादा परिवर्तन होते है। इस कारण से उनका संक्रमण या फिर सामान्य फ्लू बहुत आसानी से होने का खतरा बना रहता है। य़दि किसी गर्भवती महिला को कोरोना (Corona) संक्रमण हो जाता है तो क्या करें? हाल ही में कुछ ऐसे केस देखने को मिल रहे है कि जिसमें नवजात शिशु कोरोना संक्रमित पाए गए है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं के मन मेें कई ऐसे प्रश्न उठते है कि यदि गर्भवती को कोरोना हो…
कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को कैसे बचाएं – Third Wave of Corona भारतीय चिकित्सक समुदाय द्वारा आशंका जाहिर की है कि कोविड -19 महामारी कोरोना की तीसरी लहर कुछ महीनों में आने की संभावना है। यह तीसरी ऐसी संभावना लगभग-लगभग सभी डॉक्टरों ने व्यक्त की है। ऐसे में भारतीय स्वास्थ्य संस्थानों ने चुनौती का सामना करने के लिए अग्रिम योजना शुरू करने के लिए कमर कसने की तैयारी शुरु कर दी है परंतु इससे घबराने की जरुरत नही है बस कोरोना के प्रोटोकॉल पूरी सावधानी के साथ फॉलो करें। आशा आयुर्वेदा की निःसंतानता विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा कहती…
आयुर्वेद में है: एंड़ोमेट्रियोसिस का इलाज – ENDOMETRIOSIS TREATMENT IN AYURVEDA पूरे विश्व में करीब 90 मिलियन ऐसी महिलाएं है जो एंड़ोमेट्रियोसिस की बीमारी से परेशान है। जिन महिलाओं को एंड़ोमेट्रियोसिस होता है उनकी बच्चेदानी के अंदर लाइनिंग जैसा कुछ बन जाता है जो माहवारी के समय बाहर निकलता है। ENDOMETRIOSIS उन महिलाओं में होता है जो Reproductive Age (15-40 वर्ष) में होती है। अर्थात जिस उम्र में उनको पीरियड आ रहे होते है। एंड़ोमेट्रियोसिस की बीमारी हो जाने के बाद महिला का मासिक चक्र बुरी तरीके से प्रभावित होता है। एंड़ोमेट्रियोसिस से महिला का पूरा प्रजनन तंत्र बिगड़ सकता…